टॉप हिन्दी करेंट अफ़ेयर्स, 17 दिसंबर 2019 के अंतर्गत आज के शीर्ष करेंट अफ़ेयर्स को शामिल किया गया है जिसमें मुख्य रूप से-WEF रिपोर्ट और सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत आदि शामिल हैं.
ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स में भारत 112वें स्थान पर: WEF रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार, आइसलैंड लैंगिक असमानता के मामले में विश्व का सबसे बेहतर देश बना हुआ है. इस देश में महिलाओं के साथ किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होता है. डब्लूईएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि विश्वभर में लिंगभेद कम तो हो रहा है लेकिन अभी भी महिलाओं एवं पुरुषों के बीच स्वास्थ्य, शिक्षा, कार्यालय तथा राजनीति में भेदभाव मौजूद है.
डब्ल्यूईएफ ने साल 2006 में जेंडर गैप को लेकर पहली बार रिपोर्ट पेश की थी. भारत उस समय 98वें स्थान पर था. भारत चार मानकों में तीन पर पिछड़ गया है. भारत तब से पिछड़ते जा रहा है. भारत राजनीतिक सशक्तीकरण में 18वें स्थान पर है.
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाने भारत के अगले थलसेना प्रमुख होंगे
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत 31 दिसंबर 2019 को सेवानिवृत्त होंगे. इनके स्थान पर मुकुंद नरवाने यह पद संभालेंगे. उन्होंने सितंबर 2019 में वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ की जिम्मेदारी संभाली थी. वे इससे पहले सेना की पूर्वी कमान की जिम्मेदारी संभाल रहे थे.
लेफ्टिनेंट जनरल नरवाना राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) और भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के पूर्व छात्र हैं. लेफ्टिनेंट जनरल नरवाने को अपनी 37 वर्षों की सेवा के दौरान आतंकवाद-विरोधी अभियानों में काम करने का व्यापक अनुभव प्राप्त है. उन्होंने श्रीलंका में शांति सेना में भी भाग लिया तथा तीन वर्षों तक म्यांमार में भी सेवाएं प्रदान कीं.
नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) और एनआरसी में क्या अंतर है?
नागरिकता कानून के विरुद्ध देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस विरोध प्रदर्शन की शुरुआत पूर्वोत्तर भारत के असम से हुई. इसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी में भी बहुत ही जबरदस्त प्रदर्शन हुए.
नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) संसद में पास होने और राष्ट्रपति की महुर लगने के बाद नागरिक संशोधन कानून (CAA) बन गया है. भारतीय नागरिकता लेने के लिए भारत में 11 साल रहना अनिवार्य था. नए विधेयक के तहत पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक यदि पांच साल से भी भारत में रहे हों तो उन्हें भारतीय नागरिकता दी जा सकती है.
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ को मौत की सज़ा सुनाई गई
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ पर 03 नवंबर 2007 को पाकिस्तान पर आपातकाल लगाने हेतु देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. इस मामले पर दिसंबर 2013 में सुनवाई शुरू की गई जिसके परिणामस्वरूप उन्हें मौत की सज़ा सुनाई गई है.
इससे पहले पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने लाहौर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर इस्लामाबाद की एक विशेष अदालत के समक्ष मुकदमे की लंबित कार्यवाही पर रोक लगाने का आग्रह किया था. पाकिस्तान की अदालत द्वारा पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को पहले ही पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और लाल मस्जिद के धार्मिक गुरु की हत्या के मामले में भगोड़ा घोषित किया जा चुका है.
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