बाजार नियामक सेबी ने 12 जून 2018 को भारतीय कंपनियों की सूचीबद्घता पर प्रत्यक्ष रूप से नजर रखे जाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाई है.
मौजूदा ढांचे के तहत कोई घरेलू कंपनी अपने देश के बाजार में सूचीबद्घ हुए बगैर विदेशी एक्सचेंज पर सूचीबद्घ नहीं हो सकती. इस विशेषज्ञ समिति में 9 सदस्यीय टीम होगी. यह इंडियन डिपोजिटरी रिसीट (आईडीआर) मानकों की समीक्षा के लिए भी जिम्मेदार होगी जिससे विदेशी कंपनियों को घरेलू बाजार में पूंजी जुटाने की अनुमति मिलेगी.
मौजूदा समय में, स्टैंडर्ड चार्टर्ड पीएलसी एकमात्र सूचीबद्घ आईडीआर है.
विशेषज्ञ समिति की संरचना:
क्रम संख्या | नाम | पदनाम और संस्थान |
1 | रानू वोहरा | सह संस्थापक, प्रबंध निदेशक और एवेंडस कैपिटल के सीईओ |
2 | सिरिल श्रॉफ | कानूनी फर्म सिरिल अमरचंद मंगलदास के मैनेजिंग पार्टनर |
3 | कमल यादव | मॉर्गन स्टेनली प्रौद्योगिकी के प्रबंध निदेशक, मीडिया और टेलीकॉम बैंकिंग |
4 | एस रमेश | प्रबंध निदेशक और सीईओ, कोटक निवेश बैंकिंग |
5 | नीरज भार्गव | वरिष्ठ प्रबंध निदेशक और सीईओ, ज़ोडियस कैपिटल एडवाइजर्स |
6 | दीप कालरा | मेकमाइट्रिप डॉटकॉम के चेयरमैन |
7 | राजीव गुप्ता | सिंगापुर के लैथम एंड वाटकिन्स एलएलपी |
8 | जमील खत्री | लेखा सलाहकार सेवा के ग्लोबल हेड, केपीएमजी, एलएलपी |
9 | सुजीत प्रसाद | कार्यकारी निदेशक, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (संयोजक) |
विदेश में सूचीबद्घता के लिए इस नए ढांचे से भारतीय स्टार्टअप्स को अपनी पसंद के क्षेत्राधिकार में सूचीबद्घ होने में मदद मिल सकती है. ज्यादातर ई-कॉमर्स कंपनियां नैस्डैक में सूचीबद्घ होना पसंद करती हैं.
नैस्डैक अमेरिका में टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए एक उपयुक्त प्लेटफॉर्म है, क्योंकि यह बेहतर मूल्यांकन दिलाता है. सेबी के अनुसार 'पूंजी बाजारों के विकास और अंतर्राष्ट्रीयकरण को देखते हुए भारतीय कंपनियों को देश से बाहर अपनी इक्विटी शेयर पूंजी को प्रत्यक्ष रूप से सूचीबद्घ कराने में मदद मुहैया कराना बेहद महत्वपूर्ण होगा. इस संबंध में इस मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाने का निर्णय लिया गया.
सेबी ने स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा पेश इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग प्लेटफार्म (आईटीपी) की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया है. वर्ष 2015 में पेश आईटीपी स्टार्टअप कंपनियों को पूंजी उगाही के बगैर सूचीबद्घ होने की अनुमति प्रदान करता है. इस प्लेटफॉर्म का मकसद ई-कॉमर्स और डेटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में परिचालन कर रही नए जमाने की कंपनियों की राह आसान बनाना है.
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