केंद्र सरकार ने 27 अप्रैल 2016 को वाणिज्यिक प्रजनन के उद्देश्य से उपयोग किये जाने पर कुत्तों के आयात पर प्रतिबन्ध लगाये जाने की अधिसूचना जारी की.
यह प्रतिबन्ध विभिन्न पशु अधिकार संगठनों द्वारा यहां की जलवायु के विदेशी कुत्तों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव के बारे में आवाज़ उठाने पर लगाया गया.
ह्यूमन सोसाइटी इंटरनेशनल (एचएसआई) एवं पीपल फॉर एनिमल्स एवं अन्य समूहों द्वारा इन विदेशी कुत्तों की नस्लों पर प्रतिबन्ध लगाए जाने की सिफारिश की गयी क्योंकि इससे देश में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ रही थी.
इस याचिका में कहा गया कि विभिन्न विदेशी कुत्ते हैं जो देश की जलवायु के अनुसार स्वयं को ढाल नहीं सकते इनमें सेंट बर्नार्ड्स, साइबेरियन हस्किस, अलास्कन मालामुटेस एवं अन्य प्रजातियां शामिल हैं.
इन बहुत सी प्रजातियों को बीमार होने पर इनके मालिकों द्वारा छोड़ दिया जाता है क्योंकि वे इन प्रजातियों की आवश्यकताओं को समझ नहीं पाते.
पशु अधिकार संगठनों ने सरकार से इस संबंध में भारतीय विधि आयोग की सिफारिशों को लागू किये जाने की सिफारिश भी की.
वर्ष 2015 में आयोग ने अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की जिसका शीर्षक था – पशुओं की दुकानें एवं कुत्तों तथा मछलियों के प्रजनन को विनियमित करने की आवश्यकता. इससे केंद्र सरकार को उचित कदम उठाने के लिए बाध्य होन पड़ा.
Now get latest Current Affairs on mobile, Download # 1 Current Affairs App
Comments
All Comments (0)
Join the conversation