जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने 22 जनवरी, 2021 को आदिवासी प्रवासी श्रमिकों से संबंधित डाटा एकत्र करने के लिए ‘श्रमशक्ति’ पोर्टल लॉन्च किया है और ऐसे श्रमिकों को मौजूदा कल्याणकारी योजनाओं से भी जोड़ा जाएगा.
जनजातीय मामलों के मंत्री, अर्जुन मुंडा ने डिजिटल पोर्टल ‘श्रमशक्ति’ की शुरुआत करते हुए यह कहा कि, प्रवासी श्रमिकों के बारे में वास्तविक समय के आंकड़ों की कमी केंद्र और राज्य सरकारों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है.
प्रवासी श्रमिकों के बारे में डाटा की अनुलब्धता भी सरकारों को प्रवासी श्रमिकों के कल्याण के लिए प्रभावी नीतिगत निर्णय और रणनीति तैयार करने से रोक रही थी.
महत्व
‘श्रमशक्ति’ डिजिटल पोर्टल डाटा अंतर को सफलतापूर्वक दूर करने में सक्षम होगा और प्रवासी श्रमिकों को भी सशक्त करेगा, जो आम तौर पर आय सृजन और रोजगार की तलाश में देश-प्रदेश में आवाजाही करते हैं.
श्रमशक्ति पोर्टल
‘श्रमशक्ति’ पोर्टल के माध्यम से एकत्र किए गए डाटा में आजीविका विकल्प जनसांख्यिकीय प्रोफ़ाइल, माइग्रेशन पैटर्न और कौशल मानचित्रण शामिल होंगे.
जनजातीय मामलों के मंत्री, अर्जुन मुंडा के अनुसार, कोविड - 19 महामारी के कारण तालाबंदी/ लॉकडाउन की घोषणा के बाद देश भर के प्रवासियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है. उन्होंने आगे यह कहा कि, आदिवासी का प्रवास संकट से प्रेरित होता है और इसके साथ ही प्रवासियों को असुरक्षित और कठिन परिस्थितियों ज्यादा प्रभावित करती हैं.
श्रमसाथी: जनजातीय प्रशिक्षण मॉड्यूल
जनजातीय मामलों के मंत्री ने आदिवासी प्रशिक्षण मॉड्यूल 'श्रमसाथी' भी लॉन्च किया. यह सुनिश्चित करेगा कि आजीविका प्रवासन की प्रक्रिया उत्पादक और सुरक्षित हो.
प्रशिक्षण के बाद आदिवासी प्रवासी श्रमिक, ऐसी सेवाओं और साथ ही उन अधिकारों की मांग कर सकेंगे, जो प्रवासन से पहले उनके गांवों में और उनके प्रवास के बाद उनके संबद्ध शहर में सामाजिक सुरक्षा और आजीविका से संबंधित हैं.
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