झारखण्ड निवासी शशिकांत महतो ने मलेशिया के क्वालालाम्पुर में 20 जुलाई से 23 जुलाई 2017 के मध्य आयोजित वुशू प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता है. शशिकांत महतो गोला प्रखंड के सुदूरवर्ती बरलंगा थाना क्षेत्र के ऊपर बरगा निवासी गाँव निवासी हैं.
कुआलालंपुर में होने वाले मलेशिया वुशु चैंपियनशिप में झारखण्ड की पायल कुमारी ने भी रजत पदक प्राप्त किया है. शशिकांत महतो को प्रशिक्षक वाहिद अली ने प्रशिक्षण प्रदान किया था.
शशिकांत के बारे में-
शशिकांत के पिता हरिबोल महतो गांव के किसान है.
शशिकांत मुरी के संत माइकल स्कूल में नौवीं कक्षा का छात्र है.
इससे पूर्व भी वह स्कूल स्तर पर आयोजित जूनियर राष्ट्रीय वुशु प्रतियोगिता में कई बार पदक अपने नाम कर चुका है.
वुशु खेल के बारे में-
वुशु मार्शल आर्ट की ही विधाओं जैसे जूडो-कराटे, ताइक्वांडो में से एक है. यह जूडो-कराटे, ताइक्वांडो की तुलना में कम चर्चित है. धीरे-धीरे खिलाडि़यों में इसका क्रेज बढ़ता जा रहा है.
भारतीय वुशु टीम झारखंड वुशु संघ के सदस्य शिवेंद्र दुबे और सुहेल अहमद की देखरेख में मलेशिया गई. वुशु संघ के सदस्य शिवेंद्र दुबे भारतीय टीम के मैनेजर बनाए गए. भारतीय टीम के अन्य सदस्य के रूप में दीपिका, गुरलीन कौर, ऋषिकेश, विनोद भाई पटेल, कपिल कुमार, अम्बिदा अख्तर शामिल हैं.
अभाव के बावजूद स्वर्ण जीता-
काफी परेशानियों के बीच शशिकांत ने कठिन परिश्रम के साथ अपने लक्ष्य को पाने के लिए दिन-रात एक कर दी. इनके पिता ने गांव में खेती-बारी कर बेटे की पढ़ाई निजी स्कूल में जारी रखी और उसके खेलकूद की रुचि को भी प्रोत्साहित किया.

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