भारतीय राजस्व सेवा (आई आर एस) के पूर्व अधिकारी सुशील चंद्रा को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है. वे सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेशन (सीबीडीटी) प्रमुख पद पर भी थे, उन्हें 14 फरवरी 2019 को इस पद पर नियुक्त किया गया.
उनकी नियुक्ति को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी प्रदान कर दी है. सीबीडीटी के चेयरमैन के तौर पर उनका कार्यकाल इस साल मई में खत्म हो रहा था. उनका कार्यकाल 2016 से दो बार बढ़ाया जा चुका है.
सुशील चंद्रा
• सुशील चंद्रा आईआईटी स्नातक व 1980 बैच के इंडियन रेवेन्यू सर्विस (आईआरएस) अधिकारी हैं.
• टीएस कृष्णमूर्ति के बाद चंद्रा दूसरे ऐसे आईआरएस अफसर हैं, जिन्हें चुनाव आयुक्त बनाया गया है. कृष्णमूर्ति को 2004 में मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था.
• चंद्रा की नियुक्ति पदभार ग्रहण करने के दिन से प्रभावी मानी जाएगी.
• इसके बाद सुनील अरोड़ा को मुख्य चुनाव आयुक्त बनाए जाने के बाद से तीन सदस्यीय चुनाव आयोग में एक पद खाली था.
• चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त के अलावा दो चुनाव आयुक्त होते हैं. चंद्रा के अलावा अशोक लवासा चुनाव आयुक्त हैं.
भारत का निर्वाचन आयोग
भारत का निर्वाचन आयोग एक स्थायी संवैधानिक निकाय है. संविधान के उपबंधों के अनुरूप 25 जनवरी 1950 को इसकी स्थापना की गयी. चुनाव आयोग का गठन निम्न लोगों को मिलकर किया जाता है:
मुख्य निर्वाचन आयुक्त: अनुच्छेद 324 के खण्ड (2) के अनुसार एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त होगा जिसे उपखण्ड (3) के अनुसार अध्यक्ष के रूप में जाना जायेगा.
अन्य निर्वाचन आयुक्त: अनुच्छेद 324 के खण्ड (2) के अनुसार उतने अन्य निर्वाचन आयुक्त होंगे जितने राष्ट्रपति समय-समय पर नियत करे. खण्ड (2) के अनुसार मुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति संसद द्वारा बनायी गयी विधि के अधीन करेगा.
प्रादेशिक निर्वाचन आयुक्त: अनुच्छेद 324 के खण्ड (4) के अनुसार लोकसभा, राज्य की विधानसभा और विधान परिषद के निर्वाचन से पहले राष्ट्रपति निर्वाचन आयोग से सलाह लेकर उतने प्रादेशिक निर्वाचन आयुक्तों को नियुक्त कर सकेगा जितने वह उचित समझता है.
कर्मचारी: अनुच्छेद 324 के खण्ड (5) के अनुसार निर्वाचन आयोग के अनुरोध पर राष्ट्रपति या राज्य का राज्यपाल निर्वाचन आयोग या प्रादेशिक आयुक्तों को उतने कर्मचारी उपलब्ध करायेगा जितने आवश्यक हो.
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