केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और मोरक्को के बीच विधि के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और मोरक्को के बीच विधि और विधि निर्माण के क्षेत्र में उनके अनुभवों और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान के उद्देश्य से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के लिए अपनी पूर्व व्यापी मंजूरी दे दी है.
समझौता ज्ञापन से वकीलों, कानूनी अधिकारियों और विधि छात्रों को विधि और न्याय के क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर भारत और मोरक्को के अधिकारियों द्वारा आयोजित सेमिनारों, विचार गोष्ठियों और कार्यशालाओं में विचार-विमर्श करने का अवसर मिलेगा.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने औषधीय पौधों के क्षेत्र में सहयोग हेतु भारत और इक्वाटोरियल गिनी के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने औषधीय पौधों के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और इक्वाटोरियल गिनी के बीच समझौता ज्ञापन को पूर्व प्रभाव से स्वीकृति दे दी है.
समझौता ज्ञापन से दोनों देशों के बीच औषधीय पौधों के क्षेत्र में और बढ़ावा मिलेगा. सहयोग के तहत अनुसंधान कार्यों, प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों, सम्मेलनों और बैठकों के आयोजन के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधन आयुष मंत्रालय के तहत गठित राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड के लिए आवंटित बजट तथा योजनाओं से प्राप्त किए जाएंगे.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आंध्र प्रदेश में केंद्रीय विश्वविद्यालय के गठन को मंजूरी दी
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में स्थित जनथालुरू गांव में निर्मित किए जाने वाले केंद्रीय विश्वविद्यालय के गठन को सैद्धांतिक रूप में मंजूरी दे दी. इस विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय, आंध्र प्रदेश के नाम से जाना जाएगा.
विश्व विद्यालय-निर्माण के प्रथम चरण के लिए 450 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया गया है. कैबिनेट ने अस्थायी कैंपस से केन्द्रीय विश्वविद्यालय के संचालन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी.
प्रांरभ में सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम,1860 के तहत एक सोसाइटी का पंजीकरण किया जाएगा ताकि केन्द्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम 2009 में आवश्यक संशोधन होने तथा शैक्षणिक वर्ष 2018-19 से शैक्षणिक गतिविधियां प्रारंभ होने के पहले तक इसे कानूनी दर्जा प्रदान किया जा सके.
इस मंजूरी से उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच में वृद्धि होगी, शैक्षणिक सुविधाओं के क्षेत्रीय असंतुलन को कम करने में मदद मिलेगी तथा आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 को प्रभावी बनाने में सहायता मिलेगी.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और स्वाजीलैंड के बीच स्वास्थ्य और औषधि के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य और औषधि के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और स्वाजीलैंड के बीच समझौता ज्ञापन के लिए अपनी पूर्वव्यापी मंजूरी दे दी है. समझौता ज्ञापन पर 9 अप्रैल 2018 को हस्ताक्षर किए गये थे.
समझौता ज्ञापन में शामिल किए गये सहयोग के क्षेत्र में दवा और फार्मास्युटिकल उत्पाद, चिकित्सा संबंधी उपभोज्य उत्पाद, चिकित्सा अनुसंधान, चिकित्सा उपकरण, सार्वजनिक स्वास्थ्य, संचारी रोग नियंत्रण और निगरानी, स्वास्थ्य पर्यटन और आपसी हित का कोई अन्य क्षेत्र है.
सहयोग के विवरण की विस्तृत जानकारी और समझौता ज्ञापन के कार्यान्वयन को देखने के लिए एक कार्यदल स्थापित किया गया है.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति-2018 को मंजूरी दी
केन्द्रीय मंत्रिमंडल समिति ने जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति-2018 को मंजूरी दे दी है. नीति गैर-खाद्य तिलहनों, इस्तेमाल किए जा चुके खाना पकाने के तेल, लघु गाभ फसलों से जैव डीजल उत्पादन के लिए आपूर्ति श्रृंखला तंत्र स्थापित करने को प्रोत्साहन दिया गया. इन प्रयासों के लिए नीति दस्तावेज़ में जैव ईंधनों के संबंध में सभी मंत्रालयों/विभागों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों का अधिग्रहण किया गया है.
देश में जैव ईंधनों को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2009 के दौरान नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने जैव ईंधनों पर एक राष्ट्रीय नीति बनाई थी. पिछले दशक में जैव ईंधन ने दुनिया का ध्यान आकृष्ट किया. जैव ईंधन के क्षेत्र में विकास की गति के साथ चलना आवश्यक है.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों से जुड़े वाणिज्यिक विवादों को सुलझाने की प्रणाली को सशक्त बनाने की मंजूरी दी
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों, के बीच तथा अन्य सरकारी विभागों और संगठनों के साथ उनके वाणिज्यिक विवादों को निपटाने की प्रणाली को सशक्त बनाने को मंजूरी दे दी. मंत्रिमंडल ने सचिवों की समिति के सुझावों के आधार पर यह फैसला लिया है.इसके तहत ऐसे विवादों को अदालतों के जरिए निपटाने के बजाय इसके लिए एक सशक्त संस्थागत प्रणाली विकसित की जाएगी.
