देश में सार्वजनिक क्षेत्र के शीर्ष बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 17 मई 2016 को अपने पांच सहयोगी बैंकों तथा नवगठित भारतीय महिला बैंक (बीएमबी) के खुद में विलय के लिए सरकार से अनुमति मांगी है. इससे सार्वजनिक बैंकिंग क्षेत्र में एकीकरण की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी.
इस प्रस्ताव के तहत एसबीआई इन बैंकों का कारोबार, परिसंपत्तियों तथा देनदारियों का अधिग्रहण करेगा.
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के पांच सहायक बैंकों में- स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर तथा स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद शामिल हैं.
इनमें से स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर तथा स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर सूचीबद्ध हैं.
इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
• विलय का सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि भारतीय स्टेट बैंक और भी बड़ा बैंक बन जाएगा.
• 31 मार्च 2016 तक के उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, पांच सहयोगी बैंकों के पास कुल जमा 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है जबकि इन्होंने करीब 4 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दे रखा है.
• इन पांच बैंकों का नेटवर्थ करीब 90 लाख करोड़ रुपये है. साथ ही इन 5 में अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या करीब 70 हजार है.
• 31 मार्च 2015 तक के आंकड़े बताते हैं कि नवम्बर 2013 में लांच किए गए भारतीय महिला बैंक की कुल जमा 751 करोड़ रुपये थी जबकि इसने करीब 350 करोड़ रुपये का कर्ज दे रखा था.
• इस अधिग्रहण से बेहतर तरीके से कामकाज का संचालन हो सकेगा जिससे पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित हो सकेगी.
• विलय से एसबीआई का बहीखाता बढ़कर 37 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा. जो अभी 28 लाख करोड़ रुपये है.
एसबीआई ने सबसे पहले स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र को 2008 में खुद में मिलाया था. उसके बाद 2010 में उसने स्टेट बैंक ऑफ इंदौर का विलय किया था.
Now get latest Current Affairs on mobile, Download # 1 Current Affairs App
Comments
All Comments (0)
Join the conversation