टॉप कैबिनेट मंजूरी: 07 जून 2018

Jun 7, 2018, 10:59 IST

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पोलर सेटेलाइट प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) जारी रखने के कार्यक्रम (छठें चरण) और इस कार्यक्रम के अंतर्गत 30 पीएसएलवी परिचालन प्रक्षेपण को वित्‍तीय सहायता प्रदान करने की मंजूरी दी है.

Top Cabinet Approvals: 7 June 2018
Top Cabinet Approvals: 7 June 2018

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पोलर सेटेलाइट प्रक्षेपण यान मार्क-3 जारी रखने के कार्यक्रम के छठें चरण को मंजूरी दी

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पोलर सेटेलाइट प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) जारी रखने के कार्यक्रम (छठें चरण) और इस कार्यक्रम के अंतर्गत 30 पीएसएलवी परिचालन प्रक्षेपण को वित्‍तीय सहायता प्रदान करने की मंजूरी दी है.
  • यह कार्यक्रम पृथ्‍वी अवलोकन, दिशा सूचक और अंतरिक्ष विज्ञान के लिए सेटेलाइट के प्रक्षेपण की आवश्‍यकता को भी पूरा करेगा। इससे भारतीय उद्योग में उत्‍पादन भी जारी रहेगा.
  • इस मंजूरी में कुल 6,131 करोड़ रुपये के कोष की आवश्‍यकता है और इसमें 30 पीएसएलवी यान, आवश्‍यक सुविधा बढ़ाने, कार्यक्रम प्रबंधन और प्रक्षेपण अभियान की लागत शामिल है.
  • पीएसएलवी के परिचालन से देश पृथ्‍वी अवलोकन, आपदा प्रबंधन, दिशा सूचक और अंतरिक्ष विज्ञान के लिए सेटेलाइट प्रक्षेपण क्षमता में आत्‍मनिर्भर बना है.
  • पीएसएलवी जारी रखने के कार्यक्रम के छठें चरण के दौरान अधिकतम भारतीय उद्योग की भागीदारी से प्रतिवर्ष आठ प्रक्षेपण करने की सेटेलाइट प्रक्षेपण की मांग पूरी होगी. वर्ष 2019-2024 की अवधि के दौरान सभी परिचालन अभियान संपन्‍न हो जाएंगे.

 

कैबिनेट ने जिओसिंक्रोनस (भू-समकालिक) उपग्रहप्रक्षेपणवाहनमार्क-III के लिए निरंतरता कार्यक्रम को मंजूरी दी

  • केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने जिओसिंक्रोनस (भू-समकालिक) उपग्रहप्रक्षेपणवाहनमार्क-III (जीएसएलवी एमके-III) निरंतरता कार्यक्रम (चरण -1) के वित्तीय सहायता की मंजूरी दे दी है जिसमें दस जीएसएलवी (एमके-III) उड़ानें शामिल हैं तथा जिसकी कुल अनुमानित लागत 4338.20 करोड़ रुपये है.
  •  जीएसएलवी एमके–III निरंतरता कार्यक्रम-चरण 1परिचालन उड़ानों का पहला चरण है जो देश की उपग्रह संचार आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु 4 टन वर्ग के संचार उपग्रहों को प्रक्षेपित करने में सक्षमता प्रदान करेगा.
  • जीएसएलवी एमके–III के परिचालन से 4 टन संवर्ग के संचार उपग्रहों कोप्रक्षेपितकरने में सक्षम होने के कारण देश आत्मनिर्भर हो जाएगा और जिससे हमारे देश के अंतरिक्ष के बुनियादी ढांचे को बनाए रखने एवं मजबूत करने तथा विदेशी प्रक्षेपण पर निर्भरता को कम करने में मददगार साबित होगा.
  • जीएसएलवी एमके–III निरंतरता कार्यक्रम-चरण 1जीएसएलवी एमके–III प्रक्षेपण वाहन की परिचालन उड़ानों का पहला चरण होगा और इसकी मंजूरी से वर्ष 2019-2024 की अवधि के दौरान उपग्रहों केप्रक्षेपण को पूरा करने में सहायक सिद्ध होगा.
  • जीएसएलवी एमके–III निरंतरता कार्यक्रम-चरण 1 के अंतर्गत ग्रामीण ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के लिए उच्च प्रवाह उपग्रहों की राष्ट्रीय मांग को पूरा करने, डीटीएच, वीसैट और टेलीविजन प्रसारणकर्ताओं के लिए ट्रांसपोंडर की उपलब्धता को बढ़ाने तथा बनाए रखने हेतु संचार उपग्रहों की प्रक्षेपण आवश्यकता को पूरा करेगा.