फैसलों के अनुपालन के लिए सार्वजनिक उपक्रम विभाग तत्काल सभी उपक्रमों को उनके संबंधित मंत्रालयों/विभागों/राज्य सरकारों और संघ शासित प्रदेशों के जरिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी करेगा. नई प्रणाली आपसी और सामूहिक प्रयासों से वाणिज्कि विवादों को निपटाने को प्रोत्साहित करेगी और जिससे अदालतों में ऐसे विवादों की सुनवाई के मामले घटेंगे और जनता का पैसा बर्बाद होने से बचेगा.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल को भारत और फ्रांस के बीच रेलवे के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग के समझौता ज्ञापन से अवगत कराया गया
केंद्रीय मंत्रिमंडल को भारतीय रेल और फ्रांस की सरकारी कंपनी एसएनसीएफ मोबिलिटिज़ के बीच रेलवे के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग के समझौता ज्ञापन से अवगत कराया गया. समझौता ज्ञापन पर 10 मार्च 2018 को हस्ताक्षर किए गए थे.
समझौता ज्ञापन के तहत रेलवे के क्षेत्र में ज्ञान और विकास से जुड़ी नवीनतम जानकारियों को साझा करने के लिए भारतीय रेलवे को एक मंच उपलब्ध कराया गया है. इसके जरिए तकनीकी विशेषज्ञता, रिपोर्ट और तकनीकी दस्तावेज के आदान-प्रदान को सुगम बनाने तथा विशेष किस्म की प्रौदयोगिकी पर केंद्रित प्रशिक्षण और संगोष्ठियों तथा कार्यशालाओं का आयोजन और जानकारियों को साझा करना सुगम बनाया गया है. रेल मंत्रालय ने रेल क्षेत्र में तकनीकी सहयोग के लिए विभिन्न देशों की सरकारों और राष्ट्रीय रेल सेवाओं के साथ समझौता किया है.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और कोलंबिया के बीच परम्प्रागत औषधि प्रणालियों के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत की परम्परागत औषधि प्रणालियों पर सहयोग स्थापित करने के लिए भारत और कोलंबिया के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर को अपनी मंजूरी दे दी है. इससे कोलंबिया में भारत की परम्परागत औषधियों का प्रचार और प्रसार होगा.
इस समझौता ज्ञापन के परिणामस्वरूप चिकित्सकों को प्रशिक्षण देने के लिए विशेषज्ञों के आदान-प्रदान, परम्परागत औषधि प्रणालियों में सहयोगपूर्ण अनुसंधान से औषधि विकास और परम्परागत चिकित्सा में नये अविष्कार हो सकेंगे.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने खनन एवं भूविज्ञान के क्षेत्र में भारत और मोरक्को के बीच एमओयू को मंजूरी दी
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने खनन एवं भूविज्ञान के क्षेत्र में भारत और मोरक्को के बीच सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाने को अपनी पूर्वव्यापी मंजूरी दे दी है. इस समझौते पर 11 अप्रैल 2018 को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए थे. यह समझौता मोरक्को के ऊर्जा, खान एवं सतत विकास मंत्रालय और भारत सरकार के खान मंत्रालय के बीच हुआ.
यह सहयोग दोनों देशों के बीच आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरण क्षेत्र में पारस्परिक तौर पर लाभप्रद साबित होगा. इस समझौते का मुख्य उद्देश्य खनन एवं भूविज्ञान या भूगर्भशास्त्र के क्षेत्र में भारत और मोरक्को के बीच आपसी सहयोग को मजबूत करना है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भोपाल में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुर्नवास संस्थान खोले जाने को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भोपाल में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुर्नवास संस्थान (एनआईएमएचआर) खोले जाने को मंजूरी दे दी है. यह संस्था निशक्त जन सशक्तिकरण विभाग के अंतर्गत एक सोसाइटी के रूप में सोसाइटीज़ रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 के तहत स्थापित की जाएगी.
पहले तीन वर्षों में इस परियोजना पर 179.5 करोड़ रूपये खर्च होने का अनुमान है. इसमें 128.54 करोड़ रूपये का गैर आवर्ती व्यय और 51 करोड़ रूपये का आवर्ती व्यय शामिल है. मंत्रिमंडल ने इस संस्थान के लिए संयुक्त सचिव स्तर के तीन पदों जिनमें निदेशक का एक पद भी शामिल है, इसके अलावा प्रोफेसरों के दो पदों को भी मंजूरी दी है.
एनआईएमएचआर का मुख्य उद्देश्य मानसिक रूप से बिमार व्यक्तियों के पुर्नवास की व्यवस्था करना, मानसिक स्वास्थ पुर्नवास के क्षेत्र में क्षमता विकास तथा मानसिक स्वास्थ्य पुर्नवास के लिए नीति बनाना और अनुसंधान को बढ़ावा देना है.
