भारतीय नौसेना 23-25 नवंबर, 2020 को अंडमान सागर में भारत - सिंगापुर द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास (SIMBEX-20) के 27 वें संस्करण (एडिशन) की मेजबानी कर रही है.
भारतीय नौसेना और सिंगापुर नौसेना गणराज्य (RSN) के बीच वर्ष 1994 से हर साल SIMBEX अभ्यास आयोजित किया जा रहा है. इस अभ्यास का उद्देश्य दो नौसेनाओं के बीच अंतर-संचालन को बढ़ावा देना और एक-दूसरे से सर्वोत्तम प्रथाओं को सीखना है.
पिछले दो दशकों में इस अभ्यास के दायरे और जटिलता में काफी वृद्धि हुई है, जिसमें समुद्री अभियानों की विस्तृत श्रृंखला को कवर करने वाले उन्नत नौसेना अभ्यास शामिल हैं.
SIMBEX-20: मुख्य विशेषताएं
- SIMBEX-20 भारतीय पक्ष से INS राणा की भागीदारी का गवाह बनेगा. इस अभियान में अभिन्न चेतक हेलीकॉप्टर और देश में ही निर्मित कोरवेट कामोर्टा और करमुक भी शामिल होंगे. INS सिंधुराज और P8I समुद्री विमान भी इस अभ्यास में भाग लेंगे.
- सिंगापुर नौसेना का प्रतिनिधित्व सिंगापुर ‘फॉर्मिडेबल' क्लास फ्रिगेट्स ‘इन्ट्रीपिड' और ‘स्टीडफ़ास्ट’ द्वारा किया जाएगा. फ्रिगेट्स से इंटीग्रल S70B हेलीकॉप्टर और 'एंडीवर' जुड़ेंगे, जो एक 'एंड्योरेंस' क्लास लैंडिंग शिप टैंक है.
- कोविड -19 महामारी द्वारा उत्पन्न चुनौतियों के कारण समुद्र में केवल 'संपर्क-रहित' तौर पर इस अभ्यास का आयोजन किया जा रहा है.
- यह अभ्यास समुद्री क्षेत्र में दो मित्र नौसेनाओं और समुद्री पड़ोसियों के बीच आपसी विश्वास, आत्मविश्वास, तालमेल और सहयोग के उच्च स्तर को उजागर करता है.
- इस अभ्यास में समुद्र में तीन दिनों के गहन संयुक्त अभियानों में उन्नत सतही, एंटी-एयर वॉरफेयर और हथियार-फायरिंग सहित पनडुब्बी-रोधी युद्ध अभ्यास शामिल होंगे.
महत्व
यह SIMBEX अभियान, समुद्री क्षेत्र में भारत और सिंगापुर के बीच उच्च-स्तरीय समन्वय की मिसाल देता है. यह एक नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के लिए दोनों राष्ट्रों की प्रतिबद्धता को भी उजागर करता है और इस अभियान का उद्देश्य इस समुद्री क्षेत्र में समग्र समुद्री सुरक्षा को बढ़ाना है.
पृष्ठभूमि
भारत-सिंगापुर द्विपक्षीय सहयोग पहली बार तब औपचारिक रूप से स्थापित किया गया था, जब सिंगापुर नौसेना के जहाजों ने वर्ष 1994 में भारतीय नौसेना के साथ प्रशिक्षण शुरू किया था.
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