टॉप कैबिनेट मंजूरी: 14 जून 2018

Jun 14, 2018, 11:53 IST

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने केन्द्रीय सूची में अन्य पिछड़े वर्गों के आयोग का कार्यकाल अंतिम रूप से वर्तमान 20 जून 2018 से बढ़ाकर 31 जूलाई 2018 तक करने की स्वीकृति दे दी है.

Top Cabinet approvals
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मंत्रिमंडल ने केन्द्रीय सूची में अन्य पिछड़े वर्गों के अंदर उप-श्रेणीकरण के विषय पर विचार हेतु गठित आयोग के कार्यकाल विस्तार को स्वीकृति दी

  • केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने केन्द्रीय सूची में अन्य पिछड़े वर्गों के आयोग का कार्यकाल अंतिम रूप से वर्तमान 20 जून 2018 से बढ़ाकर 31 जूलाई 2018 तक करने की स्वीकृति दे दी है.
  • आयोग ने राज्य सरकारों, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोगों, विभिन्न समुदायिक संगठनों तथा पिछड़े वर्गों और समुदायों से जुड़े जनसाधारण सहित हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया.
  • आयोग ने उच्च शैक्षिणक संस्थानों में दाखिल श्रेणीवार अन्य पिछड़े वर्गों के रिकॉर्ड प्राप्त करने के साथ-साथ केन्द्रीय विभागों, केन्द्रीय सार्वजनिक प्रतिष्ठानों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों में इसी तरह की श्रेणियों के अनुसार भर्तियों का डाटा प्राप्त किया.

 

मंत्रिमंडल ने भारत और पेरू के बीच समझौते को मंजूरी दी

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और पेरू के बीच हुए समझौते को मंजूरी दी. इस समझौते पर मई 2018 में लीमा,  पेरू में हस्‍ताक्षर किए गए थे.
  • इस समझौते का उद्देश्‍य नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा के मामलों में आपसी लाभ, और समानता के आधार पर तकनीकी द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए सहयोगात्‍मक संस्‍थागत संबंध स्‍थापित करना है.
  • इस समझौते के तहत कार्यान्‍वयन के लिए कार्य योजना तैयार करने हेतु एक संयुक्‍त समिति गठित की गई है. इस समझौते से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग सुदृढ़ होगा.

 

मंत्रिमंडल ने डाक टिकट जारी पर भारत और वियतनाम के बीच हुए समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी

  • केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और वियतनाम के डाक विभागों द्वारा संयुक्‍त रूप से डाक टिकट जारी करने के बारे में जानकारी दी गई.
  • भारत-वियतनाम: ‘प्राचीन वास्‍तुशिल्‍प’ विषय पर संयुक्‍त रूप से डाक टिकट जारी करने के लिए संचार मंत्रालय के डाक विभाग और वियत नारा पोस्‍ट के बीच आपसी सहमति बनी.
  • संयुक्‍त डाक टिकट 25 जनवरी 2018 को जारी किए गए थे. भारत-वियतनाम संयुक्‍त स्‍मारक डाक टिकट पर भारत का सांची स्‍तूप और वियतनाम का फो मिन्‍ह पगोडा बना हुआ है.
  • संयुक्‍त डाक टिकट जारी करने के लिए भारत और वियतनाम के डाक विभागों के बीच 18 दिसम्बर 2017 को समझौता ज्ञापन (एमओयू) कर हस्‍ताक्षर हुए थे.

 

मंत्रिमंडल ने आईसीएमआर और आईएनएसईआरएम, फ्रांस के बीच हुए समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल को भारतीय चिकित्‍सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और इंस्‍टीट्यूट नेशनल द ला सांतित द ला रिसर्चेमेडिकाले (आईएनएसईआरएम), फ्रांस के बीच मार्च 2018 को किए गए समझौते ज्ञापन (एमओयू) के बारे में अवगत कराया गया.
  • इस एमओयू का उद्देश्‍य चिकित्‍सा, जैविक विज्ञान और स्‍वास्‍थ्‍य अनुसंधान क्षेत्र में आपसी हित के क्षेत्रों में सहयोग करना है. दोनों पक्षों की वैज्ञानिक उत्‍कृष्‍टता से विशिष्‍ट क्षेत्र में स्‍वास्‍थ्‍य अनुसंधान पर सफल कार्य करने में मदद मिलेगी.
  • इस एमओयू से आईसीएमआर और आईएनएसईआरएम के बीच अंतर्राष्‍ट्रीय वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी सहयोग के खाके के अंतर्गत आपसी हित के क्षेत्र में संबंध और सुदृढ़ होंगे.

