टॉप कैबिनेट मंजूरी: 25 अक्टूबर 2018
1. कैबिनेट ने निर्णयन प्राधिकरण के गठन और अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना को स्वीकृति दी
• केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बेनामी संपत्ति लेन-देन निषेध अधिनियम (पीबीपीटी), 1988 के तहत निर्णयन प्राधिकरण के गठन और अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना को स्वीकृति दे दी है.
• पीबीपीटी अधिनियम के तहत तीन अतिरिक्त खंडपीठों के साथ निर्णयन प्राधिकरण का गठन किया जाएगा और अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना की जाएगी.
• निर्णयन प्राधिकरण और अपीलीय न्यायाधिकरण दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटीडी) में ही अवस्थित होंगे. निर्णयन प्राधिकरण की खंडपीठ कोलकाता, मुम्बई और चेन्नई में अवस्थित हो सकती है. प्रस्तावित निर्णयन प्राधिकरण के अध्यक्ष के साथ सलाह-मशविरा करने के बाद ही इस बारे में आवश्यक अधिसूचना जारी की जायेगी.
• उपर्युक्त मंजूरी मिल जाने से निर्णयन प्राधिकरण को सौंपे गये मामलों का कारगर एवं बेहतर निपटान संभव होगा और इसके साथ ही निर्णयन प्राधिकरण के ऑर्डर के खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण में की जाने वाली अपील का भी त्वरित निपटान संभव हो पायेगा.
2. कैबिनेट ने देश में कई स्थानों पर सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से भारतीय कौशल संस्थान स्थापित करने को मंजूरी दी
• केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के जरिए देश के विभिन्न स्थानों में भारतीय कौशल संस्थान स्थापित करने की मंजूरी दे दी है. उपलब्ध आधारभूत संरचना और मांग के आधार पर ऐसे केन्द्र खोले जाने की संभावनाओं का पता लगाया जाएगा.
• कौशल विकास संस्थान, के जरिए उच्च गुणवत्ता वाले कौशल प्रशिक्षण, अनुसंधानपरक शिक्षा तथा उद्योग जगत से व्यावहारिक तरीके से सीधे जुड़ने का अवसर उपलब्ध कराते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था के मुख्य क्षेत्रों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिके रहने में सक्षम बनाएंगे.
• यह देश भर में आकांक्षी युवाओं को अत्यधिक कुशल प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के साथ ही उद्योग जगत के साथ सीधे जुड़ने का अवसर भी देगा, ताकि वे वैश्विक स्तर पर सभी क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धी बन सकें.
• निजी क्षेत्र के फायदों और भूमि के रूप में सरकारी पूंजी के माध्यम से इस योजना के तहत विशेषज्ञता, ज्ञान और प्रतिस्पर्धी क्षमता वाले नये संस्थान स्थापित किए जा सकेंगे.
3. कैबिनेट ने भारत और मलावी के बीच प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर और अनुमोदन को मंजूरी दी
• केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और मलावी के बीच प्रत्यर्पण संधि किए जाने और उसके अनुमोदन को मंजूरी दे दी है.
• इस संधि के जरिए भारत और मलावी के बीच आतंकवादियों, आर्थिक भगौड़ों और अन्य अपराधियों के प्रत्यर्पण के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार किया जा सकेगा.
4. केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया और सर्टिफाइड प्रोफेशनल एकाउंटेंट्स अफगानिस्तान के बीच समझौता ज्ञापन पर मंजूरी दी
• केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) और सर्टिफाइड प्रोफेशनल एकाउंटेंट्स अफगानिस्तान (सीपीए अफगानिस्तान) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर को मंजूरी दे दी है.
• इससे ‘अफगानिस्तान एकाउंटेंसी बोर्ड (एएबी)’ के क्षमता निर्माण, आईटी क्षमता को मजबूत बनाने और ज्ञान के हस्तांतरण में तेजी लाकर अफगानिस्तान में गुणवत्ता सुनिश्चित करने; छात्रों और सदस्यों के आदान-प्रदान कार्यक्रमों; सेमिनार, सम्मेलन और दोनों पक्षों के आपसी फायदे के लिए संयुक्त गतिविधियां कराने के क्षेत्रों में आपसी सहयोग स्थापित हो सकेगा.
