तालिबान ने हाल ही में पंजशीर पर कब्जे का दावा किया है. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा है कि तालिबान ने रेजिस्टेंस फोर्स के हाथों से पंजशीर का आखिरी इलाका भी जीत लिया है. अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जे के बाद पंजशीर घाटी पर कब्जा जमाने को लेकर तालिबान का अफगान नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट के साथ संघर्ष चल रहा है.
इस बीच, तालिबान ने 06 सितंबर 2021 को पंजशीर घाटी में "पूरी तरह कब्जा" करने का दावा किया है. तालिबान का दावा है कि विद्रोह के आखिरी गढ़ पंजशीर पर कब्जा कर लिया गया है. इसके तुरंत बाद, नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट ने कहा कि पंजशीर घाटी में तालिबान के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी.
Taliban fighters advanced deep into the last holdout province of Panjshir Sunday, as the top US general warned Afghanistan faces a wider civil war that would offer fertile ground for a resurgence of terrorism https://t.co/ImEBFWIUkb
— AFP News Agency (@AFP) September 5, 2021
पंजशीर घाटी में कब्जे का दावा
तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक बयान में कहा कि इस जीत से हमारा देश पूरी तरह से युद्ध के दलदल से बाहर निकल गया है. इससे पहले खबर आई थी कि पंजशीर में एनआरएफए ने संघर्ष विराम की घोषणा की. तालिबान के अनुसार, पंजशीर के हर जिला मुख्यालय, पुलिस मुख्यालय और सभी दफ्तरों पर कब्जा कर लिया गया है.
युद्धविराम का आह्वान
पंजशीर घाटी में प्रतिरोध बलों ने युद्धविराम का आह्वान किया है क्योंकि रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें लड़ाई में भारी नुकसान हुआ है. नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट ने तालिबान को पंजशीर से हटने का प्रस्ताव दिया है, और बदले में वह सैन्य कार्रवाई से परहेज करेगा. पंजशीर में प्रतिरोध बलों के नेता अहमद मसूद ने 05 सितंबर 2021 को कहा कि अगर तालिबान क्षेत्र से अपनी सेना वापस लेता है तो वह शांति वार्ता के लिए तैयार हैं.
#BREAKING Fight against Taliban in Panjshir Valley 'will continue': National Resistance Front pic.twitter.com/Z7XpFFIyK8
— AFP News Agency (@AFP) September 6, 2021
अहमद मसूद ने क्या कहा?
अहमद मसूद ने एक बयान में कहा कि अगर तालिबान समूह पंजशीर और अंदराब में अपने सैन्य हमलों को समाप्त करता है, तो स्थिर शांति प्राप्त करने के लिए NRF युद्ध को तुरंत रोकने के लिए तैयार है. एनआरएफए प्रमुख का बयान उन रिपोर्टों के मद्देनजर आया है कि तालिबान बलों ने आसपास के जिलों को सुरक्षित करने के बाद प्रांतीय राजधानी पंजशीर में अपनी लड़ाई लड़ी थी.
पिछले एक हफ्ते से पंजशीर घाटी में लड़ाई जारी
तालिबान और नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट ऑफ अफगानिस्तान के बीच पिछले एक हफ्ते से पंजशीर घाटी में लड़ाई जारी है. दोनों पक्षों का दावा है कि लड़ाई में उनका पलडा भारी है और दूसरे पक्ष को भारी नुकसान हुआ है. तालिबान ने कहा कि उन्होंने प्रमुख जिलों पर कब्जा कर लिया है.
अफगानिस्तान का अकेला प्रांत
बता दें कि 15 अगस्त को काबुल पर कब्जे के बाद से अब तक पंजशीर ही अफगानिस्तान का अकेला प्रांत था, जो तालिबान के नियंत्रण में नहीं था. पंजशीर घाटी की लड़ाई में तालिबान के खिलाफ अहमद मसूद को अपदस्थ उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह का साथ मिला था. सालेह ने खुद को अफगानिस्तान का कार्यकारी राष्ट्रपति घोषित किया था. वह फरवरी 2020 से ही उपराष्ट्रपति थे.
पंजशीर घाटी: एक नजर में
अफगानिस्तान के हिंदू कुश में काबुल के उत्तर की ओर स्थित पंजशीर घाटी का अर्थ है "पांच शेर". घाटी का नाम और यह उन पांच पांडवों के नाम पर रखा गया है जिनके बारे में वहां की मूल लोककथाओं के अनुसार, ऐसा माना जाता था कि, उन्होंने इस स्थान से ही महाप्रस्थान प्राप्त किया था. यह घाटी दशकों तक, पहली बार वर्ष, 1980 के दशक में सोवियत संघ के खिलाफ और फिर वर्ष, 1990 के दशक में तालिबान के खिलाफ प्रतिरोध का गढ़ रही थी.
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