सऊदी अरब की सबसे बड़ी तेल कंपनी सऊदी अरामको ने हाल ही में सबसे बड़ा आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने का रिकॉर्ड बनाया है. कंपनी ने अपने मूल्य दायरे के ऊपरी स्तर पर 25.6 अरब डॉलर जुटाए हैं. कंपनी की योजना के अनुसार, 3 अरब शेयर या 1.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की है.
सऊदी अरामको आईपीओ से पैसे जुटाने के मामले में विश्व की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है. अरामको के बाद चीन की अलीबाबा ने आईपीओ से सबसे ज्यादा पैसे जुटाए हैं. अलीबाबा ने साल 2014 में 25 अरब डॉलर जुटाए थे.
अरामको सऊदी अरब के शेयर बाजार में लिस्टिंग के बाद एपल को पीछे छोड़ विश्व की सबसे अधिक वैल्यूएशन वाली लिस्टेड कंपनी भी बन जाएगी. अरामको ने आईपीओ का मूल्य 8.53 डॉलर तय किया. कंपनी की योजना के अनुसार, तीन बिलियन शेयर या फिर इसके कुल शेयर के 1.5 फीसदी शेयर को 32 सऊदी रियाल (8.53 डॉलर) प्रति शेयर बेचने की योजना है.
उद्देश्य
दरअसल सऊदी अरब अर्थव्यवस्था की तेल पर निर्भरता को कम करना चाहता है, इसलिए तेल कंपनी में शेयर बेचकर दूसरे क्षेत्रों में पूंजी लगाने की योजना है. सऊदी अरब का उद्देश्य देश की अपनी अर्थव्यवस्था में विविधता लाने की योजना है.
सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको
सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको विश्व की सबसे महत्वपूर्ण तेल कंपनियों में से एक है. सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको कच्चे तेल की सबसे बड़ी निर्यातक है. सऊदी अरामको आईपीओ से पैसे जुटाने के मामले में विश्व की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है.
अरामको सऊदी अरब की सरकारी कंपनी है. सऊदी अरामको के क्रूड ऑयल फैसिलिटी सेंटर्स पर हाल ही में ड्रोन हमला हुआ था. आईपीओ के जरिए अरामको की 05 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री करने की योजना थी. अरामको मुनाफे में भी विश्व की सबसे बड़ी कंपनी है.
विश्व के कुल क्रूड उत्पादन का 10 फीसदी अरामको करती है. साल 2016 की सालाना रिपोर्ट के अनुसार कंपनी के पास 26,080 करोड़ बैरल का तेल भंडार था. यह राजस्व के हिसाब से भी विश्व की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है.
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पृष्ठभूमि
सऊदी अरामको पहले देश से बाहर भी स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टिंग हेतु सोच रही थी. सऊदी अरामकों के शेयरों का ट्रेडिंग 12 दिसंबर से शुरू होने की संभावना है, जिसकी घोषणा रियाद स्टॉक एक्सचेंज से होनी है. सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने साल 2016 में पहली बार आईपीओ बनाए जाने के बारे में घोषणा की थी.
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