 

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और रूस के बीच संयुक्‍त डाक टिकट जारी करने को मंजूरी दी

  • केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल को भारतीय डाक विभाग और रशिया पोस्‍ट (रूसी संघ की संयुक्‍त साझेदारी वाली कंपनी ‘मार्का’) के बीच संयुक्‍त डाक टिकट जारी करने के संबंध में हुए समझौते से अवगत कराया गया.
  • इसका उद्देश्‍य डाक टिकट जारी करने के क्षेत्र में पारस्‍परिक लाभ के लिए परिचालन उत्‍कृष्‍टता हासिल करना और डाक सेवा में सहयोग स्‍थापित करना है.
  • भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंध पारस्‍परिक हितों के मुद्दों पर व्‍यापक समझ से प्रेरित हैं.
  • भारत और रूस द्विपक्षीय संबंध के लगभग सभी क्षेत्रों में व्‍यापक सहयोग का फायदा उठा रहे हैं.

 

कैबिनेट ने सतत और स्मार्ट शहरी विकास के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग पर भारत और डेनमार्क के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी

  • केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सतत और स्मार्ट शहरी विकास के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग पर भारत और डेनमार्क के बीच अप्रैल 2018 में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) से अवगत कराया गया था.
  • इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य ज्ञान, संस्थागत सहयोग, अनुसंधान और विकास तथा संबंधित मुद्दों पर वाणिज्यिक संबंधों के आदान-प्रदान के माध्यम से पारस्परिक और लाभ के आधार पर सतत और स्मार्ट शहरी विकास के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना है.
  • इसके अतंर्गत सहयोग के क्षेत्रों जैसे स्मार्ट शहरी समाधान, जीवितता, टिकाऊ और एकीकृत शहरी नियोजन, पुनर्विकास और भूमि उपयोग, ऊर्जा में अपशिष्ट समेत एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, टिकाऊ परिवहन प्रणाली, जल और स्वच्छता प्रबंधन, ऊर्जा दक्षता, संसाधनों का उपभोग और अन्य संबंधित क्षेत्रों आदि में पारस्परिक सहयोग बढ़ाने पर सहमति हुई.
  • इस समझौता ज्ञापन से दोनों देशों के बीच सतत और स्मार्ट शहरी विकास के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने में मदद मिलेगा.
  • इस समझौता ज्ञापन के जरिए ऊर्जा, टिकाऊ परिवहन प्रणाली, जल और स्वच्छता प्रबंधन, ऊर्जा दक्षता, संसाधन संग्रहण सहित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में रोजगार पैदा होने की उम्मीद है.

 

मंत्रिमंडल की भारत और फ्रांस के बीच टिकाऊ शहरी विकास के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग पर समझौते को मंजूरी

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल को मार्च 2018 में भारत और फ्रांस के बीच टिकाऊ शहरी विकास के क्षेत्र में हुए समझौते के बारे में जानकारी दी गई. यह समझौता 5 वर्ष की अवधि तक लागू रहेगा.
  • इस समझौते के अंतर्गत सहयोग पर कार्यक्रमों की रणनीति तैयार करने और कार्यान्‍वयन के लिए इसके प्रारूप के तहत संयुक्‍त कार्य समूह (जेडब्‍ल्‍यूजी) गठित किया जाएगा.
  • इस समझौते से दोनों देशों के बीच टिकाऊ शहरी विकास के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा मिलेगा.
  • इस समझौते से स्‍मार्ट सिटी विकास, शहरी सार्वजनिक परिवहन प्रणाली, शहरी व्‍यवस्‍थाओं और सुविधाओं (जल आपूर्ति और सिवरेज प्रणाली), ठोस कचरे के निपटान और प्रबंधन, कचरा भराव स्‍थानों में सुधार,किफायती आवास, कचरा प्रबंधन, शहरी वातावरण और विरासत संरक्षण के क्षेत्र में रोजगार पैदा होने की संभावना है.

