ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने 20 फरवरी 2017 को हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स के सदस्यों से यह आग्रह किया कि वे ब्रेक्सिट विधेयक को लंबित न रखें.
इससे पूर्व यह विधेयक हाउस ऑफ़ कॉमन्स में 372 मतों के बहुमत से पारित हो चुका है.
ब्रिटिश संसद का ऊपरी सदन हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स निचले सदन हाउस ऑफ़ कॉमन्स द्वारा पारित किये गये किसी विधेयक को रद्द नहीं कर सकता लेकिन वह उसे लंबित अवश्य कर सकता है. इसे लंबित किये जाने के पीछे सदन द्वारा विधेयक पर चर्चा एवं वोटिंग कारण हो सकते हैं.
थेरेसा मे द्वारा सदन से इसलिए आग्रह किया गया क्योंकि हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स में उनकी कंजरवेटिव पार्टी बहुमत में नहीं है जबकि निचले सदन में उनकी पार्टी के पास बहुमत है. उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि हाउस ऑफ़ कॉमन्स में विधेयक में कोई संशोधन नहीं किया गया लेकिन उन्हें आशा है कि हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स में इसे पूरा किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि वे विधेयक को जल्द से जल्द कानून में परिवर्तित करना चाहती हैं क्योंकि इससे ब्रिटिश लोग यूरोपियन यूनियन से स्वयं को पृथक करने में समय का सदुपयोग कर सकें.
यदि विधेयक में कोई संशोधन नहीं किया गया तो इस पर अंतिम बहस 7 मार्च 2017 को होगी जिससे आगे चलकर या कानून में परिवर्तित हो सकेगा.
इस विधेयक के क़ानून बन जाने के पश्चात् इंग्लैंड के यूरोपियन यूनियन से पूरी तरह पृथक हो जाने की प्रक्रिया सुगम हो सकेगी.
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