पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ को विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई है. अदालत द्वारा उन्हें देशद्रोह का दोषी पाया गया जिसके बाद उन्हें यह सज़ा सुनाई गई. परवेज़ मुशर्रफ पर 3 नवंबर 2007 को पाकिस्तान पर आपातकाल लगाने के लिए देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया. इस मामले पर दिसंबर 2013 में सुनवाई शुरू की गई जिसके परिणामस्वरूप उन्हें मौत की सज़ा सुनाई गई है.
पेशावर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता में विशेष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने 17 दिसंबर 2019 को यह सज़ा सुनाई है. मुशर्रफ फिलहाल दुबई में हैं और पाकिस्तान की अदालत उन्हें भगौड़ा करार दे चुकी है.
गौरतलब है कि इससे पहले पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने लाहौर हाईकोर्ट (एलएचसी) में एक याचिका दायर कर इस्लामाबाद की एक विशेष अदालत के समक्ष मुकदमे की लंबित कार्यवाही पर रोक लगाने का आग्रह किया था.
परवेज़ मुशर्रफ पर क्या है इल्जाम?
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और तानाशाह परवेज़ मुशर्रफ पर संविधान को भंग करके वर्ष 2007 में आपात शासन लगाने के मामले में राजद्रोह का आरोप लगाया गया था. अदालत में उन पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने संविधान से इतर अपनी शर्तों पर देश में आपातकाल लगाया और संविधान का निरादर करते हुए सत्ता हथिया ली. उन पर देश के संसाधनों का गलत इस्तेमाल करने, सरकारी अधिकारियों को बंदी बनाने और अदालती करवाई में सत्ता का दबाव डालने के आरोप लगाए गये. वर्तमान समय में 76 वर्षीय मुशर्रफ स्वास्थ्य कारणों से दुबई में रह रहे हैं.
प्रमुख तथ्य
• मुशर्रफ उस समय पाक सेना के अध्यक्ष थे. उन्होंने 1999 से 2008 तक पाकिस्तान पर शासन किया
• उन्होंने 3 नवंबर 2007 में संविधान को स्थगित कर आपातकाल लागू कर दिया था.
• इस मामले में उनके खिलाफ दिसंबर 2013 में सुनवाई शुरू हुई थी. मार्च 2014 में उन्हें देशद्रोह का दोषी पाया गया.
• पाकिस्तान की अदालत द्वारा उन्हें पहले ही पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और लाल मस्जिद के धार्मिक गुरु की हत्या के मामले में भगोड़ा घोषित किया जा चुका है.
• परवेज़ मुशर्रफ ने पाकिस्तान की धीमी न्याय प्रक्रिया का लाभ उठाया और मार्च 2016 में पाकिस्तान छोड़कर दुबई भाग गये, जिसके बाद से वे आज तक वहीं हैं.
मुशर्रफ किस बीमारी से पीड़ित हैं?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अमिलॉइडोसिस नामक एक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित हैं. इस बीमारी में पीड़ित मरीज के शरीर के विभिन्न अंगों प्रोटीन जमा होने लगती है जिससे मरीज का चलना-फिरना और कोई भी काम करना मुश्किल हो जाता है. हाल ही में 5 दिसंबर को पाकिस्तान अदालत द्वारा मुशर्रफ को बयान रिकॉर्ड करने के लिए कहा गया था. जिसके चलते उन्होंने एक वीडियो जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि वे काफी बीमार हैं और देश आकर बयान नहीं दर्ज कर सकते.
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