 

मंत्रिमंडल ने डाक विभाग के ग्रामीण डाक सेवकों(जीडीएस) के वेतन भत्‍तों में संशोधन को मंजूरी दी

  • केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने डाक विभाग के ग्रामीण डाक सेवकों (जीडीएस) के वेतन भत्‍तों में संशोधन को मंजूरी दे दी है.
  • वेतन भत्‍तों में संशोधन के लिए वर्ष 2018-19 के दौरान 1257.75 करोड़ रुपये (860.95 करोड़ रुपये के गैर-आवर्ती खर्च 396.80 करोड़ रुपये के आवर्ती खर्च) खर्च होने का अनुमान है.   
  • मौजूदा 11 टीआरसीए स्‍लैब को केवल तीन स्‍लैबों के तहत लाया गया है जिनमें बीपीएम एवं बीपीएम के इतर कर्मियों के लिए एक-एक स्‍तर होंगे.
  • ग्रामीण डाक सेवकों के वेतन भत्‍तों में संशोधन किए जाने से ग्रामीण क्षेत्रों में कुशल एवं सस्‍ती बुनियादी डाक सुविधाओं को बेहतर करने में मदद मिलेगी.
  • डाकघरों की ग्रामीण शाखा गांवों एवं दूरदराज के क्षेत्रों में संचार एवं वित्‍तीय सेवाओं का आधार है. ग्राहकों को भुगतान के लिए पोस्‍ट मास्‍टर को काफी रकम का हिसाब रखना पड़ता है और इसलिए उनके काम की जिम्‍मेदारी पहले से ही निर्धारित है.

 

मंत्रिमंडल ने बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग में सहयोग पर भारत और ओमान के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी

  • इस एमओयू पर भारत की ओर से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और ओमान के परिवहन एवं संचार मंत्रालय ने फरवरी 2018 में मस्‍कट में हस्‍ताक्षर किए थे.
  • इससे पृथ्‍वी के रिमोट सेंसिंग, उपग्रह नेविगेशन, अंतरिक्ष विज्ञान एवं बाहरी अंतरिक्ष के अन्‍वेषण जैसे क्षेत्रों में नई अनुसंधान गतिविधियों की संभावनाएं तलाशने एवं संभावित अनुप्रयोगों को बल मिलेगा.
  • इस हस्‍ताक्षरित एमओयू से एक संयुक्‍त कार्य समूह की स्‍थापना होगी जो समय सारणी और इस एमओयू के प्रावधानों को लागू करने के साधनों सहित एक कार्य योजना की रूपरेखा तैयार करेगा.
  • यह एमओयू मानवता की भलाई के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के क्षेत्र में संयुक्‍त गतिविधियों को बढ़ावा देगा। इस प्रकार इससे देश के सभी क्षेत्रों और तबकों को लाभ मिलेगा.
  • इस एमओयू के जरिए ओमान सल्‍तनत के साथ सहयोग बढ़ेगा और मानवता की भलाई के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के क्षेत्र में संयुक्‍त गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.

 

मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक उपक्रमों को समयबद्ध तरीके सेबंद करने एवं उनकी चल एवं अंचल संपत्तियों के निपटारे हेतु संशोधित दिशानिर्देशों को मंजूरी दी

  • संशोधित दिशानिर्देशों से बीमारू/घाटे में चल रहे केन्‍द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को बंद करने की योजनाओं को लागू करने में हो रही देरी से निपटने में मदद मिलेगी. ये दिशानिर्देश डीपीई द्वारा सितम्‍बर 2016 में जारी दिशानिर्देश की जगह लेंगे.
  • इन दिशानिर्देशों से सीपीएसई को बंद करने के लिए विभिन्‍न प्रक्रियाओं को तेजी से पूरा करने के लिए एक व्‍यापक ढांचा उपलब्‍ध होगा.
  • इन दिशानिर्देशों के तहत प्रशासनिक मंत्रालयों/विभागों एवं सीपीएसई द्वारा कार्य योजना पहले से ही तैयार करने, सीपीएसई को बंद करने का प्रस्‍ताव तैयार करने, वैधानिक मुद्दों एवं अन्‍य दायित्‍व तय करने और इन सीपीएसई की चल एवं अचल संपत्तियों को समयबद्ध तरीके से निपटाने में मदद मिलेगी.
  • किफायती आवास को प्राथमिकता देते हुए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा संचालित सरकार के प्रमुख किफायती आवास कार्यक्रम के लिए बंद होने वाले बीमारू/घाटे में चल रहे सार्वजनिक उपक्रमों की भूखंड उपलब्‍ध होंगे.

