अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 08 मई 2019 को एक कार्यकारी आदेश जारी कर ईरानी धातुओं पर प्रतिबंध लगाए जाने की घोषणा की है. यह कार्यकारी फैसले जारी कर राष्ट्रपति ट्रम्प ने ईरान के स्टील, लोहा, एल्यूमीनियम तथा तांबे का निर्यात करने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
इस फैसले का मुख्य उद्देश्य अमेरिका द्वारा ईरान को स्टील, लोहा, एल्यूमीनियम और तांबे का निर्यात कर राजस्व जमा करने से रोकना है. अमेरिका के अनुसार, ईरान इस पैसे का उपयोग अपने परमाणु कार्यक्रम के अतिरिक्त अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ाने में कर सकता है. ईरानी धातुओं का आयात अन्य देशों को भी नहीं करने की बात अमेरिका ने कही है.
अन्य जानकारी: ईरानी राष्ट्रपति हसन रुहानी ने 08 मई 2019 को कहा कि उनका देश ओबामा सरकार के समय हुए परमाणु समझौते के कुछ महत्वपूर्ण हिस्से का पालन बंद कर देगा. ईरान यूरेनियम संवर्धन शुरू करने को लेकर पहले की संधि की नई शर्तों हेतु 60 दिन की समय-सीमा तय करेगा. ईरान ने यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साल 2015 की संधि से बाहर निकलने के फैसले के बाद दिया है. राष्ट्रपति हसन रुहानी ने कहा की वह अन्य साझेदारों के मध्य नई शर्तें चाहते हैं. |
अमेरिका-ईरान संबंध:
अमेरिका और ईरान के बीच 1980 से कोई औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं है. ईरान के खिलाफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कड़े एकपक्षीय प्रतिबंधों को दोबारा लागू कर दिया जो साल 2015 के समझौते के तहत हटा लिया गया था. ईरान के साथ अमेरिका ने 8 मई 2018 को हुए परमाणु समझौते को रद कर दिया था. ईरान को दुनिया में अलग-थलग करने की नीति पर अमेरिका बहुत हद तक सफल भी हुआ है. परमाणु करार रद करने पर यूरोपीय संघ के बहुत से देश अमेरिका के विरुद्ध दिखाई दिए थे. ईरान पर अमेरिका ने विभिन्न प्रकार के प्रतिबंध लगाए हैं.
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अमेरिका ने साल 2011 में ईरान के मिसाइल कार्यक्रमों में संलिप्त व्यवसायी निकायों से संबंध रखने वाली 24 जहाजरानी कंपनियों पर पाबंदी लगा दिया था. अमेरिका की ओर से उठाया गया यह महत्वपूर्ण कदम कथित तौर पर परमाणु हथियार विकसित कर रहे ईरान पर दबाव बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा था.
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