स्वच्छ भारत अभियान के तहत किये गए सर्वेक्षण के तहत 16 मई 2018 को परिणाम घोषित किए गए. इस वर्ष के सर्वेक्षण परिणामों में इंदौर लगातार दूसरी बार सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया जबकि राजधानी की श्रेणी में मुंबई को स्वच्छता के मामले में देश में पहला स्थान मिला है.
देश भर के चार हजार से अधिक शहरों में स्वच्छता सर्वेक्षण आयोजित किया गया था. इस सर्वेक्षण में पिछली बार की तरह इस बार भी इंदौर टॉप पर है, जबकि मध्य प्रदेश का ही दूसरा शहर भोपाल दूसरे नंबर पर है. एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा कराये गये स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए 3 स्रोतों से आंकड़ें जुटाये गये:
क. सेवा स्तर में हुई प्रगति
ख. प्रत्यक्ष निरीक्षण
ग. नागरिकों का फीडबैक
स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 संबंधी आंकड़े
सबसे स्वच्छ शहर | इंदौर |
सबसे स्वच्छ बड़ा शहर (1 मिलियन आबादी) | विजयवाड़ा |
सबसे स्वच्छ मध्यम शहर (3-10 लाख आबादी) | मैसूर |
सबसे स्वच्छ छोटा शहर (1-3 लाख आबादी) | एनडीएमसी |
सबसे स्वच्छ राजधानी | ग्रेटर मुंबई |
सबसे स्वच्छ छावनी | दिल्ली कैंट |
स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 के प्रमुख तथ्य
• स्वच्छ सर्वेक्षण 2018, शहरी भारत में स्वच्छता का आकलन करने वाला अखिल भारतीय अभ्यास था, जिसमें 4 जनवरी से 10 मार्च 2018 तक 4,203 शहरों का सर्वेक्षण किया गया.
• इस रैंकिंग में मध्यप्रदेश का शहर इंदौर नंबर एक स्थान पर है. भोपाल दूसरे और चंडीगढ़ तीसरे स्थान पर है.
• स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद तेजी बदलता बड़ा शहर माना गया है.
• स्वच्छता के मामले में झारखंड को सबसे बेस्ट परफॉर्मेंस शहर बताया गया है इसके बाद महाराष्ट्र का नंबर है.
• पिछले वर्ष 2000 शहरों का सर्वेक्षण किया गया था, लेकिन इस बार 4000 से अधिक शहरों को सर्वेक्षण में शामिल किया गया है.
स्वच्छ सर्वेक्षण का उद्देश्य |
इसका उद्देश्य देश भर के शहरों में स्वच्छता स्तर का आकलन करना है. सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले शहरों के नाम उस दिन घोषित किए जाएंगे जिस दिन पुरस्कार दिए जाएंगे. केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान के लिए वित्तीय वर्ष 2014-15 से लेकर अब तक बजट में 33,875 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. अभियान की जमीनी हकीकत जानने के लिए ही प्रत्येक वर्ष स्वच्छ सर्वेक्षण आयोजित किया जाता है. यह सर्वेक्षण क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा किया जाता है. |
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