सुप्रीम कोर्ट ने 01 सितम्बर 2020 को टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया को एजीआर भुगतना करने के लिए 10 साल का समय दिया है. बता दें कि कंपनी ने कोर्ट में दलील पेश करते हुए कहा था कि यदि अभी एजीआर भुगतान का आदेश दिया गया तो कंगाली की स्थिति आ जाएगी.
टेलिकॉम कंपनियों पर कुल 1.47 लाख करोड़ रुपये बकाया हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 10 साल की राहत देने की ये अवधि 01 अप्रैल 2021 से शुरू होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि टेलिकॉम कंपनियों को 31 मार्च 2021 तक एजीआर बकाया के 10 प्रतिशत चुकाने होंगे. वहीं बाकी का पैसा हर साल 7 फरवरी को एक किस्त के रूप में देना होगा.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि कोविड संकट को देखते हुए यह मोहलत दी जा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों से कहा कि वो एजीआर की रकम का भुगतान किश्तों में कर सकती हैं. इसके लिए कंपनियों के सभी मैनेजिंग डायरेक्टर्स, चेयरमैन को हलफनामा देना होगा.
चार सप्ताह के भीतर व्यक्तिगत गारंटी
सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को निर्देश दिया है कि वे चार सप्ताह के भीतर व्यक्तिगत गारंटी दें. सुनवाई के दौरान, टाटा टेलीकॉम ने अदालत को बताया कि देय राशि के भुगतान के लिए कम से कम 7-10 वर्षों की जरूरत होगी.
टेलीकॉम यूजर्स के लिए अच्छी खबर
यह टेलीकॉम यूजर्स के लिए भी अच्छी खबर है, क्योंकि अब टेलीकॉम कंपनियां टैरिफ फिलहाल नहीं बढ़ाएंगी. जस्टिस अरुण मिश्रा 02 सितंबर को ही रिटायर हो रहे हैं. कोर्ट ने कहा था कि यह फैसला तीन आधार पर होगा. टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने मार्च में सुप्रीम कोर्ट में एजीआर चुकाने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को 20 साल की मोहलत देने की अपील की थी. इसमें स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज, लाइसेंस फीस, ब्याज, पेनाल्टी सभी कुछ शामिल है.
टेलीकॉम कंपनियों पर बकाया
टेलीकॉम कंपनियों पर कुल AGR बकाया 1.47 लाख करोड़ रुपये है. इसमें भारती एयरटेल पर AGR का 43,780 करोड़ रुपये, वोडाफोन आइडिया पर 58000 करोड़ रुपये बकाया है. वोडाफोन ने अबतक 7854 करोड़ रुपये ही चुकाए हैं. जबकि एयरटेल ने 18,000 करोड़ रुपये भरे हैं, अभी 25976 करोड़ रुपये उसे और जमा करने हैं.
कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था
टेलीकॉम कंपनियों को समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) जमा करने को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 21 जुलाई को केंद्र की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह टेलीकॉम कंपनियों को बकाया राशि की फिर से गणना करने की अनुमति नहीं देगा.
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