• ज्ञान के हस्तांतरण को सरल बनाकर अफगानिस्तान में गुणवत्ता सुनिश्चित करने को मजबूत बनाने, ताकि आवश्यक गुणवत्ता नियंत्रण की व्यवस्था को लागू करने और अफगानिस्तान में समय-समय पर समीक्षा करने के कार्य में मदद मिल सके.
• भारत और अफगानिस्तान के बीच मजबूत साझेदारी है जो ऐतिहासिक और सांस्कृतिक सम्पर्कों पर आधारित है. अफगानिस्तान भारत और आईसीएआई को पहचान देने में मदद करेगा ताकि भारतीय सीए के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन की व्यवस्था करने के साथ अफगानिस्तान के नियोक्ताओं के बीच पहचान बनाने और उनकी स्वीकार्यता में मदद की जा सके.
5. केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने निरंतर विकास लक्ष्यों पर राष्ट्रीय निगरानी रूपरेखा को मंजूरी दी
• केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सम्बद्ध लक्ष्यों के साथ निरंतर विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की निगरानी के लिए राष्ट्रीय संकेतक ढांचे (एनआईएफ) की समय-समय पर समीक्षा और उसमें सुधार के लिए एक उच्च स्तरीय प्राकलन समिति के गठन को मंजूरी दे दी है.
• उच्च स्तरीय समिति की अध्यक्षता भारत के मुख्य सांख्यिकीविद तथा सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) के सचिव करेंगे. समिति में आंकड़ा स्रोत मंत्रालयों और नीति आयोग के सचिव सदस्य के रूप में होंगे.
• सांख्यिकी संकेतक के आधार पर, एमओएसपीआई एसडीजी के कार्यान्वयन पर राष्ट्रीय रिपोर्ट लाएगी. यह रिपोर्ट प्रगति के आकलन को सरल बनाने, चुनौतियों की पहचान करने और राष्ट्रीय स्तर पर आगे कार्य करने के लिए सिफारिशें देगी.
• एनआईएफ राष्ट्रीय स्तर पर एसडीजी की प्रकृति के बारे में नतीजा आधारित निगरानी और जानकारी देने में मदद करेगी. एसडीजी विकास के आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण संबंधी आयामों को समाहित कर लिया. इसका उद्देश्य सबका साथ सबका विकास की मूल भावना के साथ बदलते विश्व में गरीबी उन्मूलन और समृद्धि को बढ़ावा देना है.
6. कैबिनेट ने ब्रिक्स देशों के बीच पर्यावरण के क्षेत्र में सहयोग हेतु समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी
• केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने ब्रिक्स देशों के बीच पर्यावरण के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन को पूर्व प्रभाव से मंजूरी दे दी है. इस समझौता ज्ञापन पर जुलाई 2018 में दक्षिण अफ्रीका के जोहन्सबर्ग में आयोजित 10वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे.
• समझौता ज्ञापन के माध्यम से ब्रिक्स देशों के बीच हिस्सेदारी, परस्पर आदान-प्रदान और समान हितों के आधार पर पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन के लिएदीर्घावधि सहयोग को बढ़ावा मिलेगा. परस्पर सहयोग की इस व्यवस्था में संबंधित देशों के यहां लागू कानूनी प्रावधानों कोध्यान में रखा जाएगा.
• पर्यावरण को लेकर जारी चिंताएं आज सिर्फ एक देश तक सीमित नहीं रह गई हैं, बल्कि यह पूरी दुनिया के लिए गंभीर चुनौती पैदा कर चुकी हैं. समझौता ज्ञापन के जरिए ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे पांच बड़ी अर्थव्यवस्था वाले ब्रिक्स देशों ने पर्यावरण को बचाने, उसे संरक्षित करने और उसके टिकाऊपन के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है.
7. मंत्रिमंडल ने भारत-ताइपे एसोसिएशन और ताइपे आर्थिक और सांस्कृतिक केन्द्र के बीच द्विपक्षीय निवेश समझौते पर हस्ताक्षर को मंजूरी दी
• केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने ताइपे में भारत-ताइपे एसोसिएशन (आईटीए) और भारत में ताइपे आर्थिक और सांस्कृतिक केन्द्र (टीईसीसी) के बीच द्विपक्षीय निवेश समझौते (बीआईए) पर हस्ताक्षर को मंजूरी दे दी है.
