टॉप हिन्दी करेंट अफ़ेयर्स, 03 सितंबर 2021 के अंतर्गत आज के शीर्ष करेंट अफ़ेयर्स को शामिल किया गया है जिसमें मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और कोरोना वायरस आदि शामिल हैं.
RBI नए अम्ब्रेला इकाई लाइसेंस पर करेगा पांच सदस्यीय पैनल स्थापित
केंद्र का लक्ष्य नई अम्ब्रेला इकाई (NUE) लाइसेंस के साथ एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) के समान एक निपटान प्रणाली का निर्माण करना है. यह प्रणाली मुख्य रूप से छोटे और मध्यम उद्यमों, व्यापारियों और उपभोक्ताओं पर केंद्रित होगी. इस पांच सदस्यीय समिति की अध्यक्षता RBI के मुख्य महाप्रबंधक पी. वासुदेवन करेंगे.
ये नई अम्ब्रेला इकाइयां ऐसी फ़ायदेमंद इकाइयां हैं जिन्हें खुदरा क्षेत्र में भुगतान का प्रबंधन करने के लिए स्थापित किया जाएगा. ये निजी संस्थाएं एटीएम की स्थापना, बिक्री केंद्र, आधार-आधारित भुगतान, प्रेषण सेवाएं और नई भुगतान विधियों को विकसित करने सहित खुदरा भुगतान सेवाओं की एक श्रृंखला की पेशकश कर सकती हैं.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे तेज़ 23,000 रन बनाने वाले बल्लेबाज़ बने विराट कोहली
बता दें कि द ओवल टेस्ट के पहले दिन विराट कोहली ने यह खास उपलब्धि हासिल की. उन्होंने 17.4 ओवर में चौके के साथ अपने 23 हजार रन पूरे किए. इसके साथ वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में यह कमाल करने वाले तीसरे व कुल सातवें क्रिकेटर बन गए.
इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा 34,357 रन सचिन तेंदुलकर के नाम हैं. उनके बाद कुमार संगकारा (28,016 रन) और रिकी पोंटिंग (27,483 रन) का नंबर है. इस लिस्ट में कोहली सातवें नंबर पर हैं जबकि छठे नंबर पर राहुल द्रविड़ (24,208 रन) हैं.
भारतीय सेना ने 100 से ज्यादा 'स्काईस्ट्राइकर' ड्रोन के लिए समझौता किया
स्काईस्ट्राइकर ड्रोन की रेंज लगभग 100 किलोमीटर होगी. यह अपने साथ पांच अथवा 10 किलोग्राम के विस्फोटक के साथ दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर सकता है. साल 2019 के फरवरी में पाकिस्तान पर भारत के एयर स्ट्राइक के बाद दुनिया को भारतीय सेना की शक्ति का एहसास हुआ था.
इस ड्रोन की एक और खासियत यह है कि यह खुद अपने लक्ष्य को ढूंढकर उन पर हमला करता है. इतना ही नहीं यह चुपके से ठिकानों पर धावा बोलकर दुश्मन को हैरान कर सकता है. सेना को 'सूसाइड ड्रोन' मिलने के बाद उसकी ताकत और बढ़ जाएगी.
भारतीय नौसना ने ड्रोन रोधी प्रणाली के लिए BEL से समझौता किया
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि एनएडीएस का विकास रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने किया है और इसका उत्पादन बीईएल कर रही है. यह देश में ही विकसित पहली ड्रोन रोधी प्रणाली है जिसे भारतीय सशस्त्र सेनाओं में शामिल किया जाना है.
बयान में कहा गया कि एनएडीएस प्रणाली तत्काल छोटे आकार के ड्रोन का पता लगा सकती है और लेजर आधारित ‘हथियार’ से लक्ष्य को नष्ट कर सकती है. मंत्रालय ने बताया कि एनएडीएस छोटे ड्रोन का पता लगाने और उन्हें जाम करने के लिए रडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल/इंफ्रा सेंसर और रेडियो फ्रीक्वेंसी डिटेक्टर का इस्तेमाल करती है.
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