भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 04 जून 2018 को राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों और उप राज्यपालों के दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन किया.
राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया जाने वाला यह 49वां सम्मेलन है और राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में ये दूसरा सम्मेलन हैं.
विषयगत मुद्दा:
दो दिवसीय सम्मेलन-2018 में विभिन्न सत्रों में महत्वपूर्ण विषयगत मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. दूसरे सत्र में भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों एवं आंतरिक सुरक्षा पर विवरण एवं प्रस्तुतियां शामिल होंगी.
मुख्य तथ्य
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राष्ट्रपति कोविंद की अध्यक्षता में हो रहे इस सम्मेलन में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद हैं.
दूसरे सत्र : सम्मेलन के दूसरे सत्र में भारत सरकार और आंतरिक सुरक्षा विभाग के द्वारा संचालित महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के बारे में बताया जाएगा. इस सत्र के दौरान नीति आयोग के सीईओ, वाइस चेयरमैन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के द्वारा प्रेजेंटेशन भी दिया जाएगा.
तीसरे सत्र : तीसरे सत्र में राज्य विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा और रोजगार के लिए कौशल विकास की जरूरत पर चर्चा की जाएगी. गुजरात के राज्यपाल इस सत्र की अध्यक्षता करेंगे. इस सत्र के दौरान इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन विभाग के उच्च शिक्षा सचिव अपना प्रजेंटेशन देंगे.
चौथे सत्र : चौथे सत्र में राज्यपाल और लेफ्टिनेंट गवर्नर 'राज्यपाल-विकास के राजदूत: समाजिक बदलाव के लिए अहम भूमिका निभाने वाले एजेंट' नामक रिपोर्ट पर चर्चा करेंगे. ये रिपोर्ट राज्यपाल समिति के द्वारा 09 जनवरी 2018 को राष्ट्रपति को सौंपी गई थी. राज्यपाल समिति का गठन अक्टूबर 2017 में 48वें राज्यपाल सम्मेलन में किया गया था. इस चौथे सत्र को आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के राज्यपाल संबोधित करेंगे.
पांचवा सत्र : कार्यक्रम का पांचवा सत्र 05 जून 2018 को आयोजित होगा, जिसमें महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को कैसे मनाया जाए, इस पर चर्चा होगी. इस सत्र में ग्राम स्वराज अभियान औऱ स्वच्छता इंटर्नशिप पर प्रेजेंटेशन दिया जाएगा, इसके बाद राज्यपाल और लेफ्टिनेंट गवर्नर इस पर अपनी सलाह भी देंगे. उत्तर प्रदेश के राज्यपाल इस सत्र की अध्यक्षता करेंगे. छठे और अंतिम सत्र में पिछले सत्रों के आयोजन पर चर्चा और विमर्श किया जाएगा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस अंतिम सत्र का हिस्सा होंगे. केंद्र शासित प्रदेशों पर एक विशेष सत्र 05 जून 2018 को आयोजित किया जाएगा, जिसमें केंद्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर और प्रशासक विभिन्न प्रमुख कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की स्थिति पर चर्चा करेंगे. कैबिनेट सचिव, गृह सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक का हिस्सा होंगे.
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पृष्ठभूमि:
राज्यपालों का पहला सम्मलेन राष्ट्रपति भवन में वर्ष 1949 में शुरू हुआ था.
उस दौरान भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल सी. राजगोपालाचारी की अध्यक्षता में ये सम्मेलन कराया गया था.
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