केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने नवाचार के प्रयासों को और मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से मानव संसाधन विकास मंत्रालय में एक ‘नवाचार प्रकोष्ठ’ (Innovation Cell) की स्थापना की घोषणा की है.
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 14 मार्च 2018 को एक उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया.
रचना:
इस प्रकोष्ठ में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा युवा पेशेवर भी होंगे जो देश में नवाचार को बढ़ावा देने के बारे में काम करेंगे.
निर्णय:
यह निर्णय 127 देशों की सूची वाले वैश्विक नवाचार सूचकांक रैंकिंग में भारत के वर्ष 2016 के 66वें पायदान से 6 पायदान ऊपर चढ़कर वर्ष 2017 में 60वें पायदान पर पहुंच जाने के कुछ समय बाद ही लिया गया है.
अन्य जानकारी:
- भारत की रैंकिंग में लगातार दूसरे वर्ष सुधार देखा गया है और यह सुधार अन्य मंत्रालयों के साथ समन्वय में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा स्मार्ट इंडिया हैकथॉन का शुभारंभ करने के समय ही हुआ है.
- वैश्विक नवाचार सूचकांक 2017 के तहत भारत ने नवाचार संबंधी इनपुट और नवाचार दक्षता के मामले में अपनी स्थिति में सुधार किया है.
- देश के लिए सबसे अच्छी बातों में बड़ी संख्या में विज्ञान एवं इंजीनियरिंग स्नातकों का होना, भारत में वैश्विक आरएंडडी कंपनियों के निवेश में वृद्धि, बेहतर क्यूएस विश्वविद्यालय रैंकिंग एवं काफी ज्यादा उद्धृत किए जाने वाले अनुसंधान प्रकाशन में उच्च रैंक, आईटी सेवा विशेषज्ञों में वैश्विक स्तर पर अगुवाई करना और रचनात्मक वस्तुओं के निर्यात में अग्रणी होना शामिल हैं.
- स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2018 में भागीदारी में व्यापक वृद्धि देखी गई है. इस दौरान एक लाख से भी अधिक छात्रों ने पेश की गई विभिन्न समस्याओं के लिए नवाचार जानकारियां या इनपुट प्रस्तुत किए.
- देश के शीर्ष केंद्रीय तकनीकी संस्थानों में नवाचार एवं अनुसंधान संबंधी बुनियादी ढांचे को तेजी से स्थापित करने के लिए उच्च शिक्षा वित्त पोषण एजेंसी (एचईएफए) के जरिए अधिक धन आवंटित करने पर सरकार का विशेष ध्यान होने और इन संस्थानों के 1000 शीर्ष छात्रों को प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलोशिप (पीएमआरएफ) देने से भारत के नवाचार एवं अनुसंधान प्रयासों को आगे बढ़ाने और प्रतिभा पलायन को रोकने में मदद मिलेगी.
पृष्ठभूमि:
मानव संसाधन विकास मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि भारत ने विश्व नवाचार रैंकिंग में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है. इसलिए अब इस पर और अधिक ध्यान देने के लिए प्रकोष्ठ बनाया जा रहा है. देश में अब तक प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में छह रिसर्च पार्क मंजूर किए जा चुके हैं और 120 से अधिक प्रौद्योगिकी केंद्र भी बनाए गए हैं. इसके अलावा कई शिक्षण संस्थानों में टिकरिंग लैब भी बनाए गए हैं. यह सुधार अलग-अलग मंत्रालयों की ओर से नवाचार को लेकर उठाए गए कदमों और हैकथान जैसी प्रतिस्पर्धाओं के बाद सामने आया है.
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