मंत्रिमंडल ने चुनाव और प्रबंधन और प्रशासन के क्षेत्र में सहयोग हेतु भारत और सूरीनाम के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चुनाव और प्रबंधन और प्रशासन के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और सूरीनाम के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दे दी है. इसके तहत दोनों देशों के बीच चुनाव प्रक्रिया के संगठनात्मक और तकनीकी विकास के क्षेत्र में परस्पर सूचनाओं के आदान-प्रदान, संस्थाओं को सशक्त बनाने, क्षमता विकास और प्रशिक्षण के लिए ज्ञान और अनुभवों को साझा करने तथा नियमित विचार-विमर्श की प्रक्रिया को जारी रखने की व्यवस्था है.
इस समझौता ज्ञापन से दोनों देशों के बीच तकनीकी सहयोग तथा सूरीनाम को चुनाव प्रबंधन और प्रशासन के क्षेत्र में सहयोग करना है जिससे विपक्षीय संबंधों को प्रोत्साहित किया जा सके.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने रक्षा सेवाओं के स्पेक्ट्रम के लिएनेटवर्क लागू करने का बजट बढ़ाया
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने रक्षा सेवाओं के लिए वैकल्पिक संचार नेटवर्क बिछाने के उद्देश्य से स्पेक्ट्रम के लिए नेटवर्क (एनएफएस) परियोजना का बजट 11,330 करोड़ रुपये बढ़ाने की मंजूरी दे दी है. बुनियादी ढांचे पर मंत्रिमंडल समिति जुलाई 2012 में 13,334 करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी दे चुकी है.
भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) द्वारा कार्यान्वित की जाने वाली परियोजना 24 महीने की अवधि में पूरी हो जाएगी. एनएफएस परियोजना से बड़े पैमाने पर रक्षा सेवाओं की संचार क्षमता में वृद्धि होगी जिससे राष्ट्रीय परिचालन तैयारियों को बढ़ाया जा सकेगा.
मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गतनाबार्ड के साथ सूक्ष्म सिंचाई कोष हेतु राशि मंजूर की
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के अंतर्गत समर्पित “सूक्ष्म सिंचाई कोष”(एमआईएफ) स्थापित करने के लिए नाबार्ड के साथ 5,000 करोड़ रुपये की आरंभिक राशि देने की मंजूरी दे दी है.
नाबार्ड इस अवधि के दौरान राज्य सरकारों को ऋण का भुगतान करेगा. नाबार्ड से प्राप्त ऋण राशि दो वर्ष की छूट अवधि सहित सात वर्ष में लौटाई जा सकेगी. एमआईएफ के अंतर्गत ऋण की प्रस्तावित दर 3 प्रतिशत रखी गई है जो नाबार्ड द्वारा धनराशि जुटाने की लागत से कम है.
इसके खर्च को वर्तमान दिशा-निर्देशों में संशोधन करके वर्तमान पीएमकेएसवाई-पीडीएमसी योजना से पूरा किया जा सकता है. इसका ब्याज दर सहायता पर कुल वित्तीय प्रभाव करीब 750 करोड़ रुपये होगा.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने झारखंड के देवघर में नए एम्स की स्थापना को मंजूरी दी
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने झारखंड के देवघर में नया अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) स्थापित करने की मंजूरी दे दी है. परियोजना हेतु 1103 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है. यह एम्स प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के अंतर्गत स्थापित किया जाएगा.
एम्स देवघर में 750 बिस्तरों का अस्पताल और ट्रामा सेंटर सुविधाएं, प्रतिवर्ष 100 एमबीबीएम विद्यार्थियों के नामांकन के साथ मेडिकल कॉलेज, प्रतिवर्ष 60 बीएसई (नर्सिंग) विद्यार्थियों के नामांकन के साथ नर्सिंग कॉलेज, आवासीय परिसर तथा एम्स नई दिल्ली की तरह संबंधित सुविधाएं और सेवाएं होंगी.
देवघर में नए एम्स की स्थापना से स्थानीय आबादी को सुपर स्पेशिऐलिटी स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के साथ-साथ डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों का बड़ा पूल बनाया जा सकेगा, जिससे डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) द्वारा बनाए जा रहे प्राथमिक और द्वितीय स्तर के संस्थानों को उपलब्ध होंगे. पीएमएसएसवाई के अंतर्गत भुवनेश्वर, भोपाल, रायपुर, जोधपुर, ऋषिकेश और पटना में एम्स स्थापित किए गए हैं. रायबरेली (उत्तर प्रदेश), नागपुर (महाराष्ट्र), कल्याणी (पश्चिम बंगाल) और गुंटुर में मंगलागिरी, (आंध्र प्रदेश) में एम्स का कार्य प्रगति पर है. एम्स गोरखपुर के लिए निर्माण कार्य का ठेका दे दिया गया है.
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