चीन में अब टिक-बोर्न वायरस का कहर, जानें इसके लक्षण और बचाव

Aug 8, 2020, 14:42 IST

चीन में टिक-जनित वायरस से होने वाली एक नई संक्रामक बीमारी ने सात लोगों की जान ले ली है. साथ ही इस नए रोग के मानव-से-मानव संचरण की संभावना के बारे में भी चेतावनी दी गई है.

Tick borne SFTS virus re emerges in China in Hindi
Tick borne SFTS virus re emerges in China in Hindi

पूरी दुनिया को कोरोना वायरस ने अपना शिकार बना रखा है और यह तेजी से फैलता ही जा रहा है. इस बीच चीन में एक नई संक्रामक बीमारी के कारण 7 लोगों की जान चली गई है और 60 से ज्यादा लोग संक्रमित हैं. चीन में फैला नया वायरस जिसे टिक-बोर्न वायरस (Tick-Borne Virus) कहा जाता है.

चीन में टिक-जनित वायरस से होने वाली एक नई संक्रामक बीमारी ने सात लोगों की जान ले ली है. साथ ही इस नए रोग के मानव-से-मानव संचरण की संभावना के बारे में भी चेतावनी दी गई है. इस नई बीमारी ने चीन में लोगों की चिंता बढ़ा दी है. चीन में इस नई संक्रामक बीमारी ने पांव पसारना शुरू कर दिया है.

वायरस से 37 से अधिक लोग संक्रमित

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पूर्वी चीन के जियांग्सू प्रांत में अबतक एसएफटीएस (SFTS) वायरस से 37 से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि अन्हुई प्रांत में भी 23 लोगों के संक्रमित होने की खबर सामने आई है. फिलहाल चीन की शीर्ष स्वास्थ्य एजेंसी इस मामले में गंभीरता और संवेदनशीलता बरत रही है.

वायरस के बारे में

एसएफटीएस कोई नया वायरस नहीं है. चीन में पहली बार साल 2011 में इसका पता चला था. विषाणु विज्ञानियों का मानना है कि यह संक्रमण पशुओं के शरीर पर चिपकने वाले कीड़े (टिक) से इंसानों में फैल सकता है. इसके बाद इंसानों के बीच इस संक्रमण का प्रसार हो सकता है. एसएफटीएस बुन्यावायरस (Bunyavirus) की कैटेगरी का है.

यह वायरस कैसे फैलता है?

बुन्या वायरस का वाहक मकड़ी जैसा जीव टिक है. जब टिक इंसान को काटता है तो संक्रमण फैल जाता है. चीन के विशेषज्ञों के मुताबिक यह संक्रमित इंसान के ब्लड और पसीने के जरिए दूसरे इंसान में फैल सकता है.

वायरस से कितना खतरा?

चीन की स्वास्थ्य एजेंसी सीडीसी के अनुसार, इससे मौत का खतरा 12 प्रतिशत तक है. अब तक इसकी कोई वैक्सीन नहीं तैयार की जा सकी है.

वायरस के लक्षण?

कई टिक-बोर्न बीमारियों के लक्षण समान हो सकते हैं. टिक संबंधी बीमारियों के सबसे आम लक्षण बुखार या ठंड लगना, चकत्ते पड़ना, दर्द एवं पीड़ा हैं. टिक-जनित रोग के लक्षणों में सिरदर्द, थकान और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं. इसके अतिरिक्त, लाइम रोग के साथ, एक व्यक्ति जोड़ों के दर्द का अनुभव कर सकता है. इस वायरस से बुखार आना, प्लेटलेट्स और ल्यूकोसाइटस तेजी से गिरना प्रमुख लक्षण हैं. इन लक्षणों की शुरुआत और गंभीरता रोगी के रोग और सहनशीलता के स्तर पर निर्भर हो सकती है.

बचाव कैसे करें?

इस वायरस का उपचार घर में संभव है परन्तु गंभीर संक्रमण होने पर अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है. इस वायरस से बचने के लिए सबसे पहले संक्रमित लोगों से दूर रहें. जंगल और झाड़ी वाले इलाकों से न गुजरें क्योंकि सबसे ज्यादा टिक इन्हीं इलाकों में पाए जाते हैं. हालांकि डॉक्टर्स ने कहा है कि जब तक लोग सतर्क रहते हैं, ऐसे वायरस के संक्रमण से घबराने की जरूरत नहीं है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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