1. केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पारंपरिक औषधि प्रणालियों के क्षेत्र में भारत और ईरान के बीच सहयोग हेतु समझौता-ज्ञापन को मंजूरी दी
- केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 14 मार्च 2018 को पारंपरिक औषधि प्रणालियों के क्षेत्र में भारत और ईरान के बीच सहयोग के लिए समझौता-ज्ञापन को मंजूरी दी है.
- समझौता ज्ञापन से पारंपरिक औषधि क्षेत्र में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा मिलेगा. दोनों देशों के मध्य सांस्कृतिक धरोहर के मद्देनजर यह समझौता अत्यंत महत्वपूर्ण है.
- भारत और ईरान के बीच कई विशेषताएं समान हैं उनकी भाषा, संस्कृति और परंपराओं में समानता है तथा दोनों ही देश जड़ी-बूटियों का समान रूप से प्रयोग करते हैं. दोनों ही देशों में दुर्लभ औषधीय पौधे पाए जाते हैं.
- भारत सरकार के आयुष मंत्रालय को पारंपरिक औषधि प्रणालियों के प्रोत्साहन, प्रचार और पूरे विश्व में उन्हें प्रस्तुत करने का अधिकार है.
2. मंत्रिमंडल ने भारत और ईरान के बीच दोहरे कराधान को टालने और वित्तीय करवंचना की रोकथाम के लिए समझौते को मंजूरी दी
- केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 14 मार्च 2018 को भारत और ईरान के बीच दोहरे कराधान को टालने और वित्तीय करवंचना की रोकथाम के लिए समझौते को अपनी स्वीकृति दे दी है.
- इस समझौते से निवेश, टेक्नोलॉजी तथा भारत से ईरान और ईरान से भारत में कर्मियों के प्रवाह में तेजी आयेगी.
- यह समझौता नवीनतम अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार समझौता करने वाले दोनों पक्षों के बीच सूचना का आदान-प्रदान का प्रावधान करेगा और दोहरे कराधान को रोकेगा.
- यह समझौता टैक्स के मामलों में पारदर्शिता में सुधार लायेगा और टैक्स चोरी तथा टैक्स को टालने पर नियंत्रण करने में मददगार साबित होगा.
- केन्द्र सरकार आय पर दोहरे कराधान से बचने, करवंचना संबंधी सूचना के आदान-प्रदान या आयकर अधिनियम, 1961 के अंतर्गत कर योग्य आय के संबंध में समझौता कर सकती है.
3. मंत्रिमंडल ने भारत और ईरान के बीच कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग हेतु समझौता ज्ञापन के प्रस्ताव को मंजूरी दी
- केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 14 मार्च 2018 को भारत और ईरान के बीच कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग के लिए पूर्वव्यापी समझौता ज्ञापन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
- समझौता ज्ञापन पर ईरान के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान 17 फरवरी 2018 को हस्ताक्षर किए गए थे.
- समझौता ज्ञापन में कृषि फसलों, कृषि विस्तार, बागवानी, मशीनरी, फसल के बाद प्रौद्योगिकी, पादप संगरोध उपाय, ऋण एवं सहकारिता के क्षेत्रों में सहयोग का प्रावधान है. इसमें मृदा संरक्षण और जल प्रबंधन, समेकित पोषक प्रबंधन, बीज प्रौद्योगिकी, कृषि विपणन की भी व्यवस्था है.
- इस समझौते के दायरे में आने वाले आपसी सहमति से निर्धारित अन्य क्षेत्रों में पशुधन सुधार, डेयरी विकास, पशु स्वास्थ्य भी शामिल हैं.
- समझौता ज्ञापन पहले पांच वर्षों के लिए मान्य होगा और उसके बाद अगले पांच वर्षों के लिए स्वत: ही इसका विस्तार हो जाएगा, जब तक कि एक पक्ष, दूसरे पक्ष को इसे समाप्त करने की अपनी इच्छा अधिसूचित न कर दे.
