संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स और अपराध कार्यालय (यूएनओडीसी) द्वारा 24 मई 2016 को शुरूआती विश्व वन्यजीव अपराध रिपोर्ट जारी की गयी. इस रिपोर्ट में विभिन्न वन्य जीवों पर होने वाले अत्याचार एवं उन पर बढ़ते खतरों के बारे में बताया गया है.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि किस प्रकार वन्य संपदा का दोहन करके फर्नीचर, भोज्य पदार्थ, जानवरों के लिए सामान आदि तैयार किये जाते हैं.
यह रिपोर्ट यूएनओडीसी की अधिकारिक रूप से वन्य जीव और वन अपराध पर ग्लोबल कार्यक्रम के तहत जारी की गयी.
यह रिपोर्ट यूएनओडीसी द्वारा विभिन्न संगठनों से आंकड़े एकत्रित करके की गयी. इसमें वन्य जीवजंतु और फ्लोरा (सीआईटीईएस) विश्व सीमा शुल्क संगठन (WCO) की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन के सचिवालय भी शामिल है.
रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं
• वन्यजीव एवं वन क्षेत्र में होने वाले अपराध किसी देश अथवा सीमा में सीमित नहीं है.
• सरीसृप, कोरल, पक्षियों, और मछलियों की लगभग 7000 प्रजातियों की धरपकड़ की गयी.
• वन्यजीवों का अवैध बाजार जैविक श्रेणियों से मेल नहीं खाती. कुछ बाजारों में इससे विभिन्न मसाले बनाये जाते हैं.
• कुछ मामलों में पाया गया है कि बड़ी मात्रा में अवैध रूप से किये गये शिकार को वैध बाज़ार में बेचा जाता है. शिकार के उपरांत इनसे वैध उत्पाद तैयार करके बेचे जाते हैं.
• अवैध उत्पादों को अवैध बाज़ार में बेचने पर अधिक खरीददार मिलते हैं.
• बाजारों के कुछ रूप अवैध रूप से या तस्करी द्वारा वन्य जीवन को नुकसान पहुंचा रहे हैं: (1) जहां अंतरराष्ट्रीय कानून लागू नहीं होते (2) वन्य क्षेत्र (3) फार्म शोधन (4) दो वैध बाजारों के मध्य तस्करी (5) नकली कागजात तैयार करना.
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