• समझौते से दोनों पक्षों के बीच निवेश का प्रवाह बढ़ने की उम्मीद है. समझौते से आईटीए और टीईसीसी के बीच परस्पर आधार पर निवेश को उपयुक्त संरक्षण प्रदान किया जा सकेगा.
• इससे निवेश से जुड़े मामलों में बिना किसी भेदभाव के सामान अवसर सुनिश्चित कर निवेशकों का विश्वास बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे निवेशकों को हितकर माहौल प्रदान किया जा सकेगा.
• इससे भारत को तरजीही विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) स्थल के रूप में पेश करने में मदद मिलेगी.
8. केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और सिंगापुर के बीच फिन टैक पर एक संयुक्त कार्य समूह गठित करने हेतु समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी
• केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और सिंगापुर के बीच फिन टैक पर संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) गठित करने पर जून 2018 में हस्ताक्षर किए गए समझौता ज्ञापन को पूर्व प्रभाव से अपनी मंजूरी दे दी है.
• भारत और सिंगापुर के बीच फिन टैक पर संयुक्त कार्य समूह का गठन दोनों देशों के बीच फिन टैक के क्षेत्र में सहयोग के लिए किया गया है.
• भारत और सिंगापुर के बीच सहयोग से दोनों देशों को एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेसेज (एपीआई), रेग्यूलेटरी सैंडबॉक्स, भुगतान में सुरक्षा और डिजिटल नगद प्रवाह, इलैक्ट्रॉनिक हस्तांतर के लिए रुपे-नेटवर्क (एनईटीएस) के समेकन, यूपीआई फास्ट पेमेंट लिंक, वित्तीय बाजारों और बीमा क्षेत्र तथा सैंडबॉक्स मॉडलों के लिए समाधानों के विकास के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने में लाभ मिलेगा.
9. कैबिनेट ने ब्रिक्स देशों के बीच सामाजिक और श्रम क्षेत्र में सहयोग हेतु समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी
• केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के बीच सामाजिक और श्रम क्षेत्र में सहयोग के करार को पूर्व प्रभाव से मंजूरी दे दी है. इन देशों के बीच 03 अगस्त 2018 को ब्रिक्स देशों के श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठक के दौरान एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे.
• समझौता ज्ञापन के जरिए भारत सहित सभी प्रतिभागी देशों ने श्रम कानून बनाने और उन्हें लागू करने तथा असुरक्षित श्रमिक वर्ग का खास ध्यान रखते हुए सभी श्रमिकों के अधिकारों का संरक्षण करने, रोजगार और श्रम बाजार नीतियों, रोजगारोन्मुख शिक्षा, कौशल विकास और प्रशिक्षण तथा सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में आपसी सहयोग पर सहमति जताई है.
• नई औद्योगिक क्रांति के दौर में यह करार ब्रिक्स के सदस्य देशों को समग्र विकास तथा साझा समृद्धि के समान उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए सहयोग, साझेदारी और बेहतर तालमेल की सक्षम कार्य प्रणाली उपलब्ध कराएगा.
• ब्रिक्स देशों के रोजगार कार्य समूह की दूसरी बैठक 30 जुलाई से 01 अगस्त 2018 तक और ब्रिक्स के श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठक 02 से 03 अगस्त 2018 को दक्षिण अफ्रीका के डरबन में आयोजित की गई थी.
10. मंत्रिमंडल ने आशा सहायिकाओं का निरीक्षण शुल्क बढ़ाने की मंजूरी दी
• आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने 2018-19 से 2019-20 के लिए आशा सहायिकाओं का निरीक्षण शुल्क अक्टूबर 2018 से (नवंबर 2018 से भुगतान) 250 रुपये प्रति दौरे से बढ़ाकर 300 रुपये प्रति दौरा करने की मंजूरी दे दी है.
• आशा सहायिकाएं प्रति माह करीब 20 निरीक्षण दौरे कर सकेंगी. 1000 रुपये की प्रस्तावित वृद्धि से आशा सहायिकाओं को 5000 रुपये प्रति माह की बजाय 6000 रुपये प्रति माह मिलेंगे.