- समझौता ज्ञापन के तहत इसे पूरा करने में होने वाले कार्यकलापों की निगरानी के लिए एक संयुक्त कार्यदल गठित किया जाएगा.
- इस दल की बैठक प्रत्येक दो वर्ष में एक बार बारी-बारी से ईरान और भारत में होगी.
4. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य एवं औषधि क्षेत्र में सहयोग हेतु भारत और ईरान के बीच सहयोग-ज्ञापन को मंजूरी दी
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 14 मार्च 2018 को स्वास्थ्य एवं औषधि क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और ईरान के बीच पूर्व-व्यापी सहयोग-ज्ञापन को मंजूरी दे दी है.
- ईरान के राष्ट्रपति के भारत आगमन के दौरान 17 फरवरी 2018 को समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे.
- समझौता-ज्ञापन से दोनों देशों के बीच सहयोग को प्रोत्साहन मिलेगा और दोनों देशों के द्विपक्षीय सम्बंध मजबूत होंगे.
- इस समझौता में चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्य प्रोफेशनलों के प्रशिक्षण में अनुभव का आदान-प्रदान करना होगा.
- मानव संसाधन विकास में सहायता और स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थापना करना और औषध, चिकित्सा उपकरणों और प्रसाधन का नियमन तथा संबंधित सूचनाओं का आदान-प्रदान करना है.
- इस समझौता के अंतगर्त जन स्वास्थ्य, सतत विकास लक्ष्य और अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य में सहयोग था आपस में तय किए जाने वाले अन्य क्षेत्रों में सहयोग करना शामिल है.
5. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वर्तमान यूरिया सब्सिडी योजना को 12वीं पंचवर्षीय योजना के बाद भी जारी रखने की मंजूरी दी
- केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने 14 मार्च 2018 को उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. कुल 1,64,935 करोड़ रुपये के अनुमानित व्यय से यूरिया सब्सिडी योजना को 2017 से 2020 तक जारी रखना और उर्वरक सब्सिडी की अदायगी के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) का कार्यान्वयन करना है.
- यूरिया सब्सिडी योजना जारी रहने से ये सुनिश्चित हो सकेगा कि किसानों को वैधानिक नियंत्रित मूल्य पर पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध हो. उर्वरक क्षेत्र में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के कार्यान्वयन से हेराफेरी के मामले कम हो जाएंगे और उर्वरक की चोरी बंद हो जाएगी.
- यूरिया सब्सिडी में आयातित यूरिया सब्सिडी शामिल है, जो देश में यूरिया की निर्धारित मांग और उत्पादन के बीच की खाई को पाटने के लिए आयात को सुधारने की तरफ संचालित है. इसमें देश में यूरिया को लाने-ले जाने के लिए माल भाड़ा सब्सिडी भी शामिल है.
- उर्वरक विभाग देशभर में उर्वरक क्षेत्र में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण को लाने की प्रक्रिया में है. प्रत्यक्ष लाभ अंतरण से किसानों को आर्थिक सहायता के साथ उर्वरक की बिक्री से उर्वरक कम्पनियों को शत-प्रतिशत भुगतान सुनिश्चित हो सकेगा.
- इस समय 31 यूरिया निर्माण इकाईयां हैं जिनमें से 28 यूरिया इकाईयां प्राकृतिक गैस (रसोई गैस/एलएनजी/सीबीएम का इस्तेमाल कर रही हैं) का इस्तेमाल फीडस्टॉक एवं ईंधन के रूप में और शेष तीन यूरिया इकाईयां नाप्था का इस्तेमाल फीडस्टॉक/ईंधन के रूप में कर रही हैं.
- यूरिया सब्सिडी योजना जारी रहने से यूरिया निर्माताओं को समय पर सब्सिडी का भुगतान सुनिश्चित हो सकेगा. इसके परिणामस्वरूप किसानों को समय पर यूरिया उपलब्ध होगा.
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