केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में घोषणा किया की जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा से शून्य से दस किलोमीटर तक के हिस्से की सुरक्षा के लिए अलग से दो बटालियन तैयार की जाएंगी. गृह मंत्री ने इसके साथ सात और बटालियनों के गठन की घोषणा की है.
केंद्रीय गृह मंत्री दो दिनों की यात्रा पर 07 जून 2018 को जम्मू-कश्मीर पहुंचे थे. इस दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और जम्मू-कश्मीर पुलिस के उच्च अधिकारियों के साथ हुई बैठक में उन्होंने भारत-पाकिस्तान सीमा पर ताजा हालात और सुरक्षा-व्यवस्था की समीक्षा भी की है.
गृह मंत्री ने कहा है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में शांति बहाल करने के मिशन पर है और इस काम में किसी तरह की कोई अड़चन नहीं आने दी जाएगी.
सीमावर्ती लोगों के हित में सरकार द्वारा की गई पहल:
• इन रिजर्व बटालियनों में पांच हजार से ज्यादा नियुक्तियां की जाएंगी. केंद्रीय गृह मंत्री के मुताबिक 60 फीसदी नियुक्तियों को अंतरराष्ट्रीय सीमा से दस किलोमीटर तक के दायरे में रहने वाले इलाकों के लोगों के लिए आरक्षित रखा जाएगा.
• इन सात बटालियनों में दो महिला बटालियन भी होंगी. इनमें से एक की तैनाती जम्मू और दूसरी की कश्मीर इलाके में की जाएगी.
• यह राज्य में सुरक्षा को बढ़ाने के अलावा लगभग सात हजार युवा पुरुषों और महिलाओं को प्रत्यक्ष रोजगार भी देगा.
• मंत्रालय ने सीमा पर गोलाबारी के दौरान मरने वाले लोगों को 5 लाख रुपये देने की योजना का भी पुनरीक्षण किया है. अब पांच लाख रुपए मृतक के सगे संबंधी के सीधे बैंक के खाते में जाएंगे और फिक्स डिपॉडिट वाली शर्ते हटा दी गई हैं.
• बॉर्डर इलाकों के लिए पांच बुलेट प्रूफ एंबुलेंस मुहैया कराए जाएंगे. 14 हजार नए बंकर बनाए जाएंगे.
• बंकर बनाने के लिए 415 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीजकृत की गई है. 14 हजार से ज्या दा नए बंकर बनाए जाने हैं, जिसमें 13029 से ज्यादा कम्यूृनिटी बंकर होंगे.
• गोलाबारी के दौरान पशुओं की मौत पर 50 हजार रुपए प्रति पशु मुआवजा दिया जाएगा और इसकी कोई सीमा नहीं होगी. पहले यह था कि केवल 3 पशुओं की मौत पर प्रति पशु 30 हजार रुपए मुआवजा मिलता था.
जम्मू-कश्मीर में प्रवासियों के हित में लिए गए कुछ महत्वपूर्ण कदम:
• कश्मी0र घाटी से विस्थाकपित लोगों को अब 13 हजार रुपए प्रति परिवार प्रतिमाह दिए जाएंगे. पहले 10 हजार रुपए प्रति परिवार प्रतिमाह दिए जाते थे.
• केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में रह रहे पश्चिमी पाकिस्तान से आए करीब 5,764 शरणार्थी परिवारों को 5.5 लाख रुपये प्रति परिवार आर्थिक मदद देने का फैसला लिया है.
• इसके अलावा, उनके सामने आने वाली समस्याओं को देखने के लिए प्रवासियों के लिए एक सलाहकार बोर्ड गठित किया जाएगा.
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