मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सरकार बना ली है. मध्य प्रदेश बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना, जिसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है.
20 मार्च 2020 को कमलनाथ के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शिवराज सिंह चौहान ही सबसे मजबूत दावेदार थे. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री की शपथ लेने के तुरंत बाद शिवराज सिंह चौहान सीधे बल्लभ भवन (मंत्रालय) गए और वहां राज्य के आला अधिकारियों से कोरोना वायरस की महामारी से निपटने को लेकर आपात बैठक की.
चौथी बार मुख्यमंत्री बने शिवराज सिंह चौहान
शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद चौथी बार मध्य प्रदेश की कमान संभाली है. वे पहली बार 29 नवंबर 2005 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद शिवराज सिंह चौहान 12 दिसंबर 2008 में दूसरी बार मुख्यमंत्री बने. उन्होंने 08 दिसंबर 2013 को तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
शिवराज सिंह चौहान के फिर मुख्यमंत्री बनने पर मध्यप्रदेश के इतिहास में पहला मौका है, जब कोई चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. शिवराज सिंह चौहान के अलावा अब तक अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल तीन-तीन बार मुख्यमंत्री रहे हैं.
कमलनाथ सरकार क्यों गिरी थी?
हाल में ही मध्य प्रदेश से कमलनाथ सरकार गिर गयी. हाल ही में, कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था. इसमें 6 मंत्री शामिल थे. अध्यक्ष ने मंत्रियों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया था. इस्तीफे के कारण कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी, लेकिन फ्लोर टेस्ट कराने की बजाए सदन को स्थगित कर दिया गया था.
कमलनाथ का इस्तीफा
मध्य प्रदेश का यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने कमलनाथ सरकार को तुरंत फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया. आदेश के बाद अध्यक्ष ने सभी 16 विधायकों का इस्तीफा मंजूर किया और फ्लोर टेस्ट से पहले ही कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
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