UP सरकार ने बदला 'काकोरी कांड' का नाम, जानें क्या रखा

Aug 10, 2021, 15:22 IST

काकोरी कांड के लिए हमेशा रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी, ठाकुर रोशन सिंह समेत कुल दस क्रांतिकारियों को याद किया जाता है. 

UP government renames Kakori kand to Kakori train action
UP government renames Kakori kand to Kakori train action

उत्तर प्रदेश (UP) की योगी सरकार ने 'काकोरी कांड' का नाम बदलकर 'काकोरी ट्रेन एक्शन' कर दिया है. यूपी सरकार का मानना है कि 'कांड' शब्द भारत के स्वतंत्रता संग्राम के तहत इस घटना के अपमान की भावना को दर्शाता है. इस वजह से इसका नाम बदला गया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने 'चौरी चौरा महोत्सव' कार्यक्रम के तहत 'काकोरी ट्रेन एक्शन' की 97वीं वर्षगांठ मनाई.

बता दें, काकोरी में 09 अगस्त 2021 को इस मौके पर खास कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. इस दौरान किस्सागोई, तिरंगा यात्रा, फिल्म प्रदर्शनी समेत अन्य कार्यक्रम हुए. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल समेत अन्य कई अतिथि शामिल हुए. उत्तर प्रदेश सरकार ने काकोरी कांड को अपमानजनक मानते हुए इसका नाम बदला है. आजादी से जुड़े दस्तावेजों में अब इसे इसी नाम से ही जाना जाएगा.

मुख्यमंत्री ने विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काकोरी ट्रेन एक्शन की 97वीं वर्षगांठ पर देश की स्वाधीनता के लिए स्वयं को बलिदान करने वाले अमर हुतात्माओं को नमन करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ‘काकोरी ट्रेन एक्शन’ की घटना में क्रांतिकारियों के हाथ केवल 4,600 रुपए लगे थे, लेकिन अंग्रेजों ने इस पूरे घटना से जुड़े सभी क्रांतिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में 10 लाख रुपए खर्च किए थे.

काकोरी कांड: एक नजर में

काकोरी कांड के लिए हमेशा रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी, ठाकुर रोशन सिंह समेत कुल दस क्रांतिकारियों को याद किया जाता है. यानी काकोरी कांड को अंजाम देने वालों में अधिकतर लोग ‘हिंदुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन’ से जुड़े थे. इनमें से कुछ को बाद में इस मामले के लिए फांसी भी हो गई. इस पूरे कांड के दौरान जर्मनी के माउज़र का इस्तेमाल किया गया, करीब चार हजार रुपये लूटे गए थे.

ये घटना एक ट्रेन लूट से जुड़ी है, जो 9 अगस्त, 1925 को काकोरी से चली थी. आंदोलनकारियों ने इस ट्रेन को लूटने का प्लान बनाया था. जब ट्रेन लखनऊ से लगभग 8 मील की दूरी पर थी, तब उसमें बैठे तीन क्रांतिकारियों ने गाड़ी को रुकवाया और सरकारी खजाने को लूट लिया.

काकोरी कांड के आरोप में रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और रोशन सिंह को फांसी दे दी गई थी. काकोरी कांड का उद्देश्य केवल अंग्रेजों के सरकारी खजाने को लूटना था और उन्हें एक कड़ा संदेश पहुंचाना था.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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