13 मई, 2021 को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कतर वित्तीय केंद्र प्राधिकरण (QFCA) और इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने को अपनी मंजूरी दे दी है.
इस हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन से कतर वित्तीय केंद्र प्राधिकरण और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय, भारत के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान को लाभ होगा.
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के पास कतर (दोहा) और मिडल ईस्ट चैप्टर में 6000 से अधिक सदस्यों का एक मजबूत सदस्यता आधार है और यह ICAI के सबसे जीवंत चैप्टर्स में से एक है.
ICAI के सदस्य विभिन्न सार्वजनिक और निजी कंपनियों में प्रमुख पदों पर रहते हैं. वे कतर में लेखांकन पेशे (एकाउंटिंग प्रोफेशन) के समर्थन और विकास में भी सक्रिय तौर पर शामिल हैं.
उद्देश्य
दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित यह समझौता ज्ञापन, कतर में लेखांकन पेशे और उद्यमशीलता के आधार को मजबूत करने के लिए इन संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ाएगा.
महत्त्व
• इस समझौते पर हस्ताक्षर करने से मध्य पूर्व में ICAI के सदस्यों की संभावनाओं को बेहतर पहचान दिलाने के साथ-साथ कतर में व्यापार करने के इच्छुक भारतीय व्यवसायों का समर्थन करने और इस प्रकार भारत और कतर की अर्थव्यवस्थाओं के विकास का समर्थन करने के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा.
• यह समझौता आगे सलाहकार, बीमा और लेखा परीक्षा/ ऑडिटिंग, वित्तीय सेवाओं, कराधान और संबद्ध क्षेत्रों में कतर में पेशेवर सेवाएं प्रदान करने के लिए व्यवसाय स्थापित करके ICAI सदस्यों के लिए पेशेवर सेवाएं प्रदान करने के अवसरों को बढ़ाने का प्रयास करेगा.
• ICAI इस MoU के तहत, एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से कतर के स्थानीय पेशेवरों, छात्रों और उद्यमियों को शिक्षित और प्रशिक्षित भी करेगा. यह QFCA के सहयोग से किया जाएगा.
कतर में भारतीय व्यवसायों के लिए एक साथ काम करेंगे ICAI और QFCA
कतर फाइनेंशियल सेंटर अथॉरिटी और इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया कतर में भारतीय व्यवसायों के लिए अवसरों का पता लगाने के लिए मिलकर काम करेंगे. यह कार्य नेटवर्किंग इवेंट्स, राउंडटेबल्स या फिर, किसी अन्य मोड के माध्यम से किया जाएगा जिस पर वे परस्पर सहमत होंगे.
दोनों तकनीकी अनुसंधान और सलाह, कॉर्पोरेट प्रशासन, गुणवत्ता आश्वासन, छोटे और मध्यम आकार के कारोबारों के मुद्दों, फोरेंसिक एकाउंटिंग, सतत व्यावसायिक विकास, इस्लामी वित्त या आपसी हित के किसी अन्य विषय पर उत्पन्न होने वाले अवसरों पर सहयोग करेंगे.
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