रूस और चीन ने 19 मई, 2021 को अपनी सबसे बड़ी परमाणु ऊर्जा परियोजना का शिलान्यास किया है. इस परियोजना के तहत, मास्को संयुक्त रूप से दो चीनी शहरों में चार उच्च शक्ति वाले परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का निर्माण करेगा.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने यह बताया है कि, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय परमाणु ऊर्जा सहयोग परियोजना के शिलान्यास समारोह को देखने के लिए बीजिंग में आभासी तौर पर शामिल हुए थे.
इस परमाणु ऊर्जा परियोजना के साथ, चीन और रूस ने अपने घनिष्ठ संबंधों को सफलतापूर्वक और अधिक मजबूत कर लिया है क्योंकि वे विभिन्न मुद्दों पर संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ से बढ़ती प्रतिकूलताओं का सामना कर रहे हैं.
Vladimir Putin and President of China Xi Jinping launched construction of four new power units of two nuclear power plants in China https://t.co/Pb4vIBOaHD pic.twitter.com/6VRH3YIdl0
— President of Russia (@KremlinRussia_E) May 19, 2021
रूस और चीन के बीच परमाणु सहयोग
चीन और रूस ने वर्ष, 2018 में एक पैकेज सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जिसके तहत, ये दोनों देश संयुक्त रूप से चीन के तियानवान में स्थित परमाणु ऊर्जा संयंत्र की इकाइयों 7 और 8 के साथ-साथ, जुडापु परमाणु ऊर्जा संयंत्र की इकाइयों 3 और 4 के निर्माण के लिए सहमत हुए थे.
यह अब तक की सबसे बड़ी चीन और रूस परमाणु ऊर्जा सहयोग परियोजना है और यह परियोजना इन दोनों पक्षों के बीच उच्चतम स्तर के सहयोग का भी प्रतिनिधित्व करती है.
इस परमाणु ऊर्जा सहयोग का क्या महत्व है?
यह चार परमाणु ऊर्जा संयंत्र इकाइयों के निर्माण की सफल शुरुआत विज्ञान और प्रौद्योगिकी नवाचार और उच्च अंत उपकरण निर्माण में प्रमुख सहयोग परिणामों को दर्शाती है.
परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में यह परस्पर सहयोग रूस और चीन के बीच व्यावहारिक सहयोग को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा.
चूंकि परमाणु ऊर्जा कुशल और स्वच्छ है, इसलिए चीन में परमाणु ऊर्जा संयंत्र की ये चारों इकाइयां, संचालित होने के बाद, कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को भी प्रभावी ढंग से कम करेंगी.
चीन में परमाणु ऊर्जा संयंत्र
तियानवेन परमाणु ऊर्जा संयंत्र, जिसमें 7 और 8 इकाइयों का निर्माण किया जाएगा, चीन के जिआंगसु प्रांत के लियानयुंगंग शहर में स्थित है.
जुडापु परमाणु ऊर्जा संयंत्र, जिसमें 3 और 4 इकाइयां संयुक्त रूप से चीन और रूस द्वारा बनाई जाएंगी, लिओनिंग प्रांत के जिंगचेंग में स्थित है.
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