भारत के मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट (एससी) कोलेजियम ने 4 मई 2016 को उच्च न्यायालय के तीन मुख्य न्यायाधीशों और सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील के पदोन्नति की सिफारिश की है.
16 अक्टूबर 2015 को सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ द्वारा राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) अधिनियम को निरस्त करने के बाद सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति की यह पहली सिफारिश है.
NJAC 22 वर्ष पुराने कोलेजियम प्रणाली को बदलना चाहता था और सुप्रीम कोर्ट एवं उच्च न्यायालयों में जजों की नियुक्ति में राजनेताओं को बराबर महत्व देने की मांग कर रहा था.
तीन न्यायाधीश हैं–
• जस्टिस एएम खानविल्कर, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय
• जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, इलाहाबाद उच्च न्यायालय
• केरल उच्च न्यायालय के सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अशोक भूषण
एल नागेश्वर राव- चौथी नियुक्ति
• यह वरिष्ठ वकील हैं.
• आय से अधिक संपत्ति के मामले में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के सुप्रीम कोर्ट में वकील थे.
• ये यूपीए–II सरकार में और वर्तमान एनडीए सरकार में पद से इस्तीफा देने से पहले सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल भी थे.
• अगर राव की नियुक्ति पर मुहर लग जाती है तो सुप्रीम कोर्ट में सीधे नियुक्त किए जाने के मामले में वे भारत के कानून के इतिहास के सातवें व्यक्ति होंगे.
सुप्रीम कोर्ट में पहले सीधे नियुक्त किए गए व्यक्ति
बार से सुप्रीम कोर्ट में सीधे नियुक्त किए जाने वाले छह पूर्व जजों में शामिल हैं–
• जस्टिस एसएम सिकरी (1964): बार से सीधे नियुक्त किए जाने वाले वे पहले व्यक्ति थे. जनवरी 1971 में वे भारत के मुख्य न्यायाधीश बने थे और अप्रैल 1973 में अपने पद से सेवानिवृत्त हुए थे.
• जस्टिस एससी रॉय (1971): चार महीने तक पद पर रहने के बाद उनकी मृत्यु हो गई थी.
• जस्टिस कुलदीप सिंह (1988): दिसंबर 1996 में सेवानिवृत्त हुए थे.
• जस्टिस संतोष हेगड़े (1999): जून 2005 में सेवानिवृत्त हुए थे.
• जस्टिस रोहिन्टन एफ नरिमन (2014): 12 अगस्त 2021 को 65 वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद वे सेवानिवृत्त होंगे.
• यूयू ललित (अगस्त 2014): बार से सीधे सुप्रीमकोर्ट का जज बनने वाले वे छठे व्यक्ति हैं. इस पद पर अपनी सेवानिवृत्ति 8 नवंबर 2022 तक बने रहेंगे.
इसके अलावा, आंध्र प्रदेश/ तेलंगाना उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीबी भोंसले को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जस्टिस चंद्रचूड़ के स्थान पर चीफ जस्टिस के पद पर नियुक्त किए जाने की सिफारिश की है.
सुप्रीम कोर्ट की शक्ति
अगर इन सिफारिशों को मान लिया जाता है तो सुप्रीम कोर्ट की न्यायिक शक्ति 25 से बढ़कर 28 हो जाएगी. ऐसा न करने की स्थिति में सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 2016 में 20 रह जाएगी क्योंकि इस वर्ष के अंत तक पांच जज सेवानिवृत्त होने वाले हैं. ये पांच जज हैं–
• जस्टिस एफएमआई कालिफुल्ला, जुलाई में
• जस्टिस वी गोपाला गौड़ा, अक्टूबर में
• जस्टिस सी नागप्पन, अक्टूबर में
• जस्टिस अनिल आर दवे, नवंबर में
• जस्टिस शिव कीर्ति सिंह, नवंबर में
सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर किन्हें नियुक्त किया जा सकता है?
आमतौर पर उच्च न्यायालय के भूतपूर्व मुख्य न्यायाधीश को पदोन्नति देकर सुप्रीमकोर्ट में जज बनाया जाता है, हालांकि बार के वकीलों को भी कभी–कभी उच्च न्यायालय के जज के पद पर पदोन्नत किया जाता है.
भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 (3) के अनुसार सुप्रीम कोर्ट खंडपीठ में तीन श्रेणियों के व्यक्तियों की नियुक्ति की जा सकती है, ये हैं– उच्च न्यायालय के जज, वकील और प्रतिष्ठित विधिवेत्ता.
Now get latest Current Affairs on mobile, Download # 1 Current Affairs App
Comments
All Comments (0)
Join the conversation