केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) ने हाल ही में 14 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के अतिरिक्त 126 शहरों में 'स्वनिधि से समृद्धि' कार्यक्रम शुरू किया है. यह भारतीय गुणता परिषद (QCI) कार्यक्रम के लिये कार्यान्वयन भागीदार है.
यह ‘पीएम स्वनिधि’ योजना का एक अतिरिक्त कार्यक्रम है. इसे 04 जनवरी, 2021 को 125 शहरों में ‘पीएम स्वनिधि’ लाभार्थियों एवं उनके परिवारों के सामाजिक-आर्थिक प्रोफाइल को चिह्णित करने के लिए लॉन्च किया गया था.
28 लाख रेहड़ी-पटरी
यह विभिन्न केंद्रीय कल्याण योजनाओं (आठ) के लिये लाभार्थियों की संभावित पात्रता का आकलन करता है तथा इन योजनाओं से जुड़ाव की सुविधा प्रदान करता है. बयान में कहा गया है कि योजना के विस्तार के बाद 28 लाख रेहड़ी-पटरी वालों एवं उनके परिवारों को इसमें शामिल किया जाएगा.
ये योजना इसमें शामिल
इन योजनाओं में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री जन धन योजना, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, एक राष्ट्र एक राशन कार्ड (ONORC), भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक (रोज़गार व सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम (BOCW), खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), जननी सुरक्षा योजना और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) के अंतर्गत पंजीकरण शामिल हैं.
पीएम स्वनिधि योजना’ क्या है?
प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) को आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत आर्थिक प्रोत्साहन-II के एक हिस्से के रूप में घोषित किया गया था. इसे 700 करोड़ रुपए के स्वीकृत बजट के साथ 01 जून, 2020 से लागू किया गया था, ताकि उन स्ट्रीट वेंडरों को उनकी आजीविका को फिर से शुरू करने हेतु किफायती कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान किया जा सके, जो कोरोना महामारी लॉकडाउन के कारण प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए हैं.
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