सऊदी अरब ने नाबालिगों के लिए मौत की सज़ा खत्म की

Apr 28, 2020, 17:22 IST

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला राजा सलमान के निर्देशन और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की प्रत्यक्ष देखरेख में शुरू किए गए मानवाधिकार सुधारों का विस्तार है.

Saudi Arabia to end flogging as a form of punishment in Hindi
Saudi Arabia to end flogging as a form of punishment in Hindi

सऊदी अरब के मानवाधिकार आयोग ने घोषणा की है कि उनके राज्य ने नाबालिगों द्वारा किए गए अपराधों के लिए मौत की सज़ा को समाप्त कर दिया है. देश में कोड़े मारने की सज़ा को बंद करने की घोषणा के दो दिन बाद यह घोषणा की गई है.  कार्यकर्ताओं के अनुसार, मानव अधिकारों को लागू करने के मामले में सऊदी अरब के रिकार्ड्स दुनिया में  सबसे खराब हैं.

रियाद द्वारा हस्ताक्षरित बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में यह कहा गया है कि नाबालिगों द्वारा किए गए अपराधों के लिए मौत की सज़ा नहीं दी जानी चाहिए. शीर्ष अदालत का यह फैसला राजा सलमान के निर्देशन और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की प्रत्यक्ष देखरेख में शुरू किए गए मानवाधिकार सुधारों का विस्तार है.

सऊदी अरब के मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष का बयान:

राज्य समर्थित आयोग के अध्यक्ष अव्वाद अलाव्वाद ने 26 अप्रैल को कहा कि शाही फरमान ने ऐसे  मामलों में फांसी की सज़ा को समाप्त करने का फैसला किया है जहां अपराध नाबालिगों द्वारा किए गए थे. इसके बजाय, किसी बाल सुधार गृह में अब 10 साल की जेल की सज़ा होगी. उन्होंने आगे यह भी कहा कि इस घोषित निर्णय से अधिक आदर्श दंड संहिता की स्थापना में मदद मिलेगी.

सऊदी अरब ने यह कदम क्यों उठाया?

यह एक राय है कि सऊदी अरब में मानवाधिकारों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना के मद्देनजर ये कदम उठाए जा रहे हैं.
इसे सउदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान द्वारा पेश किए गए विजन 2030 के अनुरूप, सुधारों को लागू करने के लिए राज्य द्वारा किये गए एक प्रयास के रूप में भी देखा जा सकता है.

मुख्य विशेषताएं:

• मानव अधिकार समूह ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ के अनुसार, सऊदी अरब में 184 लोगों को वर्ष 2019 में फांसी की सज़ा दी गई थी. 

• इन सभी मामलों में से कम से कम एक मामले में दोषी पाए गए नाबालिग व्यक्ति को अपराध के लिए दोषी ठहराया गया.

• कार्यकर्ताओं के अनुसार, देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया गया है और सरकार की आलोचना करने वालों की मनमानी गिरफ्तारी होती है.

• अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह निर्णय कब लागू होगा, क्योंकि इसकी रिपोर्ट राज्य के मीडिया द्वारा तुरंत नहीं दिखाई गई थी.

सऊदी अरब में मानवाधिकार:

मौत की सज़ा में घोषित परिवर्तनों के बावजूद, सऊदी अरब में मानवाधिकार रिकॉर्ड हमेशा गहन जांच का विषय रहे हैं. वर्ष 2018 में इस्तांबुल में स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में पत्रकार जमाल खशोगी की निर्मम हत्या होने के बाद ऐसा करना जरुरी हो गया.

यहां नागरिक अधिकार और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं के जेल में कैद होने की अन्य रिपोर्टें भी हैं जिनमें प्रमुख सऊदी मानवाधिकार प्रचारक की स्ट्रोक के बाद जेल में हुई मृत्यु की एक घटना भी शामिल है. इस देश के कार्यकर्ताओं ने बताया कि यह दुखद घटना अधिकारियों द्वारा चिकित्सा सुविधायें समय पर उपलब्ध न करवाने के कारण घटी थी. 

Anjali is an experienced content developer and Hindi translator with experience in a variety of domains including education and advertising. At jagranjosh.com, she develops Hindi content for College, Career and Counselling sections of the website. She is adept at creating engaging and youth-oriented content for social platforms. She can be contacted at anjali.thakur@jagrannewmedia.com.
... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News