केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 01 अगस्त 2018 को भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) द्वारा आईडीबीआई बैंक की नियंत्रण हिस्सेदारी के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी.
एलआईसी द्वारा वरियता आवंटन/इक्विटी की खुली पेशकश के माध्यम से तथा बैंक में सरकार द्वारा प्रबंधन नियंत्रण छोड़ने से बैंक के नियंत्रणकारी हिस्से के अधिग्रहण को स्वीकृति दे दी है.
मंत्रिमंडल ने आईडीबीआई बैंक में सरकार की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से नीचे करने की स्वीकृति दे दी है.
एलआईसी के पास बैंक की 10.8 फीसदी हिस्सेदारी पहले से है, जो अब 51 फीसदी हो जाएगी. सरकार के इस फैसले के बाद आईडीबीआई बैंक में उसकी हिस्सेदारी 80.96 फीसदी से घटकर अब 45 फीसदी हो जाएगी.
इस सौदे से आईडीबीआई बैंक और एलआईसी को कैसे फायदा होगा?
- इस अधिग्रहण से उपभोक्ताओं,एलआईसी तथा बैंक को मेलजोल का व्यापक लाभ मिलेगा.
- एलआईसी और आईडीबीआई बैंक को बड़ा बाजार प्राप्त होने, वितरण लागत में कटौती तथा उपभोक्ता अधिग्रहण, अत्यधिक क्षमता और संचालन में लचीलापन तथा एक-दूसरे को उत्पादों और सेवाओं की बिक्री के अधिक अवसर का लाभ मिलेगा.
- दरवाजे पर बैंकिग सेवाओं के लिए बैंक को 11 लाख एलआईसी एजेंटों की सेवाएं लेने का अवसर मिलेगा और उसे उपभोक्ता सेवाओं में सुधार और वित्तीय समावेश को प्रगाढ़ बनाने का अवसर मिलेगा.
- बैंक को कम लागत की जमाओं की खरीद तथा भुगतान सेवाओं से फीस आय के माध्यम से फंडों की कम लागत के संदर्भ में लाभ हासिल होगा.
- इससे एलआईसी तथा बैंक को वित्तीय रूप से मजबूत बनने में मदद मिलेगी और उनकी सहायक कंपनियों को हाऊसिंग फाइंनेस तथा म्यूचुअल फंड जैसे वित्तीय उत्पाद बाजार में लाने में मदद मिलेगी.
- उपभोक्ताओं को एक छतरी के नीचे वित्तीय सेवाओं की पेशकश का लाभ मिलेगा तथा एलआईसी जीवन बीमा कवरेज विस्तार बेहतर तरीके से करेगी.
- एलआईसी को बैंक एश्योरेंस प्राप्त होगा. एलआईसी को बैंक की नकद प्रबंधन सेवाओं तक पहुंच बनाने के अतिरिक्त बैंक की 1916 शाखाओं के नेटवर्क से बीमा उत्पाद बेचने का लाभ मिलेगा.
- एलआईसी का वित्तीय समूह बनने का विजन साकार होने में लाभ मिलेगा.
पृष्ठभूमि:
वित्त मंत्री ने 2016 में अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि आईडीबीआई बैंक में बदलाव की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है और सरकार इस प्रक्रिया को जारी रखेगी तथा अपनी हिस्सेदारी घटाकर 50 प्रतिशत से नीचे करने के विकल्प पर विचार करेगी. एलआईसी ने बोर्ड की स्वीकृति से आईडीबीआई बैंक में नियंत्रणकारी हिस्से के अधिग्रहण के लिए भारत के बीमा नियामक तथा विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) से अनुमति मांगी थी. एलआईसी ने आईआरडीएआई से स्वीकृति प्राप्त होने पर आईडीबीआई बैंक के 51 प्रतिशत नियंत्रणकारी हिस्से के अधिग्रहण में अभिरुचि व्यक्त की.
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