 

मंत्रिमंडल ने रेल मंत्रालय द्वारा बढ़ाई गई भूमि शुल्‍कों की माफी को स्‍वीकृति दी

  • केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रगति मैदान में निजी क्षेत्र सहित तीसरे पक्ष द्वारा होटल निर्माण और संचालन के लिए 3.7 एकड़  जमीन के मुद्रीकरण, एल एंड डीओ द्वारा लगाएगए शुल्‍कों की माफी तथा रेल मंत्रालय द्वारा बढ़ाई गई भूमि शुल्‍कों की माफी को स्‍वीकृति दे दी हैं.
  • यह कदम प्रगति मैदान की विकास परियोजना चरण-1 का हिस्‍सा है, यानी एकीकृत एक्‍जीबिशन सह कंवेंशन सेंटर (आईईसीसी) का हिस्‍सा है. इसकी स्‍वीकृति 2254 करोड़ रूपये की अनुमानित लागत के साथ जनवरी 2017 में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति द्वारा की गई थी.
  • आईईसीसी परियोजना के अंतर्गत सात हजार लोगों के बैठने की व्‍यवस्‍था, 1,00,000 वर्ग मीटर का प्रदर्शनी क्षेत्र और 4800 वाहनों की बेसमेंट पार्किंग सुविधा के साथ विश्‍व स्‍तरीय अत्‍याधुनिक एक्‍जीबिशन सह कंवेंशन सेंटर बनाने का प्रस्‍ताव है.
  • भूमि के मुद्रीकरण के माध्‍यम से उगाहे गए कोष का इस्‍तेमाल आईईसीसी परियोजना के धन पोषण के एक उपाय के रूप में किया जाएगा. आईईसीसी परियोजना व्‍यापार प्रोत्‍साहन के लिए शिखर स्‍तरीय बैठकों तथा प्रदर्शनि‍यों / कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए केंद्र सरकार और राज्‍य सरकारों के लिए आवश्‍यक है.

 

मंत्रिमंडल ने राज्‍य सभा में लंबित नालंदा विश्‍वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2013 को वापस लेने के प्रस्‍ताव को स्‍वीकृति दी

  • नालंदा विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना अक्‍टूबर 2009 में थाईलैंड में आयोजित चौथी पूर्व एशिया शिखर बैठक में जारी संयुक्‍त प्रेस वक्‍तव्‍य के आधार पर की गई थी. इसके बाद संसद द्वारा नालंदा विश्‍वविद्यालय अधिनियम, 2010 पारित किया गया और यह 25 नवंबर 2019 से प्रभावी हुआ.
  • नालंदा विश्‍वविद्यालय अधिनियम, 2010 के अनुच्‍छेद 7 के अनुसार नालंदा विश्‍वविद्यालय के गवर्निंग बोर्ड का गठन कर लिया गया है और यह भारत के माननीय राष्‍ट्रपति की स्‍वीकृति से 21 नवम्बर 2016 से प्रभावी है. प्रस्‍तावित संशोधनों पर आगे बढ़ने के लिए कोई अंतिम निर्णय लेने से पहले नालंदा विश्‍वविद्याल के गवर्निंग बोर्ड के साथ संशोधन विधेयक पर विचार-विमर्श की आवश्‍यकता होगी.
  • सितंबर 2014 में विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज द्वारा विश्‍वविद्याल में शिक्षण कार्य का शुभांरभ किया गया था. भारत के माननीय राष्‍ट्रपति विश्‍वविद्यालय के विजिटर हैं. डॉ. विजय भटकर विश्‍वविद्यालय के चांसलर और प्रोफेसर सुनैना सिंह कुलपति हैं.

 

मंत्रिमंडल ने ‘कृषि शिक्षा प्रभाग और आईसीएआर संस्‍थानों की तीन वर्षीय कार्य योजना’ को मंजूरी दी

  • इस योजना का उद्देश्‍य उच्‍च कृषि शिक्षा संस्‍थानों से गुणवत्‍ता परक मानव संसाधन तैयार करना है. इसके लिए कई नयी पहल की गई हैं, जिनमें किताबी ज्ञान को कम करना और फेकल्‍टी की कमी को दूर करने सहित इस क्षेत्र में प्रतिभाशाली छात्रों को आकर्षित करने के उपाय शामिल हैं.
  • इस योजना के अंतर्गत मान्‍यता के साथ ही कृषि विश्‍वविद्यालयों की गुणवत्‍तापरक रैंकिंग सुनिश्चित करने के लिए इन्‍हें वित्‍तीय सहायता से जोड़ा गया है. इस योजना के तहत पर्यावरण अनुकूल पहल फेक‍ल्टी की कमी को घटाने, अंतर्राष्‍ट्रीय रैंकिंग, पूर्व छात्रों की भागीदारी, नवाचार को बढ़ावा देना, प्रेरित अध्‍यापक नेटवर्क, केवल किताबी ज्ञान कम करना, तकनीकी सक्षम शिक्षा, डॉक्‍टरल डिग्री के बाद की फेलोशिप, कृषि शिक्षा पोर्टल, वैज्ञानिक सामाजिक उत्‍तरदायित्‍व जैसी जिम्‍मेदारियां भी उठाई जाएंगी.
  • आधुनिक बेहतरीन कार्यक्रम के जरिये छात्रों और फेकल्टी की जरूरतों से संबंधित बुनियादी ढांचे तथा फेकल्टी और छात्रों की क्षमता बढ़ाने के लिए सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण में सहायता करना, जिससे शिक्षण में सुधार होगा और छात्रों के सम्‍पूर्ण विकास को बढ़ावा मिलेगा.
  • भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) देशभर में स्‍थापित 75 कृषि विश्‍वविद्यालयों (एयू) के साथ साझेदारी के ज‍रिये योजना तैयार करने, विकास, समन्‍वय और गुणवत्‍तापरक उच्‍च कृषि शिक्षा सुनिश्चित करने का कार्य करती है. आत्‍मनिर्भरता हासिल करने के लिए कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने में कृषि विश्‍वविद्यालयों द्वारा तैयार किए गए मानव संसाधन की महत्‍वपूर्ण भूमिका है.

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