केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नए वेतन विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी है. नए वेतन विधेयक से मजदूरी से जुड़े चार कानूनों को एक कर सभी क्षेत्रों हेतु न्यूनतम वेतन तय किया सकेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस सबंध में तैयार मसौदा विधेयक को मंजूरी दी गई.
प्रस्तावित न्यूनतम वेतन कोड विधेयक के लागू होने से देश के चार करोड़ से अधिक कर्मचारियों को फायदा मिलने की उम्मीद है. वेतन लेबर कोड बिल में न्यूनतम वेतन कानून 1948, वेतन भुगतान कानून 1936, बोनस भुगतान कानून 1965 और समान पारितोषिक कानून 1976 को एक साथ जोड़ दिया जायेगा.
न्यूनतम वेतन कोड विधेयक में केंद्र को देश में सभी क्षेत्रों हेतु न्यूनतम वेतन निर्धारित करने का अधिकार देने की बात कही गयी है. न्यूनतम वेतन कोड विधेयाक के अनुसार राज्यों को उसे बनाए रखना होगा. सरकार द्वारा इस विधेयक को मानसून सत्र में संसद में प्रस्तुत किए जाने की संभावना है.
न्यूनतम वेतन कोड विधेयक के अनुसार राज्य अपने क्षेत्र में केंद्र सरकार के मुकाबले अधिक न्यूनतम वेतन उपलब्ध करा सकेंगे. मानसून सत्र 11 अगस्त को खत्म होगा.
जिन कर्मचारियों को होगा फायदा-
- नया न्यूनतम वेतन नियम सभी कर्मचारियों पर लागू होगा.
- चाहे उनका वेतन कुछ भी क्यों नहीं हो.
- वर्तमान में केंद्र और राज्य का निर्धारित न्यूनतम वेतन उन कर्मचारियों पर लागू होता है जिन्हें मासिक 18,000 रुपये तक सैलेरी मिलती है.
- वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार इससे सभी उद्योग और कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन तय हो सकेगा.
- इसमें वो कर्मचारी भी शामिल हो जाएंगे, जिन्हें 18,000 रुपये से अधिक सैलेरी मिलती है.

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