टॉप हिन्दी करेंट अफ़ेयर्स, 28 जनवरी 2021 के अंतर्गत आज के शीर्ष करेंट अफ़ेयर्स को शामिल किया गया है जिसमें मुख्य रूप से प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और कोरोना वायरस आदि शामिल हैं.
पीएम मोदी आज विश्व आर्थिक मंच के दावोस संवाद को करेंगे संबोधित, जानें विस्तार से
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की तरफ से जारी एक बयान के अनुसार, दुनिया भर के 400 से अधिक शीर्ष उद्योग के नेता इस सत्र में भाग लेंगे. इसमें प्रधानमंत्री चौथी औद्योगिक क्रांति पर बोलेंगे. प्रधानमंत्री इस दौरान सीईओ के साथ बातचीत भी करेंगे.
साल की शुरुआत में दावोस में विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में वैश्विक, क्षेत्रीय और उद्योग एजेंडों को सही दिशा देने के लिए दुनिया के शीर्ष नेता शामिल होंगे. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की प्रमुख ने कोविड-19 महामारी के कारण बढ़ती असामानता पर चिंता जताई है.
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना क्या है, जानें कैसे उठाए स्कीम का फायदा
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की कुशल भारत मिशन की प्रमुख योजना पीएमकेवीवाई 3.0 के तहत कौशल विकास को ज्यादा मांग आधारित बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है. मंत्रालय ने बयान में कहा कि पीएमकेवीवाई 3.0 में जिला कौशल समितियों को जोड़कर एक नई पहल की शुरुआत की गई है.
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) भारत सरकार की एक योजना है. इसे जुलाई 2015 में शुरू किया गया था. इस योजना के तहत 2020 तक एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण (ट्रेनिंग) देने की योजना बनाई गई थी. इस योजना का उद्देश्य ऐसे लोगों को रोजगार मुहैया कराना है जो कम पढ़े-लिखे हैं या बीच में स्कूल छोड़ देते हैं.
डिजिटल करेंसी लाने की तैयारी में आरबीआई, क्या बदल जाएगा लेन-देन का तरीका?
आरबीआई का मानना है कि भुगतान उद्योग (Payment Industry) के तेजी से बदलते हालात, निजी डिजिटल टोकनों (Digital Token) का चलन और कागज के नोट या सिक्कों को तैयार करने में बढ़ते खर्च की वजह से काफी समय से आभासी मुद्रा की जरूरत महसूस हो रही है.
आरबीआई के अनुसार अगर डिजिटल करेंसी चलन में आती है तो मनी ट्रांजैक्शन और लेन-देन के तरीके बदल सकते हैं. इससे ब्लैक मनी पर अंकुश लगेगा. समिति का कहना है कि डिजिटल करेंसी से मॉनिटरी पॉलिसी का पालन आसान होगा.
भारत ने वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा हेतु अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किये
बिजली मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस साझेदारी से सदस्य देश एक-दूसरे के बीच जानकारी का व्यापक रूप से आदान-प्रदान कर सकेंगे. साथ ही यह समझौता भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) का पूर्ण सदस्य बनने की दिशा में एक और अहम कदम होगा.
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) एक स्वायत्त संगठन है. इसके वर्तमान में 30 सदस्य देश तथा 8 सहयोगी देश है. इसकी स्थापना (वर्ष 1974 में) वर्ष 1973 के तेल संकट के बाद हुई थी. इसका मुख्य उद्देश्य तेल की आपूर्ति में प्रमुख बाधाओं के सामूहिक प्रतिक्रिया का समन्वय कर मुख्य रूप से अपने 29 सदस्य देशों को विश्वसनीय, न्यायोचित और स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति सुनिश्चित करना है.
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