गुजरात में Sex Ratio सबसे बदतर, घटकर 854 पर पहुंचा: नीति आयोग रिपोर्ट

नीति आयोग ने हाल ही में भारत में घटते लिंगानुपात पर 'स्वस्थ राज्य, प्रगतिशील भारत’ नामक रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट में भारत के 21 राज्यों पर सर्वेक्षण किया गया था जिसमें से 17 में गिरावट दर्ज की गयी. इस सूची में गुजरात में सबसे अधिक लिंगानुपात पाया गया.

Feb 19, 2018, 09:55 IST
Sex ratio in India dips in 17 large states Gujarat tops list
Sex ratio in India dips in 17 large states Gujarat tops list

नीति आयोग द्वारा हाल ही में जारी की गयी लिंगानुपात से संबंधित रिपोर्ट में भारत में 21 राज्यों के आंकड़े दिए गये हैं. इन आंकड़ों के अनुसार 17 राज्यों में लिंगानुपात में काफी गिरावट दर्ज की गयी है. पुरुषों एवं महिलाओं की संख्या में सबसे बड़ा अंतर गुजरात में देखने को मिला है.

नीति आयोग द्वारा ‘स्वस्थ राज्य, प्रगतिशील भारत’ नामक रिपोर्ट जारी की गयी. नीति आयोग ने यह रिपोर्ट 2015-16 की अवधि के लिए जारी की है. इसे तीन श्रेणियों बड़े राज्य, छोटे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के आधार पर तैयार किया गया है.

नीति आयोग द्वारा जारी लिंगानुपात रिपोर्ट के प्रमुख तथ्य


•    नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, जन्म के समय लिंगानुपात मामले में 10 या उससे अधिक अंकों की गिरावट के साथ गुजरात में प्रति 1,000 पुरुषों पर 907 महिलाओं का अनुपात अब गिरकर 854 हो गया है. यहां साल 2012-14 (आधार वर्ष) से 2013-15 (संदर्भ वर्ष) के बीच 53 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है.

•    स्वस्थ राज्य, प्रगतिशील भारत की रिपोर्ट के अनुसार गुजरात के बाद हरियाणा का स्थान है. यहां 35 प्वाइंट्स की गिरावट दर्ज हुई है.

•    इसके बाद राजस्थान (32 पॉइंट्स), उत्तराखंड (27 पॉइंट्स), महाराष्ट्र (18 पॉइंट्स), हिमाचल प्रदेश (14 पॉइंट्स), छत्तीसगढ़ (12 पॉइंट्स) और कर्नाटक (11 पॉइंट्स) की गिरावट हुई है.

•    इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जन्म के समय लिंगानुपात के मामले में पंजाब में सुधार हुआ है.

•    यहां 19 पॉइंट्स की वृद्धि हुई है जबकि उत्तर प्रदेश में 10 पॉइंट्स और बिहार में 9 पॉइंट्स की वृद्धि हुई है.

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रिपोर्ट का महत्व

यह रिपोर्ट राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए प्रदर्शन का आकलन करने और उसे रैंक देने की केंद्र सरकार की एक कवायद है. गौरतलब है कि इसी रिपोर्ट के तहत जारी स्वास्थ्य सूचकांक में 21 बड़े राज्यों में उत्तर प्रदेश को सबसे निचले पायदान पर पर रखा गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम, 1994 (पीसीपीएनडीटी)’ को लागू करने और लड़कियों के महत्व के बारे में प्रचार करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने की जरूरत है. नीति आयोग द्वारा जारी इस रिपोर्ट में भ्रूण का लिंग परीक्षण कराने के बाद किए जाने वाले गर्भपात के मामलों में भी जांच की जरूरत पर जोर दिया है.

लिंगानुपात क्या होता है?


लिंगानुपात या लिंग का अनुपात से तात्पर्य किसी क्षेत्र विशेष में पुरुष एवं स्त्री की संख्या के अनुपात को कहते हैं. प्राय: किसी भौगोलिक क्षेत्र में प्रति 1,000 पुरुषों के मुकाबले स्त्रियों की संख्या को इसका मानक माना जाता है. भारत में 1901 की जनगणना में प्रति 1000 पुरुषों के मुकाबले 972 महिलाएं थीं जबकि 2011 की जनगणना में यह संख्या घटकर 940 रह गयी. सबसे अधिक गिरावट 1991 की जनगणना में दर्ज की गयी थी, उस समय स्त्रियों की संख्या प्रति 1000 पुरुषों के अनुपात में 927 दर्ज की थी थी.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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