केरल ने संतोष ट्रॉफी के लिए 72वीं राष्ट्रीय फुटबाल चैंपियनशिप के फाइनल में गत चैंपियन पश्चिम बंगाल को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हराकर खिताब जीता. निर्धारित और अतिरिक्त समय के बाद दोनों टीमें 2-2 से बराबर थी जिसके बाद नतीजे के लिए पेनल्टी शूटआउट का सहारा लिया गया.
केरल का यह छठा संतोष ट्रॉफी खिताब है जो उसने 13 साल बाद जीता है. इस मुकाबले के निर्धारित 90 मिनट के बाद मैच 1-1 से बराबर रहा. अतिरिक्त 30 मिनट के खेल के बाद मैच 2-2 से बराबर रहा था.
संतोष ट्रॉफी का खिताबी मुकाबला 32 बार जीतने वाले पश्चिम बंगाल के घरेलू मैदान विवेकानंद युवा भारती क्रीड़ांगण (साल्टलेक स्टेडियम) में खेला गया था. पिछले वर्ष पश्चिम बंगाल ने यह ट्रॉफी जीती थी. पश्चिम बंगाल ने 2011 के बाद छह वर्ष बाद 2017 में यह ट्रॉफी जीती थी.
संतोष ट्रॉफी के बारे में
• इंडियन फुटबाल एसोसिएशन ने वर्ष 1941 में संतोष ट्रॉफी फुटबॉल प्रतियोगिता की शुरुआत की थी.
• इसे राज्य एवं सरकारी संस्थाओं के बीच खेला जाता है.
• स्वर्गीय मनमथा नाथ राय चौधरी ने महाराजा आफ संतोष जो कि अब (बांग्लादेश) क्षेत्र में पड़ता है, के नाम पर इसका नामकरण किया. इसे विजेता टीम को दिया जाता है.
• रनर अप को डॉ एस के गुप्ता की पत्नी की याद में आरंभ की गयी कमला गुप्ता ट्रॉफी दी जाती है. जबकि तीसरे स्थान पर रहने वाले को मैसूर फुटबॉल एसोसिएशन की ओर से संपंगी कप दिया जाता है. संपंगी मैसूर के प्रसिद्ध फुटबॉलर थे.
• अब तक सबसे अधिक पश्चिम बंगाल ने 32 बार संतोष ट्रॉफी का खिताब जीता है.
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