नेपाल में 13 मार्च 2018 को हुए राष्ट्रपति चुनावों के लिए मतदान हुआ जिसमें मौजूदा राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी दूसरी बार निर्वाचित हुई हैं. वे देश की पहली महिला राष्ट्रपति हैं.
वे पहली बार 28 अक्टूबर 2015 को नेपाल की राष्ट्रपति निर्वाचित हुई थीं.
बहुमत से संबंधित मुख्य तथ्य:
• नेपाल में राष्ट्रपति पद के लिए 12 मार्च 2018 को हुए चुनाव में विद्या देवी भंडारी को 39,275 मत मिले जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी लक्ष्मी राय को 11,730 मत प्राप्त हुए. राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने नेपाली कांग्रेस की उम्मीदवार कुमारी लक्ष्मी राय को हराया. विद्या देवी भंडारी ने दो- तिहाई से ज्यादा बहुमत हासिल किया.
• विद्या देवी भंडारी का समर्थन सत्तारुढ़ सीपीएन- यूएमएल और सीपीएन (माओवादी सेंटर) वाम गठबंधन, संघीय समाजवादी फोरम- नेपाल और अन्य छोटे दलों ने किया.
• संघीय संसद के 148 सदस्यों और प्रांतीय असेंबलियों के 243 सदस्यों के साथ सीपीएन- यूएमएल के कुल 23356 वोट हैं.
• नेपाली कांग्रेस के संसद में 76 और प्रांतीय विधानसभाओं में 113 सदस्य हैं और इस प्रकार उसके कुल 11428 वोट हैं.
• निर्वाचक मंडल में संसद और प्रांतीय एसेंबलियों के सदस्य शामिल होते हैं, जो राष्ट्रपति चुनावों में वोट डालते हैं.
विद्या देवी भंडारी के बारे में:
• विद्या देवी भंडारी का जन्म 19 जून 1961 को नेपाल के भोजपुर में हुआ था.
• विद्या देवी भंडारी नेपाल की दूसरी तथा देश के लोकतांत्रिक इतिहास में पहली महिला राष्ट्रपति हैं.
• वे भूतपूर्व नेपाली राजनीतिज्ञ तथा कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल की नेता रह चुकी हैं.
• नेपाल में विद्या देवी भंडारी को लंबे समय से महिलाओं के अधिकारों की वकालत के लिए जाना जाता है.
• विद्या देवी भंडारी ने विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति में प्रवेश किया. वे नेपाल की सत्तारूढ़ दल नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (यूएमएल) की उपाध्यक्ष रहीं हैं.
• वे वर्ष 1994 और वर्ष 1999 में संसदीय चुनावों में निर्वाचित हुईं.
• विद्या देवी भंडारी दो बार सांसद भी रही हैं. वे नेपाल के रक्षा मंत्री का पद भी संभाल चुकी हैं.
• वे छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़ गई थीं और उन्होंने वर्ष 1980 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (मार्क्सवादी-लेननवादी) की सदस्यता ग्रहण कर ली थीं.
पृष्ठभूमि:
नेपाल के राष्ट्रपति चुनाव में भी भारत की तरह संसद और प्रांतीय विधानसभाओं के प्रतिनिधि मतदान करते हैं. उनके दोबारा राष्ट्रपति बनने को भारत-नेपाल संबंधों के लिहाज से भी सकारात्मक खबर माना जा रहा है.
भारत पर असर:
विद्या देवी भंडारी के दोबारा नेपाल की राष्ट्रपति बनने से भारत को भी सुकून मिलेगा. विद्या देवी भंडारी की वजह से भारत और नेपाल के संबंधों को एक नई गति मिली है.
दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की कोशिश करते रहे हैं. विद्या देवी भंडारी ने वर्ष 2017 में भारत की यात्रा की और उस दौरान उन्होंने दोनों देशों के पुराने संबंधों को और मजबूत बनाने पर जोर दिया था.
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नेपाल के साथ संबंध सुधारने की कोशिशों में लगे हैं. वे वर्ष 2014 में दो बार नेपाल के दौरे पर गए. भारत ने वर्ष 2015 में नेपाल को भयानक भूकंप से हुई त्रासदी में मदद भी की.
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