संयुक्त राष्ट्र महासभा के सदस्य देशों ने 21 दिसम्बर 2017 को येरुशलम को इज़रायल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के अमेरिकी प्रस्ताव को खारिज कर दिया. ऐसा करने वाले सदस्यों में भारत समेत 128 देश शामिल हैं.
मुख्य तथ्य
• संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पारित कर अमेरिका से यरुशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के फैसले को वापस लेने को कहा है.
• तुर्की और यमन की ओर से पेश इस प्रस्ताव का भारत समेत 128 देशों ने समर्थन किया. जबकि अमेरिका और इजरायल समेत सिर्फ नौ देशों ने ही प्रस्ताव के विरोध में वोट दिया. 35 देशों ने प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया. केवल 9 देशों ने ही अमेरिका के प्रस्ताव का समर्थन किया.
• इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि जो भी देश यरुशलम के मसले पर उसके पक्ष में वोट देंगे, उन्हें आर्थिक मदद देने में अमेरिका कटौती करेगा.
• प्रस्ताव के विरोध और अमेरिका के समर्थन में वोट करने वाले देशों में ग्वाटेमाला, होंडुरास, इजरायल, मार्शल आइलैंड्स, माइक्रोनेशिया, पलाउ, टोगो और अमेरिका शामिल रहे.
• हालांकि जिन प्रमुख देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया उनमें आस्ट्रेलिया, भूटान, कनाडा, कोलंबिया, हंगरी, मैक्सिको, पनामा, फिलीपींस, पोलैंड और यूगांडा शामिल हैं.
• भारत ने भी इस प्रस्ताव के समर्थन में यानी अमरीकी फैसले के ख़िलाफ़ मतदान किया है.
• अमेरिका ने 18 दिसम्बर 2017 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ऐसे ही एक प्रस्ताव को वीटो किया था. अमेरिका को छोड़कर सुरक्षा परिषद के बाकी सभी 14 सदस्य प्रस्ताव के पक्ष में थे. अमेरिका द्वारा प्रस्ताव को वीटो किए जाने के बाद ही उसे महासभा में भेजा गया था.
• इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने अमेरिका द्वारा येरुशलम को उसकी राजधानी के रूप में मान्यता देने के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा में होने वाले मतदान से पहले ही उसे खारिज कर दिया है
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