Russian Foreign Minister in India: रूस के विदेश मंत्री ने दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय वार्ता की
Russian Foreign Minister in India: रूसी विदेश मंत्री ने भारत और रूस के बीच दोस्ती के रिश्ते को लेकर कहा कि हम दोनों सामरिक भागीदारी विकसित करते रहे हैं और यह हमारी प्राथमिकता रही है.

Russian Foreign Minister in India: रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने दिल्ली में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. रूसी विदेश मंत्री ने भारत और रूस के बीच दोस्ती के रिश्ते को लेकर कहा कि हम दोनों सामरिक भागीदारी विकसित करते रहे हैं और यह हमारी प्राथमिकता रही है.
रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि हम दोनों देश निश्चित रूप से विश्व व्यवस्था में संतुलन बनाने में रुचि रखते हैं. हमने अपने द्विपक्षीय संदर्भ को और ज्यादा मजबूत किया है. उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को शुभकामनाएं भेजी हैं.
किसी भी सामान की आपूर्ति करने हेतु तैयार
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि हम भारत को किसी भी सामान की आपूर्ति करने हेतु तैयार हैं, जो वे हमसे खरीदना चाहता है. हम चर्चा के लिए तैयार हैं. लावरोव ने कहा कि रूस एवं भारत के बीच बहुत अच्छे रिश्ते हैं.
#WATCH I have no doubt no pressure will affect our partnership... They (US) are forcing others to follow their politics: Russian Foreign Minister Sergey Lavrov when asked if US pressure on India will affect Indo-Russian ties pic.twitter.com/rmTnmbS8IZ
— ANI (@ANI) April 1, 2022
विदेश मंत्री ने यूक्रेन विवाद पर क्या बोला?
रूस के विदेश मंत्री ने कहा कि इन दिनों हमारे पश्चिमी देशों एवं उसके सहयोगी देशों के बीच चल रहे विवाद को हम कम करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हम हर हाल में चल रहे विवाद के इस अंतरराष्ट्रीय मुद्दे को यूक्रेन में संकट के रूप में कम करना चाहते हैं. हम इस ओर सार्थक कदम उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने इस विवाद के दौरान भारत के पक्ष की सराहना की है कि भारत इस स्थिति को पूरी तरह से समझ रहा है तथा इसके प्रभाव को भी देख रहा है. वे सबके लिए सोच रहा है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क्या कहा?
बैठक के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह बैठक कोरोना महामारी और कठिन अंतरराष्ट्रीय वातावरण के बीच हो रही है. उन्होंने कहा कि हमारे कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय रिश्ते बने हुए हैं. भारत हमेशा कूटनीति के जरिए मतभेदों को सुलझाने के पक्ष में रहा है.
यह पहली भारत यात्रा
यूक्रेन पर रूस की तरफ से हमले की शुरुआत करने के बाद से रूसी विदेश मंत्री की यह पहली भारत यात्रा है. यूक्रेन के विरुद्ध अपनी कार्रवाई को रूस एक विशेष सैन्य अभियान कहता है.
भारत-रूस संबंध
भारत की आजादी के बाद से ही भारत और रूस के संबंध बहुत अच्छे रहे हैं. बता दें कि हथियारों के हस्तांतरण के मामले में रूस के लिये भारत सबसे बड़ा आयातक है. भारतीय नौसेना की शक्ति तथा इसकी तकनीकी क्षमता को बढ़ाने में रूस का अहम योगदान रहा है.
भारत में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना में भी रूस का अहम योगदान रहा है. आपको बता दें कि रूस एक ऐसा नज़दीकी देश है जिसके साथ भारत का कोई भी बड़ा मतभेद नहीं रहा है. भारत द्वारा रूस के सुदूर पूर्व एवं आर्कटिक क्षेत्र में अपनी पहुँच के विस्तार हेतु कार्य किया जा रहा है.
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