टॉप हिन्दी करेंट अफ़ेयर्स, 15 नवंबर 2019 के अंतर्गत आज के शीर्ष करेंट अफ़ेयर्स को शामिल किया गया है जिसमें मुख्य रूप से-मिशन गगनयान और भारतीय वायु सेना आदि शामिल हैं.
Trace Bribery Risk Matrix 2019: दक्षिण एशिया में बांग्लादेश शीर्ष पर
इस सूचकांक में बांग्लादेश का कुल रिस्क स्कोर 72 है जो पिछले वर्ष की तुलना में दो अंक ज्यादा है. इस सूची में बांग्लादेश को 178वां स्थान मिला है तथा भारत को 78वां स्थान प्राप्त हुआ है. दक्षिण एशिया में बांग्लादेश में सबसे ज्यादा रिश्वत लेन-देन की संभावनाएं मौजूद हैं. इसमें इस वर्ष 200 देशों की सूची जारी की गई है.
दक्षिण एशिया के भूटान में रिश्वतखोरी का आशंका सबसे कम है. भूटान को इस सूची में 52वें स्थान पर रखा गया है. न्यूजीलैंड को इस सूची में पहले स्थान पर है तथा सोमालिया 200वें स्थान पर रखा गया है. जिस देश को इस सूची में सबसे ज्यादा रैंकिंग दी गई है वे सबसे अधिक प्रभावित देश है.
मिशन गगनयान: रूस में प्रशिक्षण हेतु 12 संभावित यात्रियों को चुना गया
भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल के अनुसार, इसरो के पहले मानव मिशन गगनयान हेतु अंतरिक्ष यात्रियों का चुनाव पेशेवर तरीके से किया जा रहा है. भारतीय वायु सेना के बारह लोगों को गगनयान परियोजना हेतु संभावित यात्री के तौर पर चुना गया है.
अंतरिक्ष यात्रा हेतु भारतीय वायु सेना के कर्मियों के चयन की प्रक्रिया का पहला चरण पूरा हो चुका है. भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान है. गगनयान मिशन के अंतर्गत करीब दस हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे.
जेयर बोल्सोनारो कौन हैं, जो भारत में गणतंत्र दिवस समारोह के होंगे मुख्य अतिथि
प्रधानमंत्री मोदी ने जेयर बोल्सोनारो को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनने का निमंत्रण दिया है. इस निमंत्रण को ब्राजील के राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है. प्रोटोकॉल के मुताबिक, गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि का पद भारत का सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है.
भारत का विदेश मंत्रालय मुख्य अतिथि किस देश की हस्ती को बुलाया जाएगा, इसके लिए वह विभिन्न पहलुओं की जांच करता है. बोल्सोनारो सरकार ने हाल ही में ब्राजील घूमने हेतु भारतीयों के लिए वीजा की आवश्यकता खत्म कर दी है.
जलवायु परिवर्तन भारत में स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर सकता: लैंसेट रिपोर्ट
लैंसेट रिपोर्ट के मुताबिक, उत्सर्जन को सीमित करने में नाकामी का नतीजा संक्रामक बीमारियों के रूप में सामने आयेगा. इससे वायु प्रदूषण की हालत और गंभीर होती जायेगी तथा कुपोषण की मुसीबत भी गंभीर होगी.
रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में यदि कोई परिवर्तन नहीं किया जाता है तो साल 2090 तक हमारी धरती का तापमान 04 डिग्री सेल्सियस बढ़ जायेगा. तापमान बढ़ने से बहुत सारी समस्या उत्पन्न होगें. तापमान बढ़ने से जंगलों में आग लगने की घटनाएं भी लगातार बढ़ती जा रही हैं.
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