 

कैबिनेट ने भारत और नीदरलैंड के बीच जल प्रबंधन और मोबिलिटी प्रबंधन के क्षेत्र में तकनीक सहयोग पर हुए एमओयू के विस्तार को स्वीकृति दी

  • केंद्रीय कैबिनेट ने भारत और नीदरलैंड के बीच अप्रैल 2018 में स्‍थानीय नियोजन जल प्रबंधन और मोबिलिटी प्रबंधन के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग पर हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) को स्‍वीकृति दे दी है.
  • इस समझौता ज्ञापन के अंतर्गत भागीदारी के वास्‍ते कार्यक्रमों के लिए रणनीति बनाने और उन्‍हें लागू करने के लिए एक संयुक्‍त कार्य समूह (जेडब्‍ल्‍यूजी) का गठन किया जाएगा.
  • एमओयू से दोनों देशों के बीच स्‍थानीय नियोजन, जल प्रबंधनऔर मोबिलिटी प्रबंधन के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़़ावा मिलेगा.
  • एमओयू से स्‍थानीय नियोजन, जल प्रबंधन और मोबिलिटी प्रबंधन, स्‍मार्ट सिटी विकास, किफायती आवास, अपशिष्‍ट प्रबंधन, शहरी पर्यावरण और धरोहर संरक्षण के क्षेत्रों में रोजगार पैदा होने का अनुमान है.

 

मंत्रिमंडल की चीनी क्षेत्र की वर्तमान समस्‍या से निपटने के उपायों की मंजूरी

  • चीनी मिलों की नगदी की समस्‍या के कारण किसानों के गन्‍ना मूल्‍यों के अत्‍यधिक बकाया राशि की समस्‍या को सुलझाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लगभग 7,000 करोड़ रुपये के मंजूरी दी है.
  • एक वर्ष के लिए 30 लाख मिट्रिक टन (एलएमटी) चीनी का सुरक्षित भंडार तैयार करने के लिए अनुमानित 1,175 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
  • मिल के द्वार पर सफेद/रिफाइंड चीनी का न्‍यूनतम ब्रिकी मूल्‍य तय करने के लिए आवश्‍यक वस्‍तु अधिनियम 1995 के अंतर्गत चीनी मूल्‍य (नियंत्रण) आदेश 2018 अधिसूचित किया जाएगा, जिससे कम मूल्‍य पर चीनी मिल द्वारा सफेद/रिफाइंड चीनी की ब्रिकी घरेलू बाजार में नही की जा सकती है.
  • बाजार के माहौल और चीनी के मूल्‍य में कमी के कारण चीनी मिलों पर नगदी की समस्‍या का बुरा प्रभाव पड़ा है, जिसके कारण गन्‍ना मूल्‍य का अत्‍यधिक बकाया हो गया है.
  • देश में चीनी का आयात रोकने के लिये चीनी के आयात पर सीमा शुल्‍क 50 प्रतिशत से बढ़ाकर शत प्रतिशत किया गया.

 

कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश में फाफामऊ, इलाहाबाद में गंगा नदी पर 6 लेन के नए पुल के निर्माण को दी स्वीकृति

  • आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने इलाहाबाद के फाफामाऊ में राष्ट्रीय राजमार्ग-96 पर गंगा नदी पर 9.9 किलोमीटर लंबे 6 लेन के नए पुल के निर्माण की परियोजना को स्वीकृति दे दी है, जिस पर 1948.25 करोड़ रुपये की लागत आएगी.
  • इस परियोजना के लिए निर्माण अवधि तीन साल है और इसके दिसंबर, 2021 तक पूरा होने का अनुमान है.
  • नए पुल से कुंभ, अर्ध कुंभ, प्रयाग में होने वाले वार्षिक  स्नान के दौरान ज्यादा से ज्यादा लोगों के लिए तीर्थ नगरी इलाहाबाद में पहुंचना आसान हो जाएगा. इससे तीर्थाटन पर्यटन और पवित्र नगरी प्रयाग की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा.
  • यह 6 लेन का नया पुल मध्य प्रदेश से राष्ट्रीय राजमार्ग-27 के माध्यम से और नलिनी ब्रिज होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग-76 से लखनऊ/फैजाबाद आने वाले यातायात के लिए फायदेमंद होगा.
  • इसके अलावा नए पुल की इस परियोजना के निर्माण के दौरान 9.20 लाख कार्यदिवसों के बराबर रोजगार पैदा होंगे.

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Jagran Josh
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Education Desk

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