भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 12 जून 2018 को एक पैनल का गठन किया. इसका उद्देश्य संस्थागत व्यापार प्लेटफार्म (आईटीपी) की समीक्षा करना है ताकि स्टार्टअप कम्पनियों के लिए स्टॉक मार्केट लिस्टिंग रुचिकर हो सके.
यह पैनल सेबी को एक महीने के भीतर अर्थात् जुलाई 2018 तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगा.
पैनल का कार्य
• यह पैनल मौजूदा संस्थागत ट्रेडिंग प्लेटफार्म (आईटीपी) फ्रेमवर्क पर ध्यान देगा तथा स्टार्टअप कम्पनियों को शेयर बाज़ार सूची के लिए सुविधा प्रदान करेगा.
• वर्तमान आईटीपी फ्रेमवर्क का अध्ययन करके उन क्षेत्रों की पहचान करेगा जहां बदलाव की आवश्यकता है.
• आईटीपी से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए यह समूह मूल्यांकन कर सकता है.
पैनल के सदस्य
इस पैनल के सदस्यों में निम्न संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे:
• इंडियन सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट इंडस्ट्री राउंड टेबल (iSPIRT)
• द इंडस एंटरप्रेन्योर्स (TIE)
• इंडियन प्राइवेट इक्विटी एंड वेंचर कैपिटल एसोसिएशन (IVCA)
• लॉ फर्म
• मर्चेंट बैंकर
• शेयर बाजार
पृष्ठभूमि
सेबी ने 2015 में नये युग की कम्पनियों को आईटीपी फ्रेमवर्क
ई-कॉमर्स, डेटा एनालिटिक्स, बायो-टेक्नोलॉजी और नये युग की अन्य स्टार्टअप कम्पनियों की सूची को सुविधाजनक बनाने के लिए सेबी ने 2015 में आईटीपी ढांचा आरंभ किया था.
हालांकि यह फ्रेमवर्क ढांचे में किसी प्रकार की मजबूती लाने में विफल रहा.
स्टार्टअप को मजबूती प्रदान करने के लिए सेबी के कदम |
मार्च 2018 में सेबी बोर्ड ने उद्यम पूँजी उपक्रमों में एंजेल फंड द्वारा 10 करोड़ रुपये तक की निवेश सीमा को दोगुना करने को मंजूरी प्रदान की. यह निर्णय नव-गठित स्टार्टअप को प्रोत्साहन प्रदान करने की दिशा में एक कदम है. एंजेल फंड – वैकल्पिक निवेश पूँजी (एआईएफ) की एक उप-श्रेणी, इससे उन स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है जिन्हें अपने शुरूआती दौर में बैंकों अथवा वित्तीय संस्थाओं से पूँजी हासिल करने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है. |
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