अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की अध्यक्षता में संयुक्त राज्य अमेरिका प्रशासन ने 15 जून 2017 को इस्लामिक स्टेट के तीन वरिष्ठ सदस्यों को ब्लैकलिस्ट घोषित किया. इनमें एक ग्रुप का लीडर, भारत में प्रमुख भर्तीकर्ता तथा यूरोप में दो बड़े धमाके करने वाला लीडर शामिल है.
अमेरिकी विदेश एवं राजकोष विभाग के अनुसार तीनों ने अमेरिका के राष्ट्रीय हितों को चोट पहुंचाने देने वाले आतंकवादी हमलों को अंजाम देने जैसे खतरनाक काम किये हैं.
इससे यह तीनों अमेरिका द्वारा विशेष रूप से बनाये गये वैश्विक आतंकवादी सूची में शामिल हो गये हैं. तीनों के अमेरिका में खाते होने की स्थिति में उन्हें पूरी तरह बंद किया जायेगा तथा किसी भी अमेरिकी नागरिक को उनके साथ लेन-देन करने का अधिकार नहीं होगा. यह तीन आतंकवादी हैं:
ओसामा अहमद अतर
बेल्जियम और मोरक्को के नागरिक अहमद अतर को पेरिस में नवम्बर 2015 तथा मार्च 2016 में ब्रुसेल्स में आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है. इन हमलों में 162 लोग मारे गये थे.
मोहम्मद शफी अरमार
इस्लामिक स्टेट द्वारा इसे भारत में अधिक से अधिक लोगों की भर्तियां करने के लिए भेजा गया था. अमेरिकी विभाग के अनुसार अरमार ने भारत से दर्जनों लोगों को भर्ती करके उन लोगों से हमले करवाए. अरमार पर भारतीय ख़ुफ़िया विभाग द्वारा भी आईएस की विभिन्न गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप लगाये जा चुके हैं.
मोहम्मद अल बिनाली
बहरीन के निवासी बिनाली को इस्लामिक स्टेट की उन विभिन्न विडियो में देखा जा सकता है जिसके माध्यम से वह युवाओं से विशेषकर पुलिस और सैनिकबलों में मौजूद युवकों से इस्लामिक स्टेट ज्वाइन करने का आग्रह कर रहा है.
इन तीनों के अतिरिक्त, अमेरिकी विदेश विभाग ने चौथे आतंकवादी उमर अल-कुबायसी (इराक का नागरिक) को भी ब्लैकलिस्ट किया है. वह इराक में मनी एक्सचेंज का बिज़नेस चलाता है. ऐसा माना जा रहा है कि कुबायसी ने 2015-16 में आईएस को 2.5 मिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता प्रदान की.
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