केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15 सितंबर, 2021 को ऑटो, ऑटो पार्ट्स और ड्रोन इंडस्ट्री के लिए 26,058 करोड़ रुपये की उत्पादन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना अपनी मंजूरी दी है.
इस स्वीकृत PLI योजना में 26,058 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान है जिसमें से ऑटो सेक्टर के लिए 25,938 करोड़ रुपये और ड्रोन उद्योग के लिए 120 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस योजना की जानकारी देते हुए यह कहा कि, ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री/ उद्योग भारत के विनिर्माण सकल घरेलू उत्पाद में 35% का योगदान देता है. वैश्विक ऑटोमोटिव व्यापार में भारत की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है.
महत्त्व
• केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए यह कहा कि, इससे भारत की विनिर्माण क्षमता में वृद्धि होगी.
• उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के माध्यम से, ऑटो क्षेत्र 7,00,000 से अधिक लोगों के लिए रोजगार पैदा करेगा.
• इस योजना से कुल 50 ऑटो कंपोनेंट/ पार्ट्स निर्माता, 10 वाहन निर्माता और 5 नए गैर-ऑटोमोटिव निवेशक लाभान्वित होंगे.
• केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ऑटो क्षेत्र के लिए अनुमोदित यह PLI योजना भारत में उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकियों की वैश्विक आपूर्ति की शुरुआत को प्रोत्साहित करेगी.
ऑटो क्षेत्र के लिए PLI योजना की मुख्य विशेषताएं
• यह नव-घोषित प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम वित्त वर्ष 23 से 5 वर्ष की अवधि के लिए प्रभावी होगी और पात्रता मानदंड के लिए इसका आधार वर्ष 2019-20 होगा.
• ऑटो कंपोनेंट के तहत, कुल 22 घटकों/ कंपोनेंट्स को कवर किया जाएगा - हाइड्रोजन फ्यूल सेल, फ्लेक्स-फ्यूल किट, हाइब्रिड एनर्जी स्टोरेज सिस्टम और इलेक्ट्रिक व्हीकल पार्ट, जिसमें ड्राइव ट्रेन, चार्जिंग पोर्ट, इलेक्ट्रिक कम्प्रेसर, इलेक्ट्रिक वैक्यूम पंप, अन्य शामिल हैं. .
• ऑटो सेक्टर के लिए यह PLI योजना समग्र PLI प्रोत्साहन का एक हिस्सा है जिसकी घोषणा केंद्रीय बजट, 2021-22 में 13 क्षेत्रों के लिए की गई थी.
इस PLI योजना से अपेक्षित हैं नए निवेश
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह बताया कि, यह PLI योजना अगले 05 वर्षों में 42,500 करोड़ रुपये से अधिक का नया निवेश लाएगी और 2.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वृद्धिशील उत्पादन होगा.
उन्होंने आगे यह भी कहा कि, ऑटो कंपनियों को 05 वर्षों में 2,000 करोड़ रुपये का नया निवेश करना होगा.
इस PLI योजना के तहत 05 साल की अवधि में कंपोनेंट निर्माताओं को 500 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा. केंद्र सरकार को भारतीय ड्रोन उद्योग में 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की उम्मीद है.
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