केंद्रीय मंत्रिमंडल ने किसानों हेतु कम अवघि के फसल ऋण पर बैंकों के लिए ब्याज अनुदान को मंजूरी दी

Jun 15, 2017, 15:10 IST

इससे किसानों को केवल 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर 1 वर्ष के भीतर भुगतान योग्य अधिकतम तीन लाख रुपये तक की लघुकालिक फसल ऋण प्राप्त करने में मदद मिलेगी.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 14 जून 2017 को वर्ष 2017-18 के लिए किसानों के ब्याज हेतु अनुदान योजना (आईएसएस) को अपनी मंजूरी दे दी है.

इससे किसानों को केवल 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर 1 वर्ष के भीतर भुगतान योग्य अधिकतम तीन लाख रुपये तक की लघुकालिक फसल ऋण प्राप्त करने में मदद मिलेगी. केंद्र सरकार ने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए 20,339 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है.

Union Cabinet approves Interest Subvention to banks on short-term crop loan to farmers

संबंधित मुख्य तथ्य:

•    अपनी निजी निधि के इस्तेमाल करने वाले सार्वजनिक क्षेत्र  के बैंक, निजी क्षेत्र के बैंक,  सहकारी बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, सहकारी बैंक के  वित्तपोषण के लिए नाबार्ड को ब्याज अनुदान दिया जाएगा.

•    इस योजना का उद्देश्य देश में कृषि उत्पादकता और उत्पादन पर जोर देने के लिए किफायती दर पर लघुकालिक फसल ऋण के लिए कृषि ऋण उपलब्ध कराना है.

•    ब्याज अनुदान योजना 1 वर्ष के लिए जारी रहेगी. नाबार्ड तथा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इसे कार्यान्वित किया जाएगा.

इस योजना की मुख्य विशेषताएं:

•    केंद्र सरकार वर्ष 2017-18 के दौरान  अधिकतम 1 वर्ष के लिए अधिकतम 3 लाख रुपये के लघुकालिक फसल ऋण का समय पर भुगतान करने वाले सभी किसानों को प्रतिवर्ष 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान देगी. इस तरह किसानों को केवल 4 प्रतिशत ब्याज देना होगा. यदि किसान समय पर लघुकालिक फसल ऋण का भुगतान नहीं करता है तो वह उसे 2 प्रतिशत ब्याज अनुदान ही मिलेगा.

•    केंद्र सरकार वर्ष 2017-18 के लिए ब्याज अनुदान के रूप में लगभग 20,339 करोड़  रुपए उपलब्ध कराएगी.

•    ऐसे लघु और सीमांत किसानों को राहत प्रदान करने के क्रम में, जिन्होंने अपने उत्पाद के फसल पश्चात भंडारण के लिए 9 प्रतिशत की दर पर कर्ज लिया है, केंद्र सरकार ने अधिकतम 6 माह के  कर्जे के लिए 2 प्रतिशत ब्याज अनुदान, यानी 7 प्रतिशत की प्रभावी ब्याज दर को मंजूरी दी है.

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•    प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को राहत प्रदान करने के लिए भुगतान राशि पर पहले वर्ष के लिए बैंकों को 2 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाएगा.

•    यदि किसान समय पर लघुकालिक फसल ऋण का भुगतान नहीं करते हैं तो वह उपर्युक्त के स्थान पर 2 प्रतिशत ब्याज अनुदान के लिए पात्र होंगे.

प्रमुख प्रभाव:

कृषि क्षेत्र में अधिक उत्पादकता और कुल उत्पादन के लक्ष्य तक पहुंचने में ऋण सुविधा एक महत्वपूर्ण घटक है. ब्याज अनुदान  से उत्पन्न विभिन्न बाध्यताओं को पूरा करने के लिए मंत्रिमंडल की और से 20,339 करोड़ रुपए की मंजूरी मिलने से किसानों को लघुकालिक फसल ऋणों के साथ-साथ फसल –पश्चात भंडारण सुविधा को पूरा करके देश के किसानों को एक महत्वपूर्ण आवश्यकता को पूरा करने में मदद मिलेगी.

इस संस्थागत ऋण सुविधा से किसानों को गैर- संस्थागत ऋण स्रोतों  से कर्ज प्राप्त करने की बाध्यता से मुक्त करने में मदद मिलेगी, जहां से वह  अत्यधिक दरों पर कर्ज लेने के लिए बाध्य है. केंद्र सरकार ने बीज से लेकर विपणन तक कई नई पहले शुरू की है. संस्थागत स्रोतों से मिलने वाले कर्जे से मृदा स्वास्थ्य कार्ड, इनपुट प्रबंधन, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में प्रति बूंद अधिक फसल, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, ई-नाम आदि सरकार की ऐसी सभी पहलों की प्रतिपूर्ति होगी.

पृष्ठभूमि:

यह योजना वर्ष 2006-07  से चल रही है. इसके तहत, किसानों को अधिकतम 3 लाख रुपये का रियायती फसल ऋण 7 प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध कराया जाता है. इसमें 3 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान का प्रावधान भी है. शीघ्र भुगतान हेतु ऋण प्राप्त करने की तिथि से 1 वर्ष के भीतर की अवधि है. संकटापन्न विक्रय की रोकथाम के उपाय के रूप में, किसान क्रेडिट कार्ड धारक लघु और सीमांत किसानों के लिए अधिकतम 6 माह के लिए निगोशिएबल वेयरहाउस रिसीट के तहत  मान्यता प्राप्त भंडारगृहों में भंडारण के लिए फसल पश्चात ऋण सुविधा उपलब्ध है.

 

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