• आशा लाभ पैकेज के तहत प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत आशा सहायिकाओं का नाम दर्ज करना हैं. इस प्रस्ताव से 46.95 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च होने का अनुमान है, जिसमें से 15.65 करोड़ रुपये 2018-19 के दौरान (6 महीने के लिए) और 2019-20 के दौरान केन्द्रीय हिस्से के रूप में 31.30 करोड़ रुपये शामिल हैं.
• आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, केरल, नगालैंड, तमिलनाडु, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और संघ शासित प्रदेशों को छोड़कर सभी राज्यों ने आशा सहायिकाओं का चयन किया है. मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद आशा सहायिकाओं से निरीक्षण दौरे का शुल्क बढ़ाने के संबंध में ज्ञापन मिले थे.
11. सीसीईए ने मत्स्य पालन एवं जलीय कृषि अवसंरचना विकास कोष बनाने को मंजूरी दी
• आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने विशेष मत्स्य पालन एवं जलीय कृषि (एक्वाकल्चर) अवसंरचना विकास कोष (एफआईडीएफ) बनाने को अपनी मंजूरी दे दी है.
• इस मंजूरी के तहत कोष में अनुमानित राशि 7,522 करोड़ रुपये होगी जिनमें से 5266.40 करोड़ रुपये प्रमुख ऋणदाता निकायों (एनएलई) द्वारा जुटाये जायेंगे, जबकि इसमें लाभार्थियों का योगदान 1316.6 करोड़ रुपये का होगा और भारत सरकार से बजटीय सहायता के रूप में 939.48 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे.
• राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) और सभी अनुसूचित बैंक (अब से यहां इसे बैंक लिखा जायेगा) इसके लिए प्रमुख ऋणदाता निकाय होंगे. समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन दोनों ही क्षेत्रों में मत्स्य पालन से जुड़ी बुनियादी ढांचागत सुविधाएं स्थापित की जायेंगी.
• फआईडीएफ से राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों एवं राज्यों के निकायों, सहकारी समितियों, विभिन्न लोगों और उद्यमियों, इत्यादि को रियायती वित्त प्राप्त होगा जिससे वे मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास से जुड़ी चिन्ह्ति निवेश गतिविधियां पूरी कर सकेंगे.
12. कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश में बहराइच और खलीलाबाद के बीच नई रेल लाइन को मंजूरी दी
• मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने उत्तर प्रदेश के बहराइच और खलीलाबादके बीच नई रेल लाइन को मंजूरी दे दी है. यह रेल लाइन भींगा, श्रावस्ती, बलरामपुर, उतरौला, डुमरियागंज, मेहदावलऔर बंसी से होकर गुजरेगी. इस बड़ी लाइन की कुल लम्बाई 240.26 किलोमीटर होगी.
• रेल परियोजना की अनुमानित लागत 4939.78 करोड़ रुपये है. उत्तर-पूर्वी रेलवे का हिस्सा बनने जा रही यह रेल लाइन वर्ष 2024-25 तक बनकर तैयार हो जाएगी. परियोजना से जुड़ी निर्माण गतिविधियों के दौरान यह 57.67 लाख मानव दिवस के रूप में प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगी.
• नई रेल लाइन क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक महत्व वाले औद्योगिक विकास को बुनियादी आधारभूत संरचना उपलब्ध कराएगी. इसके साथ ही यह परियोजना बड़ी लाइन के जरिए क्षेत्र के आर्थिक विकास में मददगार बनेगी. यह बहराइच-खलीलाबाद के बीच वैकल्पिक रेल मार्ग के साथ हीसीमावर्ती जिलों को एक दूसरे से जोड़ेगी.
• इस रेल लाइन से परियोजना क्षेत्र में पड़ने वाले इलाकों के स्थानीय निवासियों को रेल सेवा उपलब्ध होने के साथ ही वहां के लघु उद्योगों को भी विकसित होने में मदद मिलेगी. नीति आयोग द्वारा चिन्हित किए गए 115 आकांक्षी जिलों में से 4 इस परियोजना क्षेत्र में हैं.
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