वैज्ञानिकों ने हाल ही में सौर मंडल के बाहर ग्रहों के समूह की पहचान की. इन ग्रहों पर उसी तरह की रासायनिक स्थितियां हैं जो संभवत धरती पर जीवन का कारण बनी होंगी.
ब्रिटेन में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि पृथ्वी जैसे एक चट्टानी ग्रह की सतह पर जीवन के विकास की संभावनाएं हैं और इनका संबंध ग्रह के ‘‘होस्ट स्टार’’ से है.
साइंस एडवांस जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में दावा किया गया है कि पृथ्वी पर पहले पहल हुए जीवन के विकास की स्थिति की ही तरह तारों ने पराबैंगनीकिरणों (यूवी) के प्रकाश को उसी तरह इन ग्रहों पर भी छोड़ा जिससे इन ग्रहों में भी जीवन की शुरूआत हो सकती है.
मुख्य तथ्य:
- पृथ्वी पर यूवी प्रकाश से रासायनिक प्रतिक्रियाएं होती हैं और इससे जीवन का निर्माण होता है.
- शोधकर्ताओं ने ऐसे कई ग्रहों की पहचान की है जहां उनके ‘‘होस्ट स्टार’’ से यूवी प्रकाश इन रासायनिक प्रतिक्रियाओं को होने की अनुमति देने के लिए पर्याप्त है और यह रहने योग्य सीमा के भीतर स्थित है जहां ग्रह की सतह पर तरल पानी भी मौजूद हो सकता है.
- धरती पर यूवी प्रकाश से केमिकल रिएक्शन होते हैं और इससे जीवन का निर्माण होता है.
- शोधकर्ताओं ने पाया कि धरती जैसे चट्टानी ग्रह पर जीवन के विकास की संभावनाओं का संबंध उस तारे से होता है जिसकी वह परिक्रमा करता है.
- ब्रिटेन में कैंब्रिज और मेडिकल रिसर्च काउंसिल लेबोरेटरी ऑफ मोलेक्यूलर बायोलॉजी के शोधकर्ता पॉल रिमर ने कहा की यह अध्ययन हमें जीवन की तलाश के लिए बेहतर स्थानों तक सीमित कर सकता है.
- हमारे सौरमंडल में इस ग्रह के समान कोई दूसरा ग्रह नहीं है और यह आज तक खोजे गए हजारों बाहरी ग्रह में से सबसे दुर्लभ है.
- इससे पहले हाल में वैज्ञानिकों ने ऐसे कई ग्रह खोजे थे जिनमें जीवन की संभावना को प्रबल बताया गया था.
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