सरकारी आंकड़ों के लिए संयुक्त राष्ट्र मौलिक सिद्धांत अपनाने की मंजूरी केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रदान की

May 10, 2016, 14:56 IST

अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपनाए जाने के अलावा इसे अपनाए जाने से पेशेवर स्वतंत्रता, निष्पक्षता, जवाबदेही और सरकारी आंकड़ों में पारदर्शिता आएगी.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 4 मई 2016 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी आंकड़ों के लिए संयुक्त राष्ट्र के मौलिक सिद्धांतों को अपनाने की मंजूरी दे दी.

अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपनाए जाने के अलावा इसे अपनाए जाने से पेशेवर स्वतंत्रता, निष्पक्षता, जवाबदेही और सरकारी आंकड़ों में पारदर्शिता आएगी.

प्रणालियों, प्रक्रियाओं और संस्थाओं को इन सिद्धांतों के अनुरुप बनाने के लिए इससे सरकारी आंकड़ों पर राष्ट्रीय नीति तैयार करने के लिए भी रास्ता बनेगा.

सरकारी आंकड़ों पर संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाए गए दस मौलिक सिद्धांत इस प्रकार हैं–

सिद्धांत 1: सरकारी आंकड़ें एक लोकतांत्रिक समाज की सूचना प्रणाली में अनिवार्य तत्व प्रदान करते हैं और अन्यों के साथ– साथ सरकार एवं अर्थव्यवस्था की सेवा करते हैं.

सिद्धांत 2: सरकारी आंकड़ों में विश्वास बनाए रखने के लिए सांख्यिकीय एजेंसियों को सख्त पेशेवर नैतिकता के अनुसार फैसला करने की जरूरत है. इसमें वैज्ञानिक सिद्धांत और पेशेवर नैतिकता, आंकड़े एकत्र करने की पद्धतियों एवं प्रक्रियाओं, सांख्यिकीय आंकड़े तैयार करना, उन्हें संभाल कर रखना एवं उनकी प्रस्तुति भी शामिल है.

सिद्धांत 3: आंकड़े की सही व्याख्या की सुविधा प्रदान करने के लिए सांख्यिकीय एंजेंसियों को सांख्यिकी के स्रोतों, पद्धतियों एवं प्रक्रियाओं के वैज्ञानिक मानकों के अनुसार जानकारी प्रस्तुत करनी होती है.

सिद्धांत 4: सांख्यिकीय एजेंसियां गलत व्याख्या और आंकड़ों के दुरुपयोग पर टिप्पणी करने की हकदार हैं.

सिद्धांत 5: सांख्यिकीय उद्देश्यों के लिए आंकड़े सभी प्रकार के स्रोतों– सांख्यिकीय सर्वेक्षण या प्रशासनिक रिकॉर्डों से प्राप्त किए जा सकते हैं. सांख्यिकीय एजेंसियों को गुणवत्ता, समयबद्धता, लागत एवं उत्तरदाताओं पर बोझ के संबंध में स्रोत का चयन कर सकती हैं.

सिद्धांत 6: सांख्यिकीय संकलन के लिए सांख्यिकीय एजेंसियों द्वारा एकत्र किए गए व्यक्तिगत आंकड़े चाहे वे प्राकृतिक या कानूनी व्यक्तियों से संबंधित हो, उनकी गोपनीयता का सख्ती से पालन किया जाएगा और उनका प्रयोग विशेष रुप से सांख्यिकीय उद्देश्यों के लिए किया जाएगा.

सिद्धांत 7: जिन कानूनों, नियमों और उपायों के तहत सांख्यिकीय प्रणालियों का संचालन किया जा रहा है, को सार्वजनिक किया जाएगा.

सिद्धांत 8: सांख्यिकीय प्रणाली में स्थिरता एवं कुशलता प्राप्त करने के लिए देशों के भीतर सांख्यिकीय एजेंसियों के बीच समन्वय अनिवार्य है.

सिद्धांत 9:  प्रत्येक देश में सांख्यिकीय एजेंसियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय अवधारणाओं, वर्गीकरणों और पद्धतियां सभी सरकारी स्तरों पर सांख्यिकीय प्रणालियों की स्थिरता और कुशलता को बढ़ावा देते हैं.

सिद्धांत 10: सभी देशों में सरकारी आंकड़ों की प्रणालियों में सुधार के लिए आंकड़ों के योगदान में द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग.

पृष्ठभूमि

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने जनवरी 2014 के संकल्प में इन सिद्धांतों का समर्थन किया था.

• इन सिद्धांतों की ज्यादातर बातों  का पालन सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा पहले से ही किया जा रहा है फिर भी संयुक्त राष्ट्र महासभा संकल्प के मसौदे पर केंद्रीय विदेश मंत्रालय से मिले संदर्भ पर MoSPI इसका समर्थन कर रही है.

• संयुक्त राष्ट्र ने मार्च 2015 में न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकीय आयोग के 46वें सत्र में इस मामले की समीक्षा की थी जिसमें MoSPI ने भारत का प्रतिनिधित्व किया था.

• भारत को सरकारी आंकड़ों पर मौलिक सिद्धांतों के कार्यान्वयन में हुए कार्य की प्रगति की रिपोर्ट 2017 में आयोजित होने वाले संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकीय आयोग के 48वें सत्र में संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी विभाग में विचारार्थ देनी होगी.

 

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