UNGA ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन को पर्यवेक्षक का दर्जा दिया, जानें सबकुछ

Dec 10, 2021, 16:21 IST

अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance) संधि-आधारित एक अंतर-सरकारी संगठन है. इसका प्राथमिक कार्य वित्तपोषण एवं प्रौद्योगिकी की लागत को कम करके सौर विकास को उत्प्रेरित करना है.

International Solar Alliance
International Solar Alliance

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance) को पर्यवेक्षक का दर्जा दिया है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने इसे ऐतिहासिक करार देते हुए अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) वैश्विक ऊर्जा वृद्धि और विकास को लाभ पहुंचाने हेतु साझेदारी के माध्यम से सकारात्मक वैश्विक जलवायु कार्रवाई का एक उदाहरण बन गया है.

राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने इस संबंध में एक ट्वीट किया. उन्‍होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन को पर्यवेक्षक का दर्जा देने के लिए आज संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा ऐतिहासिक निर्णय लिया गया. बीते 6 सालों में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन वैश्विक ऊर्जा वृद्धि और विकास के लिए साझेदारी के जरिये सकारात्मक वैश्विक जलवायु कार्रवाई का एक उदाहरण बन गया है.

108 देशों ने हिस्‍सा लिया

अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) की चौथी आम सभा इससे पहले अक्टूबर में आयोजित की गई थी. इसमें कुल 108 देशों ने हिस्‍सा लिया था. इनमें 74 सदस्य देश, 34 पर्यवेक्षक देश, 23 सहयोगी संगठन और 33 विशेष आमंत्रित संगठन शामिल रहे.

अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के शुभारंभ की घोषणा

अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के शुभारंभ की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलां ने नवंबर 2015 में फ्रांस के पेरिस में आयोजित यूएन क्‍लाइमेट चेंज कॉन्‍फ्रेंस ऑफ द पार्टीज के 21वें सत्र में की थी.

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अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के बारे में

अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance) संधि-आधारित एक अंतर-सरकारी संगठन है. इसका प्राथमिक कार्य वित्तपोषण एवं प्रौद्योगिकी की लागत को कम करके सौर विकास को उत्प्रेरित करना है. पेरिस में साल 2015 के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के दौरान भारत और फ्राँस द्वारा सह-स्थापित ‘अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन’ वैश्विक जलवायु नेतृत्वकर्त्ता की भूमिका में भारत का बहुत ही अहम प्रयास है.

‘अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन’, ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ (OSOWOG) को लागू करने के लिए नोडल एजेंसी है. इसका उद्देश्य एक विशिष्ट क्षेत्र में उत्पन्न सौर ऊर्जा को किसी दूसरे क्षेत्र की बिजली की मांग को पूरा करने के लिये स्थानांतरित करना है.

भारत ने ‘राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान’ के गुरुग्राम स्थित परिसर में ‘अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन’ को 5 एकड़ भूमि आवंटित की है और 160 करोड़ रुपए की राशि जारी की है. ‘राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान’ नवीन एवं नवीकरणीय मंत्रालय (MNRE) की एक स्वायत्त संस्था है और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में शीर्ष राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास संस्थान है.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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