केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और ब्रिटेन के बीच प्रवास एवं आवागमन संबंधी समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी

May 6, 2021, 12:05 IST

इस समझौता-ज्ञापन से भारतीय छात्रों, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं, पेशेवरों और आर्थिक कारणों से प्रवास करने वाले लोगों को लाभ मिलेगा.

Union Cabinet approves MoU between India-UK on Migration and Mobility Partnership
Union Cabinet approves MoU between India-UK on Migration and Mobility Partnership

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत तथा ब्रिटेन एवं उत्तरी आईलैंड के बीच प्रवास और आवागमन के लिये समझौता-ज्ञापन को 05 मई 2021 को अनुमति प्रदान कर दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को अनुमति दी गई.

यह समझौता-ज्ञापन भारत सरकार और ब्रिटेन की महारानी की सरकार (इंग्लैंड, वेल्स, स्कॉटलैंड और आयरलैंड) तथा उत्तरी आईलैंड के बीच है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रवासन और आवागमन भागीदारी समझौते पर दस्तखत के बाद कहा कि इस करार से दोनों देशों के बीच रिश्ते और प्रगाढ़ होंगे.

समझौता-ज्ञापन का उद्देश्य

इस समझौता-ज्ञापन का उद्देश्य वीजा प्रक्रिया को उदार बनाना है, ताकि छात्रों, शोधकर्ताओं और कुशल पेशेवरों का आवागमन आसान हो तथा दोनों पक्षों के बीच अनियमित प्रवास एवं मानव तस्करी सम्बन्धी मुद्दों पर सहयोग को मजबूत बनाया जा सके.

समझौता-ज्ञापन से फायदा

इस समझौता-ज्ञापन से भारतीय छात्रों, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं, पेशेवरों और आर्थिक कारणों से प्रवास करने वाले लोगों को लाभ मिलेगा. इससे उन लोगों को भी लाभ होगा, जो जाति, आस्था, धर्म या लैंगिक विचारों को दरकिनार करके दोनों देशों के बीच आर्थिक विकास के लिये विभिन्न परियोजनाओं के जरिये स्वेच्छा से योगदान करना चाहते हों.

दोनों देशों के बीच नवाचार व्यवस्था

यह समझौता-ज्ञापन प्रतिभाओं के निर्बाध आवागमन से दोनों देशों के बीच नवाचार व्यवस्था को मदद करेगा. इसमें कहा गया है कि विदेश मंत्रालय संयुक्त कार्य समूह प्रणाली के तहत समझौता-ज्ञापन के कारगर क्रियान्वयन की कड़ी निगरानी करेगा.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क्या कहा?

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रवासन और आवागमन भागीदारी समझौते पर दस्तखत के बाद कहा कि इस करार से दोनों देशों के बीच रिश्ते और मजबूत होंगे. विदेश मंत्री जयशंकर के अनुसार समझौते से भारत और ब्रिटेन के बीच वैध तरीके से यात्रा और प्रतिभाओं की आवाजाही बढ़ेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के बीच डिजिटल माध्यम से वार्ता के परिणामस्वरूप यह समझौता हुआ है.

रोडमैप 2030 को मंजूरी

भारत और ब्रिटेन ने हाल ही में दोनों देशों के संबंधों को 'व्यापक रणनीतिक साझेदारी' की ओर ले जाने के लिए महत्वाकांक्षी ‘‘रोडमैप 2030’’ को मंजूरी दी. दोनों देशों ने अवसरों और क्षमताओं का पूरा लाभ उठाने के लिए आरंभिक निष्‍कर्ष हासिल करने के उद्देश्‍य से अंतरिम व्‍यापार समझौते पर विचार करने सहित व्‍यापक और संतुलित मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) के लिए वार्ता शुरू करने की घोषणा की.

कई मुद्दों पर बनी सहमति

विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि दोनों नेता कोविड-19 टीका, उपचार और निदान के क्षेत्र में साझेदारी बढ़ाने पर भी सहमत हुए. इसके अतिरिक्त नाक के जरिए दिए जाने वाले टीके, नियामक और क्‍लीनिकल परीक्षण में सहयोग सहित संयुक्‍त अनुसंधान पर भी दोनों नेताओं ने बल दिया.

6,500 से अधिक नौकरियां सृजित

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया कि भारत और ब्रिटेन के बीच एक अरब पौंड के नए व्यापार और निवेश की प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणा से ब्रिटेन में 6,500 से अधिक नौकरियां सृजित होंगी.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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